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फीस न देने वाले बच्चों को परीक्षा से वंचित नहीं कर सकते स्कूल, हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

फीस न देने वालों छात्रों को आनलाइन क्लास न लगाने देने व परीक्षा में न बैठने देने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 05:36 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 05:36 PM (IST)
फीस न देने वाले बच्चों को परीक्षा से वंचित नहीं कर सकते स्कूल, हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कोविड 19 के चलते स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को आनलाइन क्लास के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है, लेकिन ऐसे बहुत मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें फीस न अदा करने वाले बच्चों को स्कूल आनलाइन क्लास लगाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला हाईकोर्ट पहुंचा है, जिसमें आरोप लगाया गया कि याचिकाकर्ता के बच्चों को आनलाइन क्लास लगाने व परीक्षा में बैठने की इजाजत नहीं दी जा रही है।

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याचिका में आरोप लगाया गया कि शिक्षा विभाग के अधिकारी ऐसे विषयों के प्रति गंभीर नहीं हैं। हाई कोर्ट ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए हरियाणा सरकार से कहा है कि वह कोर्ट में एक जवाब दाखिल करे। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के बच्चों को परीक्षा में शामिल करने के स्कूल प्रशासन को आदेश दिया था। हाई कोर्ट के जस्टिस सुधीर मित्तल ने यह आदेश स्टूडेंट पेरेंट्स वेलफेयर ग्रुप कैथल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, लेकिन फिर भी इस पर अमल नहीं हुआ है।

मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से दलील दी गई कि उसने निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन व अन्य फीस बढ़ाने को हाई कोर्ट में चुनौती दी हुई है। उनके मामले की सुनवाई अभी हाई कोर्ट में विचाराधीन है । इस बीच प्रतिवादी स्कूल ने गृह परीक्षा के लिए डेटशीट जारी कर दी, लेकिन जिन बच्चों ने फीस जमा नहीं करवाई, उनको परीक्षा में नहीं बैठने नहीं दिया जा रहा है।

हाई कोर्ट को बताया गया कि कई स्तर पर यह आदेश जारी हो चुके हैं कि अगर कोई विद्यार्थी फीस नहीं जमा करवा पाता है तो उसे परीक्षा से नहीं रोका जा सकता, लेकिन स्कूल इन आदेशों का पालन नहीं कर रहे। याची पक्ष ने इस मामले में हाई कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की। याची पक्ष की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि वह इस मामले में लगाए आरोपों की जांच करे। अगर आरोप सही हैं तो स्कूल के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।

हाई कोर्ट ने महाधिवक्ताओं से मांगा सहयोग

फीस का भुगतान न करने के कारण बच्चों को आनलाइन क्लास से बाहर करने के स्कूलों को फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं की बढ़ती संख्या पर हाई कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा कि ऐसे मामले में हरियाणा व पंजाब के एडवोकेट जनरल कोर्ट की सहायता करें व एक ऐसा तंत्र विकसित करें, जिससे यह मामला हाई कोर्ट ने आए और राज्य ही इसका समाधान कर सके।


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