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शिक्षा सचिव का एलान, आंदोलनों के दबाव में नहीं होंगे स्कूल अपग्रेड

हरियाणा में इन दिनों स्कूल अपग्रेड करने की मांग को लेकर विभिन्न जिलों के बच्चे सड़कों पर उतर आए हैं, लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया है दबाव में स्कूल अपग्रेड नहीं होंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 10:27 AM (IST)Updated: Tue, 23 May 2017 10:28 AM (IST)
शिक्षा सचिव का एलान, आंदोलनों के दबाव में नहीं होंगे स्कूल अपग्रेड
शिक्षा सचिव का एलान, आंदोलनों के दबाव में नहीं होंगे स्कूल अपग्रेड

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के विभिन्न जिलों में स्कूलों के अपग्रेडेशन की मांग को लेकर शुरू हुए आंदोलन सरकार के गले की फांस बन गए हैैं। इन आंदोलनों के बावजूद सरकार झुकने को तैयार नजर नहीं आ रही। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि नाम्र्स (मानदंड) पूरे किए बिना किसी स्कूल का अपग्रेडेशन नहीं होगा। सरकार के इस रुख के बाद राज्य के अलग-अलग जिलों में स्कूल अपग्रेडेशन को लेकर आंदोलन बढऩे के आसार हैैं।

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प्रदेश में इस समय जींद, पलवल, गुरुग्राम, पानीपत और रेवाड़ी जिलों में स्कूलों के अपग्रेडेशन की मांग को लेकर धरने और अनशन चल रहे हैैं। रेवाड़ी के गोठड़ा टप्पा में लड़कियों के अनशन के बाद सरकार को दबाव में स्कूल दसवीं से बारहवीं तक अपग्रेड करना पड़ा। इसके बाद विभिन्न जिलों में स्कूल अपग्रेडेशन की मांग जोर पकडऩे लगी है। अपनी इस मांग को मनवाने के लिए छात्र-छात्राओं ने अनशन और धरने-प्रदर्शनों का सहारा लेना शुरू कर दिया है।

प्रदेश के शिक्षा सचिव पीके दास ने इन आंदोलनों पर सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि हर गांव में स्कूल-कालेज खोलना मुमकिन नहीं है। अभी जो स्कूल चल रहे हैैं, उनमें माध्यमिक स्कूल से वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल तक की दूसरी दो से तीन किलोमीटर है। हर स्कूल को अपग्रेड कर बारहवीं तक नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा किया तो गलत प्रचलन शुरू हो जाएगा। नियमों और मानदंडों की भी कोई अहमियत नहीं रह जाएगी। ऐसे में आंदोलन किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।

शिक्षा सचिव के अनुसार किसी भी स्कूल के अपग्रेडेशन के लिए नाम्र्स पूरे करने जरूरी हैैं। शिक्षा मंत्री पहले ही घोषणा कर चुके कि जिन स्कूलों का अपग्रेडेशन होना है, उनकी सूची लगभग तैयार है, जिसे जल्द जारी किया जाएगा, लेकिन आंदोलन के दबाव में कोई स्कूल अपग्रेड नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पंचायतों व अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को समझाएं। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैैं कि वे अपने क्षेत्रों में आंदोलनकारी बच्चों से बात करें और उन्हें वास्तविकता से वाकिफ कराएं।

सुरक्षा के लिए गृह एवं पंचायत सचिव को लिखे पत्र

जिन स्कूलों के आसपास लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं बढऩे का हवाला दिया जा रहा है, वहां सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त करने के लिए सरकार ने सिस्टम तैनात कर दिया है। शिक्षा सचिव पीके दास ने गृह सचिव रामनिवास और पंचायत विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव नवराज संधू को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार के स्तर पर ऐसे स्कूलों के आसपास सुरक्षा के बंदोबस्त किए जाएं। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों और अभिभावकों से भी आग्र्रह किया कि वे सुरक्षा बंदोबस्त अपने स्तर पर भी कराएं।

स्कूलों के प्रस्ताव भेजें, अगले सत्र में विचार करेंगे

शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास का कहना है कि नया शिक्षा सत्र शुरू हो चुका है। अब स्कूलों का अपग्रेडेशन संभव ही नहीं है। जो भी पंचायतें या स्कूल अपग्रेडेशन चाहते हैं, उन्हें शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजने चाहिए। इन स्कूलों को एग्जामिन कराकर अगले सत्र में कोई फैसला लिया जाएगा।

अपग्रेडेशन के लिए इन जिलों में चल रहे आंदोलन

- जींद के करसौला गांव में स्कूल अपग्रेडेशन की मांग को लेकर छात्राओं ने स्कूल पर ताला जड़ा और छात्राएं भूख हड़ताल पर बैठ गई।
- पलवल के सेलोटी गांव के हाई स्कूल को अपग्रेड कर सीनियर सेकंडरी किए जाने की मांग को लेकर छात्राओं ने अनशन किया। लड़कियों ने तीन दिन का वक्त दिया। बुधवार तक स्कूल अपग्रेड नहीं हुआ तो आंदोलन तेज होगा।
- गुरुग्राम के कादरपुर में राजकीय उच्च विद्यालय के अपग्रेडेशन की मांग को लेकर छात्राओं द्वारा अनशन किया जा रहा।
- रेवाड़ी के गोठड़ा के स्कूल के अपग्र्रेडेशन के बाद अब इसी जिले के राजगढ़ में स्कूल के अपग्रेडेशन की मांग को लेकर धरना दिया जा रहा।
- पानीपत के नांगलखेड़ी गांव में राजकीय उच्च विद्यालय के अपग्रेडेशन के लिए स्कूल पर ताला जड़ा गया।

बेटी पढ़ाने का नारा लगाना बंद कर दे सरकार

हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर का कहना है कि सरकार को नारे और जुमलेबाजी छोड़कर काम करना चाहिए। जहां जरूरत है, वहां से रिपोर्ट मंगवा कर स्कूलों को अपग्रेड कर देना चाहिए। बेटियां सरकार से सिर्फ शिक्षा मांग रही है। पता नहीं क्यों, सरकार शिक्षा देने के लिए तैयार नहीं है। अगर सरकार स्कूलों का दर्जा नहीं बढ़ा सकती तो उसे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा लगाना बंद कर देना चाहिए।

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