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ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में बंदरबांट का खुलासा, घिर सकते हैं IAS व IPS

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) में मल्टीपल प्लॉट आवंटन घोटाले की तर्ज पर पंचकूला की ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में बंदरबांट का खुलासा हुआ है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 07:42 PM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 08:33 AM (IST)
ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में बंदरबांट का खुलासा, घिर सकते हैं IAS व IPS
ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में बंदरबांट का खुलासा, घिर सकते हैं IAS व IPS

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) में मल्टीपल प्लॉट आवंटन घोटाले की तर्ज पर पंचकूला की ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में बंदरबांट का खुलासा हुआ है। मनसा देवी कांप्लेक्स में स्थित हरियाणा गवर्नमेंट ऑफिसर ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में तीन दर्जन से अधिक IAS और IPS अधिकारियों को अलॉटमेंट दी गई, जबकि वे इसके पात्र नहीं थे। हरियाणा के अफसरों के लिए बनी इस सोसायटी में किन IAS-IPS अफसरों ने अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर अलॉटमेंट ली, प्रदेश सरकार अब इसकी जांच कराएगी।

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मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने भी प्रदेश सरकार से जवाब तलब कर रखा है। बड़ा सवाल यह कि जब IAS और IPS केंद्र सरकार के अधीन काम करते हैं तो फिर राज्य सरकार के कर्मचारियों के नाते उन्हें सोसायटी में कैसे अलॉटमेंट की गई।

वर्ष 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की सरकार ने HCS-HPS के साथ ही प्रदेश के दूसरे अफसरों को आवास मुहैया कराने के लिए मनसा देवी कांप्लेक्स में हरियाणा गवर्नमेंट ऑफिसर ग्रुप हाउसिंग सोसायटी को जमीन दी थी।

नियमानुसार प्रदेश में अगर किसी व्यक्ति को किसी ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में प्लॉट या फ्लैट का अलॉटमेंट हो चुका हो तो उसे दूसरी सोसायटी में अलॉटमेंट नहीं की जा सकती। इसके बावजूद 40 IAS-IPS अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर इस सोसायटी के मेंबर बन गए, जबकि उनके पास दूसरी सोसायटी में भी प्लॉट या फ्लैट हैं।

बता दें कि इससे पहले वर्ष 2013 में HSVP में मल्टीपल प्लॉट आवंटन घोटाले का खुलासा हुआ था जिसमें प्रशासनिक सेवा के साथ सेना के कई अफसर फंसे हुए हैं। झूठे एफिडेविट देकर कई-कई प्लाट हासिल करने के मामले में 59 हाई प्रोफाइल लोगों पर मुकदमे दर्ज हो चुके। इन प्लॉट्स के लिए अधिकारियों की पहली पसंद पंचकूला, गुरुग्राम और फरीदाबाद रहे। करोड़ों रुपये की कीमत के इन प्लॉट को आरक्षित श्रेणी मेें गैरकानूनी तरीके से खरीदा गया था। यह मामला भी हाई कोर्ट में विचाराधीन है।

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