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हरियाणा में ग्रामीण विकास में आएगी तेजी, नाबार्ड देगा 1800 करोड़ , बुनियादी ढ़ांचे का होगा विकास

हरियाणा में ग्रामीण विकास में तेजी आएगी। नाबार्ड ने हरियाणा में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के 1800 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है। नाबार्ड ने हरियाणा को यह सहायता ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास निधि के तहत देने की पेशकश की है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 16 Aug 2021 07:22 PM (IST)Updated: Mon, 16 Aug 2021 07:22 PM (IST)
हरियाणा में ग्रामीण विकास में आएगी तेजी, नाबार्ड देगा 1800 करोड़ , बुनियादी ढ़ांचे का होगा विकास
नाबार्ड हरियाणा को 1800 करोड़ रुपये ग्रामीण विकास के लिए देगा। (जागरण)

चंडीगढ़, राज्‍य ब्‍यूरो। हरियाणा में ग्रामीण विकास को लेकर सरकारी योजनाओं पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने मुहर लगाई है। इसके साथ ही हरियाणा में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में तेजी आएगी। हरियाणा सरकार की योजनाओं की सफलता से उत्साहित नाबार्ड ने राज्‍य को ग्रामीण विकास के लिए 1800 रुपये की सहायता देने की पेशकश की है। नाबार्ड ने ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास निधि (आरआइडीएफ) के तहत सहायता राशि को बढ़ाकर 1800 करोड़ रुपये करने की पेशकश की है।

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विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत नाबार्ड ने बीते सत्र में दिए 35 हजार करोड़ रुपये

नाबार्ड के अध्यक्ष डा. जीआर चिंतला ने हाल ही में तीन दिवसीय दौरे के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर ग्रामीण आधारभूत सुविधाओं के विकास, क्षारीय और लवणीय मिट्टी के पुनरुद्धार तथा सहकारी बैंकों को मजबूत बनाने संबंधी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। चिंतला ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में नाबार्ड द्वारा प्रदेश को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 35 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं।

नाबार्ड के अध्यक्ष ने प्रदेश का दौरा कर विभिन्न परियोजनाओं का लिया जायजा

दौरे के दौरान नाबार्ड के अध्यक्ष ने हिसार के चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर के कार्यों की समीक्षा करते हुए कुछ उद्यमियों के साथ चर्चा की। डा. चिंतला ने हरियाणा राज्य सहकारी बैंक (हरको) तथा सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक (आरआरबी) से आए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी विकास मुद्दों पर चर्चा की। इसके अलावा अंबाला, करनाल और पलवल में कृषि क्षेत्र के सफल उत्पादक संघों का दौरा भी किया।

जनसंपर्क अधिकारी मंजुला वधवा ने बताया कि पलवल में नाबार्ड की ग्रामीण आधारभूत सुविधा निधि से वित्तीय सहायता प्राप्त पेयजल परियोजना का भी दौरा किया। उन्होंने सेंटर फार सेलिनिटी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल के निदेशक और वैज्ञानिकों के साथ प्रदेश में मिट्टी और पानी की घटती जा रही गुणवत्ता की समस्याओं पर चर्चा की।


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