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हरियाणा के चुनावी समर में कमाल दिखाएगा सवर्णों काे आरक्षण, भाजपा खेलेगी कार्ड

देश सवर्णों को आरक्षण देने का हरियाणा के चुनावी समर पर पड़ेगा। इस पर भाजपा राजनीतिक कार्ड खेलने की तैयारी में है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 11:11 AM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 11:11 AM (IST)
हरियाणा के चुनावी समर में कमाल दिखाएगा सवर्णों काे आरक्षण, भाजपा खेलेगी कार्ड
हरियाणा के चुनावी समर में कमाल दिखाएगा सवर्णों काे आरक्षण, भाजपा खेलेगी कार्ड

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में चल रही जाट और गैर जाट की राजनीति के बीच आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग को मिलने वाला दस फीसदी आरक्षण चुनावी समर में पूरा कमाल दिखाएगा। राज्य की ढाई करोड़ आबादी में से करीब एक करोड़ लोग दस फीसदी आरक्षण के दायरे में आएंगे। पिछली हुड्डा सरकार ने भी हालांकि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को दस फीसदी आरक्षण का लाभ दिया था, लेकिन सीमा से अधिक आरक्षण पर सवाल उठाते हुए न्यायपालिका ने उस पर रोक लगा रखी है।

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केंद्र की मोदी सरकार अब कानून बनाकर देशभर के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को दस फीसदी आरक्षण के दायरे में लाने जा रही है। इसका बड़ा फायदा उस हरियाणा को भी मिलेगा, जो आरक्षण की आग में कई बार झुलस चुका है। दस फीसदी आरक्षण के दायरे में जाट समेत उन छह जातियों के लोग भी आएंगे, जिन्हें लंबे समय से आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया है। जाट आरक्षण की मांग को लेकर प्रदेश में हिंसक आंदोलन हो चुका है तथा 42 लोगों की मौत हो चुकी है।

हरियाणा में भाजपा गैर जाट की राजनीति करती रही है। पांच निगमों के चुनाव में भाजपा ने गैर जाट प्रत्याशियों पर दांव खेला। जींद उप चुनाव में भी ऐसा ही होने वाला है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जाटों की नाराजगी से बचने के लिए पार्टी हालांकि कुछ टिकट उन्हें भी देगी, लेकिन भाजपा का फोकस एरिया गैर जाट मतदाता ही हैै।

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अभी किस को कितना आरक्षण

अनुसूचित जाति - 15 प्रतिशत

अनुसूचित जनजाति - 7.5 प्रतिशत

अन्य पिछड़ा वर्ग - 27 प्रतिशत

कुल आरक्षण-     49.5 प्रतिशत

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हरियाणा में जातीय समीकरण

जाट - 22 प्रतिशत

एससी - 21 प्रतिशत

अहीर - 13 प्रतिशत

ब्राह्मïण - 8 प्रतिशत

खत्री - 8 प्रतिशत

वैश्य - 5 प्रतिशत

राजपूत - 5 प्रतिशत

सिख - 4.9 प्रतिशत

गुर्जर - 2.8 प्रतिशत

सैनी - 2.5 प्रतिशत

कांबोज - 2 प्रतिशत

मुस्लिम - 6 प्रतिशत

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'' सवर्ण जातियों के गरीब परिवारों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का मोदी सरकार का फैसला ऐतिहासिक है। यह निर्णय पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के सिद्धांत को चरितार्थ करता है। इससे समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को लाभ मिलेगा। 

                                                                                              - मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।

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'' सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे लगातार पिछड़ते जा रहे थे। उन्हें राहत मिलेगी। केंद्र सरकार के इस फैसले से हरियाणा में लाखों परिवार लाभान्वित होंगे। यह फैसला ऐतिहासिक और मील का पत्थर है।

                                                                     - सुभाष बराला, विधायक और अध्यक्ष हरियाणा भाजपा।

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'' आर्थिक पिछड़ों के लिए दस फीसदी आरक्षण से सामाजिक और आर्थिक विषमताएं दूर होंगी। आठ लाख रुपये से कम वार्षिक आय और पांच एकड़ से कम जमीन वाले इसके दायरे में होंगे। उनके बच्चों का शैक्षिक स्तर भी सुधरेगा।

                                                                                      - कैप्टन अभिमन्यु, वित्त मंत्री, हरियाणा।

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'' हरियाणा में हमने जब सन 2013 में सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण दिया था, तब भाजपा ने इसका विरोध किया। भाजपा ने वर्ष 2013 के कांग्र्रेस के फैसले को 2014 में अपनी सरकार आने पर भी लागू नहीं किया। अदालत में भी भाजपा आरक्षण का विरोध करती रही। अब लोकसभा सत्र के आखिरी दिन ऐसा प्रस्ताव लाकर भाजपा ने सिर्फ चुनावी जुमला छोड़ा है।

                                                                                      - भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री, हरियाणा।


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