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हरियाणा में सेवानिवृत्त कर्मचारियों से डेढ़ गुना अधिक हुईं भर्तियां, फिर भी बैकलाग अधूरा

हरियाणा में जितनी संख्‍या में कर्मचारी सेवानिवृत्‍त हुए हैं उससे अधिक कर्मियों की भर्तियां हुई हैं। इसके बावजूद विभागोें में कर्मचारियों के रिक्‍त पदों का बैकलाग पूरा नहीं हुआ है। राज्‍य में सेवानिवृत कर्मचारियों से डेढ़ गुना संख्‍या में कर्मचारी नियुक्‍त किए गए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 06:18 PM (IST)Updated: Sun, 21 Mar 2021 10:08 AM (IST)
हरियाणा में सेवानिवृत्त कर्मचारियों से डेढ़ गुना अधिक हुईं भर्तियां, फिर भी बैकलाग अधूरा
हरियाणा सरकार सेवानिवृत कर्मियों से अधिक संख्‍या में कर्मचारी भर्ती कर रही है। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [ सुधीर तंवर]। Haryana Recruitment: हरियाणा में अब हर साल सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की तुलना में ज्यादा भर्तियां हो रही हैं। प्रदेश में हर साल 12 से 15 हजार कर्मचारी सेवानिवृत्त होते हैं, लेकिन वर्ष 2015 तक इनमें से आधे पदों पर भी भर्ती नहीं हो पा रही थी। पिछले छह वर्षों में रिटायर होने वाले कर्मचारियों की अपेक्षा डेढ़ गुना तक ज्यादा भर्तियां हुई हैं। इसके बावजूद विभिन्न महकमों में बैकलाग पूरा होने का नाम नहीं ले रहा। इससे निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने अगले साढ़े तीन साल में 80 हजार से एक लाख तक पदों पर भर्ती की योजना बनाई है।

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प्रदेश में हर साल 12 से 15 हजार सरकार कर्मचारी होते हैं सेवानिवृत्त

वर्ष 2015 से अभी तक करीब 85 हजार रिक्त पदों पर भर्तियां हुई हैं, जबकि इस दौरान करीब 58 हजार कर्मचारी रिटायर हुए। इसके बावजूद विभिन्न महकमों में बड़ी संख्या में पद खाली है जिन्हें भरने के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग और हरियाणा लोक सेवा आयोग विभागाध्यक्षों और प्रशासनिक सचिवों से ब्योरा मांगते रहे हैं।

वर्ष 2015 तक आधे पदों पर नहीं हो पा रही थी भर्ती, छह साल में 85 हजार पदों पर हुई भर्ती

वहीं, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग निजी क्षेत्र में युवाओं को रोजगार देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ पांच लाख युवाओं को रोजगार के लक्ष्य को लेकर चल रहा है। इसके लिए उद्योगों को कारोबार की सहूलियत बढ़ाने, भौतिक आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने की दिशा में काम किया जा रहा है। खासकर कृषि व्यवसाय एवं खाद्य प्रसंस्करण, लाजिस्टिक्स, भंडागार, टेक्सटाइल और फार्मास्युटिकल जैसे क्षेत्रों के लिए नई पालिसी कारगर होगी।

इस साल निजी क्षेत्र में 50 हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार

प्रदेश सरकार का लक्ष्य नए वित्त वर्ष में 50 हजार युवाओं को नौकरियां दिलाना है। इसके लिए लिए सक्षम युवा योजना के तहत 14 हजार 710 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। करियर जागरूकता पोर्टल पर युवाओं को वर्तमान योग्यता और कौशल के आधार पर करियर के विभिन्न अवसरों की जानकारी दी जाएगी। निजी क्षेत्र में नियुक्ति के लिए करीब डेढ़ लाख युवाओं को गहन सोच, कार्यस्थल की तत्परता, संचार और सीवी बनाने तथा साक्षात्कार की तैयारी में सहायता जैसे रोजगार कौशलों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्टाप ग्रामीण उद्यमिता कार्यक्रम के तहत इस साल 1610 उद्यमियों को प्रोत्साहन दिया गया है।

एमएसएमई सेक्टर में खुलेंगे रोजगार के द्वार : दुष्यंत चौटाला

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला कहते हैं कि सूक्ष्म लघु मध्यम नीति (एमएसएमई) निजी क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी। गुणवत्तापूर्ण कलस्टर विकास पहलों, घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार विकास, आनलाइन मार्केट लिंकेज और एमएसएमई की निर्यात तत्परता को बढ़ाने में यह कारगर होगी।

उन्‍होंने कहा कि बाजारों एवं वित्त तक एमएसएमई की पहुंच को बढ़ाने के लिए एसआइडीबीआइ, ईबे जैसे प्रमुख ई-कामर्स प्लेयर्स के साथ एमओयू किए हैं। विशेष निदेशालय पांच प्रमुख क्षेत्रों एयरोस्पेस एवं रक्षा, खिलौना उद्योग, सेवा क्षेत्र, निर्माण एवं औद्योगिक पार्क में हरियाणा की उपस्थिति पर फोकस करेगा।

सुरक्षा बलों में भर्ती को प्रेरित करेगी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी : सीएम

मुख्यमंत्री मनोहर लाल कहते हैं कि अगले साढ़े तीन साल में हमने एक लाख सरकारी पदों पर भर्ती का मास्टर प्लान तैयार कर रखा है। रक्षा बलों में भर्ती को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और तकनीकी कार्य प्रशिक्षण अकादमी स्थापित करने का विचार है। मौजूदा सरकार में हस्ताक्षरित 495 समझौतों में से 188 समझौते 24 हजार करोड़ रुपये के निवेश के साथ क्रिन्यान्वित किए गए हैं या प्रक्रियाधीन हैं।

सीएम मनोहरलाल कहते हैं कि इनमें 32 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। प्रदेश में चार हजार 119 स्टार्ट अप पंजीकृत हुए हैं, जो पड़ोसी राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में पंजीकृत स्टार्ट अप की तुलना में काफी अधिक हैं। कोरोना काल से पहले करीब 91 हजार 701 करोड़ रुपये के निर्यात के साथ देश के कुल निर्यात में हरियाणा की हिस्सेदारी 3.79 फीसद रही है।

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