रंजीता मेहता की शिकायत पर मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने नाडा साहिब स्थित पारस अस्पताल द्वारा हरियाणा कांग्रेस की प्रवक्ता रंजीता मेहता से कोरोना के इलाज के नाम पर मनमाना फीस वसूलने की शिकायत का संज्ञान लिया है।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने नाडा साहिब स्थित पारस अस्पताल द्वारा हरियाणा कांग्रेस की प्रवक्ता रंजीता मेहता से कोरोना के इलाज के नाम पर मनमाना फीस वसूलने की शिकायत का संज्ञान लिया है। रंजीता मेहता को आयोग ने कंज्यूमर कोर्ट में केस करने की भी सलाह दी है।
रंजीता मेहता कुछ दिन पूर्व कोरोना पॉजिटिव आने पर सिविल अस्पताल, सेक्टर-6 में एडमिट हुई थीं। यहां से उन्हें इलाज के लिए सेक्टर-23 निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। वह 29 अगस्त को निजी अस्पताल में एडमिट हुई। फिर उन्हें एक सितंबर को अस्पताल से छुट्टी दी गई। आरोप है कि निजी अस्पताल में तीन दिन के इलाज की फीस 97 हजार रुपये बताई गई। इस बिल में ईसीजी टेस्ट की फीस भी शामिल थी। अस्पताल से जब ईसीजी की रिपोर्ट मांगी गई तो वह आनाकानी करने लगे। बाद में अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि वह बिल में से ईसीजी टेस्ट के चार्जेस कम कर देते हैं। जब सिविल अस्पताल, सेक्टर-6 से रंजीता को पारस अस्पताल भेजा गया तो कैनुला पहले से लगा था। निजी अस्पताल में कैनुला नहीं लगा, लेकिन कैनुला लगाने के चार्जेस भी बिल में शामिल किए गए हैं। इसी तरह बिल में दस एन-95 मास्क के 3500 रुपये लगाए। एक एन-95 मास्क 350 रुपये का लगाया गया है। चार पीपीई किट के 5,000 रुपये लिए गए हैं। विभिन्न टेस्ट के 12,500 रुपये लगाए गए हैं। आरोप है कि एक हाल रूम में 25 मरीज को रखा गया था। हर पेशेंट से अगर तीन दिन में 10 मास्क लिए जाते हैं तो यह तीन दिन में 250 बनते हैं। एक दिन में एक वार्ड के अंदर 80-85 मास्क नहीं लग सकते हैं। न ही तीन दिन में एक वार्ड में 100 पीपीई किट लग सकती है। तीन दिन में ग्लव्स के भी 5500 रुपये चार्ज किए गए हैं। रंजीता मेहता ने ह्यूमन राइट्स कमीशन के अलावा इसकी शिकायत गृहमंत्री अनिल विज, स्वास्थ्य महानिदेशक हरियाणा और सिविल सर्जन पंचकूला से भी की है।