सुपारी देकर मौत के घाट उतरवाए राजबाला और उनके चिराग!
-लवली के बेटे विजय पर अटकी पुलिस की सूई, संपत्ति को हड़पने की कोशिश में हुई हैं हत्याएं
राजेश मलकानिया, पंचकूला : गाव खटौली में हुई चार लोगों की हत्या सुपारी देकर करवाने की बात सामने आ रही है। एक बात बिल्कुल साफ हो गई है कि इन हत्याओं के पीछे वही शख्स है, जोकि राजबाला की संपत्ति हड़पना चाहता था और जब राजबाला इस बात के लिए तैयार नहीं हुई, तो सुपारी देकर मर्डर करवा दिया गया। राजबाला की बेटी लवली के पुत्र विजय को पंचकूला पुलिस ने राउंडअप कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि कुछ दिन पहले संदिग्ध भी राजबाला के घर के पास देखे गए थे, जिनके साथ विजय भी था। विजय के साथ होने के चलते किसी ने नहीं पूछा था कि कौन है। पुलिस मामले में राजबाला की बेटियों से पूछताछ कर रही है। फिलहाल राजबाला, उनके 2 पोतों एवं पोती के फूल उठाने की रस्म के बाद बेटियों, दामादों से सख्ती से पूछताछ की जाएगी, ताकि सभी कड़ियों को जोड़कर खुलासा हो सके। हत्या का मुख्य मकसद दोनों पोतों को खत्म करना था, क्योंकि वे ही राजबाला की संपत्ति के हकदार थे। सुपारी देकर मरवाई गई है मेरी बहन
राजबाला, पोती ऐश्वर्या, पोते दिवाशु, आयुष उर्फ वंश का मर्डर सुपारी देकर करवाया गया है। जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन वीरेंद्र भाऊ, जोकि राजबाला के रिश्तेदार हैं, का कहना है कि यह किसी कसाई का ही काम है। बहन राजबाला के नाम पर काफी संपत्ति एवं नकदी थी, जिसके लालच में सुपारी देकर यह हत्याएं करवाई गई हैं। राजबाला की बेटियों एवं दामादों के पास कोई हथियार नहीं है। जिस ढंग से छोटे बच्चों के सिर में भी गोली मार दी गई, वह काम कोई न कोई कसाई ही कर सकता है। इसमें कोई दोराय नहीं कि राजबाला की मौत से जिसे फायदा होना था, उसने साजिश रचकर मर्डर करवाए हैं। किसी पर भरोसा नहीं करती थी राजबाला
राजबाला ने अपने बेटे की मौत के बाद अपनी बेटियों का जो भी हक बनता था, उन्हें दे दिया था। इसके बाद राजबाला के पति राजेंद्र सिंह द्वारा जो विल राजबाला के नाम तैयार की गई थी, उसे चारों बेटियों ने कोर्ट में जाकर राजबाला के हक में चढ़वा दिया था। राजबाला अपने अकाउंट और वकीलों से लेनदेन का पूरा काम स्वयं ही करती थी। इसके अलावा अकाउंट भी खुद ही हैंडल करती थी। 10 दिन पहले आए थे 53 लाख रुपये
राजबाला के पति राजेंद्र के नाम पर सेक्टर-25 से 28 तक काफी जमीन थी, जिस पर अब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा प्लॉट काट दिए गए हैं। इसके बाद एन्हॉसमेंट की रकम आनी थी। परंतु राजेंद्र सिंह की मौत के बाद यह रकम राजबाला के नाम पर ही आनी थी। जब तक राजेंद्र सिंह की विल राजबाला के नाम नहीं चढ़ती, तब तक वह रकम नहीं मिल सकती थी। इसलिए चारों बेटियों ने विल पर कोर्ट में अनापत्ति स्वीकृति दे दी थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मिली एन्हॉसमेंट की 53 लाख रुपये की रकम राजबाला के अकाउंट में ट्रासफर हुई। आज हो सकता है खुलासा
राजबाला की बेटी लवली को अंतिम बार राजबाला के घर पर देखा गया था। उसका बेटा विजय भी उसके साथ था। ज्यादातर यह दोनों राजबाला के घर पर रहते थे। राजबाला अपने बेटे विजय के साथ शुक्रवार शाम को साढ़े 4 बजे निकल गई थी। जबकि आम दिनों में शनिवार और रविवार की छुट्टी को लवली और विजय राजबाला के घर पर ही होते थे। इन्हें भी यह जानकारी थी कि राजबाला के अकाउंट में 53 लाख रुपये की राशि है। इसलिए फूल उठाने के बाद लवली और विजय से पुलिस पूछताछ करेगी कि आखिर वह शुक्रवार रात को राजबाला के पास क्यों नहीं रुके? पोतों को देना था पूरा हक
सूत्रों के अनुसार राजबाला ने अपनी विल में पूरा हक अपने पोतों को देने का फैसला किया था। इस संबंध में उसने लवली और विजय के समक्ष भी बात की थी। सूत्र बताते हैं कि तहसील कार्यालय में भी राजबाला इस संबंध में विल बनाने के लिए गई थी। अभी पोतों के नाम विल बनी थी या नहीं, यह पता नहीं चल पाया है। पोतों के नाम पर विल बनवाने के लिए राजबाला ने वकील से भी जिक्र किया था, जिसने उन्हें बताया था कि यह काम तहसील में हो जाएगा। राजबाला के नाम पर विल उनके पति राजेंद्र सिंह बनवाकर गए थे। 10 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट से एन्हॉसमेंट की लगभग 53 लाख रुपये की रकम राजबाला के अकाउंट में ट्रासफर हुई थी। राजबाला ने अपने पोतों के नाम पर विल बनवाने के बारे में मुझसे बात हुई थी, लेकिन काम तहसील होने के बारे में मैंने उन्हें बता दिया था।
-एमके चौहान, राजबाला के वकील राजबाला की बेटी लवली के बेटे विजय से पूछताछ की जा रही है। विजय को राजबाला के बारे में काफी जानकारी थी और अंतिम दिन वह मौके पर थे, लेकिन शाम को निकल गए थे। इसके अलावा दामादों से भी पूछताछ की जाएगी। दो दामादों से शनिवार को ही पूछताछ हुई थी। मामला संपत्ति से जुड़ा होने के चलते सभी पहलुओं को देखा जा रहा है। फिलहाल कोई निष्कर्ष नहीं निकला है, लेकिन कुछ घटों में गुत्थी सुलझा देंगे। हालात देखने से लग रहा है कि मर्डर सुपारी देकर करवाया गया है। इतनी निर्मम हत्याएं करना आम आदमी के बस की बात नहीं।
-अमन कुमार, इंस्पेक्टर, सीआइए एक साथ जली चार चिताएं, ग्रामीणों के निकले आंसू
संस, बरवाला : मृतकों के शवों का रविवार को पोस्टमार्टम करवाने के बाद गांव लाया गया, तो उस समय मातम छा गया। पुलिस की मौजूदगी में इन चारों शवों का संस्कार किया गया। एक साथ जली इन चारों चिताओं को जगदीप पुत्र लोकेन्द्र सिंह राजबाला के जेठ के पोते ने मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार में पंचकूला विधायक व मुख्य सचेतक ज्ञानचंद गुप्ता, महिला कांग्रेस वरिष्ठ उपप्रधान रंजीता मेहता, युवा कांग्रेस नेता सिद्धार्थ भारद्वाज पहुंचे और दुख व्यक्त कर मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। वारदात को उस समय अंजाम दिया गया था, जब बुजुर्ग महिला राजबाला, उनके पोते दिवांश व विशाल (वंश) तथा पोती ऐश्वर्या अपने घर में सोए हुए थे। पुलिस ने शनिवार को ही अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। पोस्टमार्टम नागरिक हॉस्पिटल, सेक्टर-6, पंचकूला में करवाया गया। मौके पर इंस्पेक्टर मोहिन्द्र ढांडा, नवीन कुमार, कर्मवीर, बरवाला पुलिस चौकी इंचार्ज ऋषि पाल, हेड कांस्टेबल सुनील कुमार आदि मौजूद थे।