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'समग्र शिक्षा अभियान' से सुधरेगी शिक्षा की गुणवत्ता

नीति आयोग के निर्देश पर केंद्रीय मानव संसाधन विभाग ने स्कूली व्यवस्था के विकास के लिए शैक्षणिक सत्र 2018-19 के लिए समग्र शिक्षा अभियान शुरू किया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 04 May 2018 12:33 PM (IST)Updated: Sun, 06 May 2018 05:28 PM (IST)
'समग्र शिक्षा अभियान' से सुधरेगी शिक्षा की गुणवत्ता
'समग्र शिक्षा अभियान' से सुधरेगी शिक्षा की गुणवत्ता

भिवानी [बलवान शर्मा]। स्कूली व्यवस्था प्रदेश में ही नहीं, पूरे देश में बड़े पैमाने पर बदलने जा रही है। नीति आयोग के निर्देश पर केंद्रीय मानव संसाधन विभाग ने स्कूली व्यवस्था के विकास के लिए शैक्षणिक सत्र 2018-19 के लिए समग्र शिक्षा अभियान शुरू किया है। अभियान के तहत सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए), शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) केंद्रों का एकीकरण किया जा रहा है।

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समग्र शिक्षा अभियान ही सरकारी स्कूलों के 12वीं तक के विद्यार्थियों, स्कूलों आधारभूत संरचना समेत सभी गतिविधियों को नियंत्रित करेगा। बजट भी समग्र शिक्षा अभियान के तहत ही तैयार किया जाएगा। इसमें मुख्य शिक्षा अधिकारी एकीकृत योजना से संबंधित कार्यो का निष्पादन करेंगे। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने जिलास्तर पर सभी अभिलेखों का अध्ययन करने और वार्षिक कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया है। इसका बजट दो साल के लिए एक ही बार बनेगा।

हरियाणा को जारी की 727.98 करोड़ रुपये की ग्रांट

केंद्र सरकार ने समग्र अभियान के तहत हरियाणा को 727.98 करोड़ रुपये की ग्रांट जारी की है। इस राशि में से 84.49 करोड़ रुपये स्कूली भवनों के निर्माण व ढांचागत विकास पर खर्च होंगे, जबकि 643.49 करोड़ रुपये अकादमिक व स्कूली व्यवस्था के विकास पर खर्च किए जाएंगे। हालांकि अभी प्रदेश के सभी 22 जिलों में इसका वितरण नहीं हुआ है। सूत्र बताते हैं कि जल्द ही पंचकूला में बैठक होने जा रही है। इस बैठक में ही इस ग्रांट के वितरण को लेकर फैसला होगा।

इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश शर्मा ने कहा कि केंद्र द्वारा प्रायोजित स्कीमों के मर्ज करने की जानकारी मिली है। वहीं, सहायक परियोजना अधिकारी सीएल गाबा का कहना है इस संबंध में सूचना मिल चुकी है और केंद्र से हरियाणा को ग्रांट भी जारी हो गई है। इस ग्रांट को जिलों में वितरित करने को लेकर जल्द ही पंचकूला में बैठक होने जा रही है।

इन मुद्दों पर किया जाएगा फोकस

  • आंगनबाड़ी सेंटरों को नजदीकी प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों स्थानांतरित किया जाएगा।
  • आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को सीधे फार्मल स्कूल में तब्दील करना।
  • स्कूलों में व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा देना।
  • पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को ट्रांसपोर्ट सुविधा उपलब्ध करवाना।
  • सभी स्कूल भवन सुंदर बनाना व उसमें होस्टल सुविधा उपलब्ध करवाना। 
  • मुफ्त स्कूली वर्दी देना।
  • शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाई जाए।
  • शिक्षकों को समय-समय पर ट्रेनिंग दी जाए।
  • स्कूलों में आधुनिक सूचना तकनीक, डिजिटल रिसार्स, सेटेलाइट आधारित कम्यूनिकेशन को बढ़ावा दिया जाए।
  • ड्राप आउट छात्रों को शतप्रतिशत स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाए, भले ही निजी स्कूलों में क्यों न हो।

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