पंजाब ने 53 साल से कब्जा रखे Haryana Assembly के 20 कमरे, स्पीकर ने मांगी अपने हिस्से की जगह
अंतरराज्यीय विवादों के बीच हरियाणा ने पंजाब विधानसभा से अपने हिस्से की जगह मांग ली है। स्पीकर ने इस संबंध में पंजाब के स्पीकर से बात की है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के साथ चल रहे अंतरराज्यीय विवादों के बीच हरियाणा ने पंजाब विधानसभा से अपने हिस्से की जगह मांग ली है। पंजाब एवं हरियाणा विभाजन के बाद से पंजाब ने हरियाणा विधानसभा के हिस्से के 20 कमरे कब्जा रखे हैं। यह करीब चार हजार वर्ग फीट जगह है। विभाजन के दौरान पंजाब व हरियाणा विधानसभा को 60-40 के अनुपात में जगह का बंटवारा हुआ था, लेकिन हरियाणा के पास 27 फीसद जगह ही है। 13 फीसद जगह पर आज भी पंजाब का कब्जा है।
हरियाणा विधानसभा में जगह की कमी के कारण अधिकारियों व कर्मचारियों को बैठने में दिक्कत आ रही है। विधानसभा के पास कमरे नहीं हैैं, जिस कारण न तो डिप्टी सीएम को ऑफिस मिल पाया और न ही विधानसभा को पेपरलैस करने की दिशा में आगे बढ़ा जा सका। पंजाब विधानसभा ने हरियाणा के जिन कमरों पर कब्जा कर रखा है, उनमें से कई में पंजाब के कार्यालय चल रहे, जबकि कुछ कमरों को स्टोर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
हरियाणा के हिस्से की जगह से कब्जा छोडऩे और उसे वापस देने की मांग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने शुक्रवार को पंजाब के विधानसभा स्पीकर केपीएस राणा से मुलाकात की। गुप्ता ने राणा को पंजाब विधानसभा में हरियाणा के हिस्से के कमरों की पूरी सूची सौंपी और भूतल, निचली व पहली मंजिल पर बने 20 कमरों पर अपनी दावेदारी जताई।
पंजाब को मिली थी विधानसभा सचिवालय और परिषद के लिए जगह
1 नवंबर 1966 को पंजाब से अलग होकर हरियाणा बना था। तब पंजाब एवं हरियाणा के बीच विधानसभा की जगह का बंटवारा हुआ था। कुल जगह 66,430 वर्ग फीट है। पंजाब विधानसभा सचिवालय को तब 30,890 वर्ग फीट, पंजाब विधानसभा परिषद सचिवालय को 10,910 वर्ग फीट और हरियाणा विधानसभा सचिवालय को 24,630 वर्ग फीट जगह का आवंटन हुआ था। हरियाणा के पास फिलहाल 20 हजार वर्ग फीट जगह है, जो आवंटित जगह का 27 फीसद है। 1966 में हरियाणा विधानसभा के 54 विधायक थे। 1967 में 81 सदस्यीय विधानसभा हो गई और 1977 के बाद से 90 सदस्यीय विधानसभा चल रही है।
दोनों राज्यों के विधानसभा सचिवों की होगी बैठक
हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता के अनुसार स्पीकर के स्तर पर यह मुद्दा पहली बार उठाया गया है। पंजाब के विधानसभा अध्यक्ष केपीएस राणा ने इस पर सकारात्मक रुख दिखाया। दोनों राज्यों की विधानसभा के सचिव जल्द ही बैठक करेंगे और उसमें नीतिगत चर्चा करने के बाद उचित फैसला लिया जाएगा। ज्ञानचंद गुप्ता के अनुसार केपीएस राणा ने हरियाणा को उसके हिस्से की जगह देने का भरोसा दिलाया है।
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