हरियाणा के शहरी निकायों से आएगा 500 करोड़ का प्रापर्टी टैक्स, रि-एसेसमेंट की प्रक्रिया शुरू
हरियाणा में शहरी निकायों में प्रापर्टी टैक्स का पुनर्मूल्यांकन किया जा रहा है। राज्य में 500 करोड़ रुपये प्रापर्टी टैक्स के रूप में आने की उम्मीद है। शहरी निकाय विभाग ने प्रापर्टी टैक्स के रि-एसेसमेंट का कार्य जयपुर की कंपनी याशी कंसलटेंट को दिया गया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के शहरी निकायों में प्रापर्टी टैक्स के पुनर्मूल्यांकन (रि-एसेसमेंट) की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रदेश के 88 शहरों की प्रापर्टी का तमाम डाटा जियो टेक कर एनआइसी के पोर्टल पर स्थानांतरित कर दिया गया है। अब शहरी निकाय विभाग द्वारा वर्ष 2022-23 में देय टैक्स राशि की गणना की जाएगी, जिसके आधार पर प्रापर्टी टैक्स के नोटिस तैयार होंगे। इस बार शहरी निकाय विभाग को पिछले साल की तुलना में करीब पांच सौ करोड़ रुपये का प्रापर्टी टैक्स मिलने का अनुमान है।
शहरी निकाय विभाग ने प्रापर्टी टैक्स के रि-एसेसमेंट का कार्य जयपुर की कंपनी याशी कंसलटेंट को दिया गया है। कंपनी द्वारा 19 शहरों में प्रापर्टी रि-एससमेंट नोटिस दिए जा चुके हैं। यमुनानगर, इंद्री, कलायत और अटेली मंडी में इस काम को पूरा किया जा चुका है। यमुनानगर-जगाधारी शहरी निकाय क्षेत्र में कुल 1 लाख 80 हजार 666, इंद्री में 5 हजार 949, कलायत में 10 हजार 361 और अटेली मंडी में 4 हजार 578 मामलों में घर-घर जाकर रि-एसेसमेंट नोटिस का वितरण किया जा चुका है। इसके साथ ही प्रापर्टी की आठ डिजिट की आइडी सभी संपतिधारकों को उपलब्ध करवा दी गई है।
यमुनानगर में नोटिस में संपत्ति की दी हुई जानकारी में संशोधन के लिए भी लोग आ रहे हैं। 37.17 प्रतिशत आवेदकों ने नाम हस्तांतरण के लिए आवेदन किया है। 707 प्रापर्टी ऐसी हैं, जो सर्वे के दौरान बंद मिली अथवा सर्वे के दौरान कोई जानकारी देने से इन्कार कर दिया गया। 75 प्रापर्टी खाली प्लााट के रूप में सामने आई है। याशी कंसलटेंट के एमडी संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि सर्वे के दौरान प्राप्त ऐसे समस्त आवेदनों का नियमानुसार निस्तारण प्राथमिकता से किया जा रहा है।
आठ डिजिट की प्रापर्टी आइडी का इस्तेमाल कर आनलाइन तरीके से भी किए गए संशोधन की जानकारी हासिल की जा सकती है। ऐसे आवेदन जिनमें जरूरी दस्तावेज संलग्न नहीं हैं, उन आवेदकों से सीधे फोन के जरिए संपर्क साधा जा रहा है, जो व्यक्ति दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, उनकी सूची शहरी निकायों में भेज दी गई है।
शहरी निकाय मंत्री अनिल विज ने शहरी निकायों की स्वायत्ता पर जोर दिया है। इस कड़ी में प्रापर्टी रि-एसेसमेंट नोटिस के माध्यम से आगामी वित्तीय वर्ष में दिए जाने वाली टैक्स राशि व नोटिस में दर्शाई गई पुरानी आइडी पर पूर्व में देय बकाया को जोड़कर नया टैक्स नोटिस जारी किया जाएगा। संजय कुमार गुप्ता के अनुसार ऐसी प्रापर्टी जिनमें प्रापर्टी मालिक कोई भी आपत्ति दर्ज नहीं कराता, उनको रि-एसेसमेंट नोटिस में पुरानी आइडी के विरूद्ध डिमांड रजिस्टर में दर्शाए नाम व अन्य विवरण के तहत नोटिस जारी किया जाएगा।