हर जिला परिषद में अनुबंध पर नियुक्त होंगे पांच Project officer, इतना होगा वेतन
जिलों परिषदों की शक्तियां बढ़ाने में लगी हरियाणा सरकार अब विकास परियोजनाओं की रफ्तार बढ़ाने के लिए सभी जिला परिषदों में प्रोजेक्ट ऑफिसर लगाएगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। जिलों परिषदों की शक्तियां बढ़ाने में लगी हरियाणा सरकार अब विकास परियोजनाओं की रफ्तार बढ़ाने के लिए सभी जिला परिषदों में प्रोजेक्ट ऑफिसर लगाएगी। सभी जिला परिषदों के लिए पांच-पांच प्रोजेक्ट ऑफिसर के पदों की मंजूरी दी गई है जो अनुबंध आधार पर लगाए जाएंगे। प्रोजेक्ट्स ऑफिसर को हर महीने 40 हजार रुपये वेतन मिलेगा।
प्रदेश में कुल 22 जिला परिषद हैं, जिनके लिए प्रोजेक्ट ऑफिसर के 110 पद स्वीकृत किए गए हैं। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि विकास एवं पंचायत मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने जिला परिषदों के तहत चल रहे विकास प्रोजेक्ट की रफ्तार बढ़ाने और परियोजनाओं की निगरानी के लिए प्रोजेक्ट ऑफिसर की नियुक्तियों की सिफारिश की थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला परिषदों के कार्यों के बेहतर संचालन के लिए प्रोजेक्ट ऑफिसर्स के 110 पद स्वीकृत करने को मंजूरी दे दी।
वित्त मंत्री ने बताया कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य, कृषि एवं पशुपालन, वाणिज्य एवं अर्थशास्त्र, कल्याणकारी योजनाओं और पंचायती राज विभाग की योजनाओं के लिए हर जिला परिषद के लिए प्रोजेक्ट ऑफिसर के पदों की मंजूरी दी गई है। इन पदों के लिए एमबीए, मास्टर्स इन सोशल साइंस, मास्टर्स इन इकॉनोमिक्स और बीटेक की शैक्षणिक योग्यताएं रखी गई हैं। पदों की भर्ती जिला परिषद द्वारा गठित चयन समिति द्वारा अनुबंध आधार पर आउटसोर्सिंग पालिसी के तहत की जाएगी। इनके वेतन पर सालाना करीब सवा छह करोड़ रुपये खर्च होंगे।
बता दें कि पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने की कड़ी में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाल ही में जिला परिषदों को अपने क्षेत्रों में आधा दर्जन और विकास परियोजनाओं के निर्माण, रखरखाव और देखरेख का अधिकार दिया है। करीब 25 करोड़ रुपये तक बजट भी मिलेगा।
जिला परिषदों को बस क्यू शेल्टर का निर्माण, जल प्रबंधन की लघु परियोजनाओं का निर्माण, नए आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण, उप स्वास्थ्य केंद्रों का रखरखाव, प्राथमिक विद्यालयों की निगरानी, ड्रेनों का निर्माण एवं साफ-सफाई की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विकास परियोजनाओं की निगरानी रिपोर्ट को जिला परिषदें सीधे सरकार को भेजेंगी, जिससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं रहेगी।