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हरियाणा में निजी स्‍कूलों को मान्‍यता नियमों में नहीं मिली राहत, लंबित मामलों में मांगे आवेदन

हरियाणा के निजी स्‍कूलों की उम्‍मीदों को झटका लगा है। हरियाणा सरकार ने निजी स्‍कूलों को मान्‍यता नियमों में कोई राहत या छूट नहीं दी है। इसके साथ राज्‍य के शिक्षा विभाग ने निजी स्‍कूलों के मान्‍यता के लंबित मामलों में आवेदन मांगे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 08:15 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 08:15 PM (IST)
हरियाणा में निजी स्‍कूलों को मान्‍यता नियमों में नहीं मिली राहत, लंबित मामलों में मांगे आवेदन
हरियाणा के निजी स्‍कूलों को मान्‍यता नियमों में राहत नहीं मिली है।

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा सरकार ने राज्‍य के निजी स्‍कूलों की उम्‍मीदों काे झटका दिया है। राज्‍य के शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों को मान्यता दिए जाने संबंधी नियमों में कोई राहत नहीं दी है। इसके साथ ही लंबित मान्यता फाइलों के निपटान के लिए आनलाइन आवेदन मांगे हैं। फेडरेशन आफ प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग के इस रवैये पर हैरानी जताई और कहा कि अधिकारियों की नीयत साफ नजर नहीं आ रही है।

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स्कूलों की मान्यता के नियमों में राहत की मांग बरसों से कर रहे स्कूल संचालक

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा के अनुसार हरियाणा सरकार प्राइवेट स्कूलों को नियमो में राहत देने का दावा कर रही है और कह रही है कि नियमों में संशोधन के लिए फाइल चलाई जा चुकी है। लेकिन, वास्तविकता यह है कि अभी तक न तो फाइल चली है और न ही नियमों में राहत दिए जाने संबंधी कोई पत्र या अधिसूचना जारी हुई है। इसके बावजूद सरकार ने सभी लंबित मान्यता की फाइलों को आनलाइन आवेदन करवाकर 20 दिनों में निपटान करने के आदेश शिक्षा विभाग को जारी कर दिए हैं।

हरियाणा सरकार ने शिक्षा विभाग को बीस दिनों में फाइलें निपटान के दिए आदेश

कुलभूषण शर्मा के अनुसार यह दोनों स्थितियां आपस मे विरोधाभासी हैं। अगर सरकार की मंशा और नीयत सही है तो उसे पहले नियमो में संशोधन करने संबंधी फाइल का निपटान कर राहत की घोषणा करनी चाहिए तथा नोटिफिकेशन जारी करनी चाहिए, ताकि उन राहतों और नियम संशोधनों का लाभ विद्यालयों को मिल सके। शर्मा ने बताया कि बरसों से हजारों स्कूलों की फाइलें इसलिए लंबित हैं, क्योंकि वह नियम पूरे नहीं कर पा रहे हैं। बिना राहत उनकी मान्यता संबंधी आवेदन रद हो जाएंगे और बाद में राहत देने पर भी उनको फायदा नहीं मिलेगा।

उन्‍होंने कहा कि सरकार ऐसे स्कूलों को यदि सरकार दोबारा आवेदन करने के लिए कहती है तो न सिर्फ विद्यालयों का समय बर्बाद होगा, बल्कि सरकारी समय भी खराब होगा। सरकार अगर वास्तव में प्राइवेट स्कूलों को राहत देना चाहती है तो सबसे पहले निदेशालय के पास पेंडिंग एग्जिस्टिंग स्कूलो की सूची जारी करे। इसके अलावा फरवरी माह में भूमि के मानकों व अन्य रियायतों पर जो सहमति बनी भी, उन्हेंं पारित कर नोटिफिकेशन जारी किया जाए। साथ ही, जो विद्यालय जिला शिक्षा अधिकारियों की कमेटी द्वारा अनुमोदित कर निदेशालय भेजे जा चुके हैं, उनके मान्यता संबंधी केसों का वहीं निपटान होना चाहिए। इसके बाद सरकार आनलाइन प्रक्रिया शुरू करे, ताकि प्राइवेट स्कूलों की समस्या का सही हल निकाला जा सके।

कुलभूषण शर्मा के अनुसार 134-ए की कई बरसों की लंबित भुगतान राशि को भी तुरंत जारी किया जाना चाहिए तथा प्राइवेट स्कूलों की पलीज मनी, जो प्राइवेट स्कूलों के अध्यपको के लिए इमरजेंसी हालातों के लिए आरक्षित रखी जाती है, वह भी तुरंत जारी की जाए। इससे प्राइवेट स्कूलों के उन अध्यापकों को वेतन दिया जा सकेगा, जिन्हेंं अभी तक नहीं मिल पाया है, ताकि दीपावली का त्योहार सही ढंग से मना सकें। इन तमाम मांगों को लेकर जल्द ही फेडरेशन का एक प्रतिनिधिमंडल बरोदा में शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से मिलेगा।

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