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कैदी पेश कर रहे मिसाल, हरियाणा सहित देश की जेलों में भी दिखा हुनर और मानवता का कमाल

हरियाणा और पंजाब सहित देश की कई जेलों में कोरोना संकट के समय कैदियों ने मानवता व हुनर की मिसाल पेश की। ये कैदी अपने जज्‍बे से समाज की मदद के लिए आगे आए। उन्‍हाेंने इस दौरान विभिन्‍न चीजें बनाकर समाज की मदद की।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 10 Dec 2020 02:33 PM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 11:42 AM (IST)
कैदी पेश कर रहे मिसाल, हरियाणा सहित देश की जेलों में भी दिखा हुनर और मानवता का कमाल
जेलों मेंं कैदियों ने काेरोना संकट के समय अपने हुनर से समाज के लिए योगदान दिया। (फाइल फाेटो)

चंडीगढ़, जेएनएन। संकट के समय हरियाणा सहित देश की अनेक जेलों में कैदी समाज की मदद के लिए आगे आए। उन्‍होंने अपने हुनर और मानवता के जज्‍बे से मिसाल कायम की। ऐसे कैदियों में हैं 37 साल के चिराग किशोर भाई राणा। वह गुजरात की अहमदाबाद जेल में पिछले 11 साल से बंद हैं। जेल में रहते हुए राणा ने 35 अलग-अलग कोर्स में प्रशिक्षण हासिल किया। राणा फिलहाल जेल के बाकी बंदियों को डिप्रेशन (तनाव) से उबारने में मदद कर रहे हैं। वह जेल की सायक्लोजिकल सेल का भी संचालन करते हैं। इसी तरह, चंडीगढ़ की माडल जेल में 36 साल के अशोक कुमार ने महामारी के दौरान मास्क और गाउन बनाने में जेल प्रशासन की मदद की। अशोक व्यावसायिक रूप से टेलर हैं।

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 चंडीेगढ़ की मॉडल जेल में कैदी अशोक कुमार ने मास्‍क व गाउन बनाने में मदद की

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी जेल में 53 साल के अजय चौहान पिछले चार साल से बंद हैं। अजय जेल में रेडियो का संचालन करते हैं। महामारी के दौरान जब कैदियों की उनके परिजनों से मुलाकात बंद थी, तब अजय ने रेडियो प्रोग्राम के जरिये बंदियों को अकेलेपन की कठिन परिस्थितयों से बाहर निकालने में मदद की।

माधवी बनी कोरोना वारियर, जेल सुधारक वर्तिका नंदा छह साल से देती आ रही खास कैदियों को पुरस्कार

छत्तीसगढ़ की बिलासपुर जेल में बंद 33 वर्षीय माधवी दास सजायाफ्ता कैदी हैं। उसे जेल में अभी 20 साल की सजा पूरी करनी है। माधवी जेल में हेल्थ वारियर है। जेल में संचालित अस्पताल में माधवी अपनी सेवाएं दे रही हैं और कैदियों खासकर महिला कैदियों के लिए सहयोगी साबित हो रही हैं।

गुजरात के किशोर भाई व यूपी के अमिताभ बच्चन व अजय चौहान ने कोरोना में बंदियों को बचाया डिप्रेशन से

 उत्तर प्रदेश की फिरोजाबाद जेल में 40 साल का अमिताभ बच्चन नाम का कैदी 2009 से बंद है। महामारी के दौरान अमिताभ बच्चन ने जेल के भीतर सैनीटाइजिंग का काम बखूबी किया। वह जेल प्रशासन के साथ खुद सेनीजाइिंग का काम करता है। 24 साल के रजत संजय उत्तर प्रदेश की आगरा जेल में बंद हैं। जेल में रजत ने रेडियो के जरिये बंदियों को डिप्रेशन से बाहर निकलने की प्रेरणा देते हुए उन्हें प्रोत्साहित करने का काम किया।

 देश भर की जेलों में काम करने वाले इन छह सजायाफ्ता कैदियों को मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में विशेष प्रतिभा श्रेणी में अवार्ड प्रदान किए गए। जेल सुधारक वर्तिका नंदा की ओर से पिछले छह साल से तिनका-तिनका इंडिया अवार्ड प्रदान किए जा रहे हैं। इस साल फरीदाबाद की जिला जेल से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये यह अवार्ड प्रदान किए गए हैं। हरियाणा के जेल महानिदेशक के सेल्वराज, दिल्ली जेल के पूर्व महानिदेशक अजय कश्यप और वर्तिका नंदा ने संयुक्त रूप से यह पुरस्कार प्रदान किए।

वर्तिका नंदा को 2014 में भारत के राष्ट्रपति से स्त्री शक्ति पुरस्कार हासिल हो चुका है। जेलों में सुधार पर उनके काम को दो बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिली है। तिनका तिनका डासना औऱ तिनका तिनका मध्य प्रदेश-जेलों की जिंदगी का दस्तावेज देती उनकी लिखी किताबें हैं। निर्णायक मंडल में दिल्ली जेल के पूर्व महानिदेशक अजय कश्यप, उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह, डा. वर्तिका नंदा शामिल रहे।

इन चार जेल अधिकारियों को मिले तिनका--तिनका अवार्ड

इस वर्ष 4 जेल अधिकारियों व कर्मचारियों को भी तिनका तिनका अवार्ड प्रदान किए गए हैं। इनमें मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा जेल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट स्व. राजकुमार त्रिपाठी (56), महाराष्ट्र की यरवडा जेल (पुणे) के डीआइजी (जेल)  योगेश दत्तात्रेय देसाई (50), हरियाणा की फरीदाबाद जेल के हेड वार्डर शमशेर सिंह (47) और दिल्ली की केंद्रीय जेल नंबर 16 मंडोली की गायत्री भास्कर मत्रों के नाम शामिल हैं।

57 वर्षीय राजकुमार त्रिपाठी मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा जेल में डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के पद पर तैनात ड्यूटी के दौरान संक्रमित हो गए थे, लेकिन इसके बावजूद अंतिम समय तक वह जेल में अपनी सेवाएं देते रहे। आखिर में इलाज के दौरान त्रिपाठी का निधन हो गया। त्रिपाठी को मरणोपरांत अवार्ड दिया गया, जिसे उनकी पत्नी और बेटे ने स्वीकार किया।

सात कैदियों ने चित्रकारी में दिखाया अपनी कला का हुनर

जेलों में कैदियों के लिए पेंटिंग श्रेणी भी रखी गई, जिसमें सात कैदियों को यह पुरस्कार मिले हैं। दिल्ली की तिहाड़ जेल (सात और नौ) में बंद नरेंद्र नाथ सरकार (42) ने इस वर्ष पेंटिंग श्रेणी में प्रथम पुरस्कार जीता है। नरेंद्र नाथ सरकार जेल में आने से पहले बीएसएफ में कार्यरत था। द्वितीय पुरस्कार उत्तर प्रदेश की मिर्जापुर जेल में बंद रज्जू कोल (74) को मिला है।

इसी श्रेणी में तृतीय पुरस्कार पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग डिस्ट्रिक्ट करेक्शनल होम में बंद फिरोज राय (41) को मिला है। फिरोज राय जेल में आने से पहले चाय के बगीचे में काम करता था। पेंटिंग श्रेणी में दो सांत्वना पुरस्कार भी दिए गए हैं। दिल्ली की केंद्रीय जेल नंबर 16 मंडोली में बंद वैशाली कौशल (21) और केंद्रीय जेल कोयंबटूर के बंदी माधवन (36) को संयुक्त रूप यह पुरस्कार मिला है। पेंटिंग श्रेणी में ही उत्तर प्रदेश की बिजनौर जिला जेल के दो बंदियों को पुरस्कार मिला है। इसे जीतने वाले रफीक अहमद और परवेज नामक बंदी हैं।  

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