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Haryana Cabinet Expansion 2021: केंद्र के बाद हरियाणा की मनोहर कैबिनेट में भी हो रही बदलाव की तैयारी, जानें किसकी होगी एंट्री और कौन होगा बाहर

Haryana Cabinet Expansion 2021 केंद्र की मोदी सरकार के विस्‍तार के बाद अब हरियाणा की मनोहरलाल मंत्रिमंडल में भी फेरबदल की तैयारी है। भाजपा-जजपा मंत्रिमंडल से कुछ मंत्रियाें की छुट्टी हो सकती है और कुछ नए चेहरों की कैबिनेट में एंट्री हो सकती है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 11:21 AM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 02:09 PM (IST)
Haryana Cabinet Expansion  2021: केंद्र के बाद हरियाणा की मनोहर कैबिनेट में भी हो रही बदलाव की तैयारी, जानें किसकी होगी एंट्री और कौन होगा बाहर
हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल और उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला की फाइल फोटो।

नई दिल्‍ली, [बिजेंद्र बंसल]। Haryana Cabinet Expansion 2021: केंद्र की मोदी सरकार के विस्‍तार के बाद अब हरियाणा की मनोहरलाल के नेतृत्‍व वाली भाजपा-जजपा मंत्रिमंडल में भी बदलाव की तैयारी है। इसकी सुगबुगाहट तो काफी दिनों से चल रही है, लेकिन अब फेरबदल जल्‍द होेने की संभावना है। मनोहरलाल कैबिनेट से कुछ दिग्‍गज मंत्रियों की छुट्टी तय मानी जा रही है तो कई नए चेहरों को एंट्री मिलने की उम्‍मीद है। उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला की पार्टी जजपा के कोटे से भी एक मंत्री बनेगा।

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दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को उनके कामकाज की कसौटी पर कसकर राज्यों के लिए भी नजीर पेश की है। इससे केंद्र की तरह अब हरियाणा मंत्रिमंडल में भी बड़े बदलाव की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह अपने मंत्रिमंडल से भी कई मंत्रियों की कामकाज के आधार पर छुट्टी और पदोन्नति कर सकते हैं। इसके लिए अब मनोहर लाल को पार्टी संगठन में सहमति बनाने में भी कोई कठिनाई नहीं आएगी।

कोरोना महामारी के दौरान मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा रिपोर्ट पर बदले जा सकते हैं कई चेहरे

मुख्यमंत्री मनोहर लाल राज्य में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। फिलहाल राज्य मंत्रिपरिषद में दो मंत्रियों के पद रिक्त हैं। इनमें से एक भाजपा को तो दूसरा सरकार में सहयोगी जननायक जनता पार्टी के विधायक को दिया जाना है। मनोहर लाल मंत्रिमंडल में इस समय मुख्यमंत्री से अलग सात कैबिनेट और चार राज्य मंत्री सहित कुल 12 मंत्री हैं।  राज्य में अधिकतम 14 मंत्री बनाए जा सकते हैं।

सीएम के व्यवस्था परिवर्तन अभियान में सहयोगी नहीं बन पाए मंत्रियों की छुट्टी करने का बना आधार

कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप कम होते ही जजपा ने चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक अपने हिस्से के एक मंत्रिपद के लिए भाजपा पर दबाव बनाया हुआ है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल मंत्रिमंडल विस्तार को पिछले कई माह से टालते आ रहे हैं। कहा यह भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल मोदी की तरह अपने मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल करना चाहते हैं। वह कोरोना महामारी के दौरान मंत्रियों के कामकाज की प्रगति रिपोर्ट के आधार पर कुछ मंत्रियों को बदलना चाहते हैं।

हरियाणा में जो मंत्री मुख्यमंत्री मनोहर लाल के राज्य में व्यवस्था परिवर्तन के अभियान में सहयोगी नहीं बन पाए,उनकी छुट्टी की जा सकती है। मनोहर लाल ने अपने पहले कार्यकाल में भी कामकाज के आधार पर दो मंत्रियों की छुट्टी की थी। तब उन्होंने अहीरवाल के अटेली से विधायक विक्रम ठेकेदार और भिवानी से विधायक घनश्याम सर्राफ को हटाकर विपुल गोयल, डाक्टर बनवारी लाल और मनीष ग्रोवर को मंत्री बनाया था।

अब तक उपचुनाव रहे मंत्रिमंडल विस्तार टालने का कारण

राज्य में ऐलनाबाद सीट पर होने वाले उपचुनाव को भी मंत्रिमंडल विस्तार टालने का कारण माना जा रहा है। इससे पहले बरोदा हल्के में उपचुनाव हो चुका है। कांग्रेस विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन के कारण हुए बरोदा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत हुई थी। भाजपा के लिए बरोदा के बाद ऐलनाबाद उपचुनाव भी चुनौती भरा है।

यह सीट इनेलो के विधायक अभय सिंह चौटाला के त्यागपत्र देने के कारण रिक्त हुई है। भाजपा रणनीतिकार मानते हैं कि यदि ऐलनाबाद उपचुनाव के दौरान राज्य मंत्रिपरिषद में एक-दो मंत्री पद रिक्त रहते हैं तो इसका राजनीतिक लाभ उठाया जा सकता है।

मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को कई बार विराम दे चुके हैं सीएम

मुख्यमंत्री मनोहर लाल कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप कम होते ही मई माह के आखिरी सप्ताह से लेकर चार जुलाई तक चौथी बार दिल्ली आ चुके हैं। इन दौरों में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष सहित कई केंद्रीय मंत्रियों और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात की है।

जजपा नेता और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी दिल्ली में अमित शाह से मिलकर अपने हिस्से का मंत्री बनाए जाने का आग्रह कर चुके हैं। हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंत्रिमंडल में विस्तार की तमाम संभावनाओं को एक नहीं कई बार खारिज किया है। मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रिमंडल की संभावनाओं को खारिज किए जाने के बाद भी मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाएं चंडीगढ़ से दिल्ली तक प्रबल रहती हैं।

इनको बनाया जा सकता है मंत्री और ये हो सकते हैं बाहर, कुछ के पंख भी कतरे जाएंगे

यहां तक कहा जाता है कि सीएम सिर्फ दो मंत्रियों के रिक्त पद के साथ मंत्रिमंडल में बड़ा बदलाव करना चाहते हैं। इसमें तीन से चार मंत्रियों की जगह नए चेहरों को मंत्री बनाने से लेकर कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल भी शामिल है। इस फेरबदल के क्रम में यह बात भी सामने आई कि विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को मंत्रिपरिषद में शामिल करके अध्यक्ष की कुर्सी पर किसी अन्य अनुभवी विधायक को बैठाया जा सकता है।

मनोहर सरकार में तीसरे क्रम के मंत्री अनिल विज से गृह विभाग वापस लिया जाएगा। किसान संगठनों के आंदोलन में भी जिन मंत्रियों ने जमीन पर उतरकर काम नहीं किया। उनके लिए भी आने वाले दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं। कामकाज को लेकर जिन मंत्रियों पर सवाल खड़े होते रहे हैं उनमें कृषि मंत्री जेपी दलाल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव, बिजली मंत्री रणजीत सिंह, महिला विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा और खेल राज्यमंत्री संदीप सिंह हैं।


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