चौटाला परिवार के विवाद में बादल की इंट्री, अब ऐसे करेंगे कलह का निवारण
चौटाला परिवार का विवाद सुलझाने और अजय व अभय चाैटाला में फिर एकता स्थापित करने के लिए पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल आगे आए हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला के परिवार में सुलह के प्रयास तेज हो गए हैं। चौधरी देवीलाल के समय से इस परिवार के बेहद करीबी रहे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल खुद इसके लिए आगे आए हैं। वह दोनों भाइयों अजय चौटाला और अभय चौटाला के बीच मध्यस्थता करेंगे अौर उनके विवाद को हल करने की कोशिश करेंगे। बादल से आज चंडीगढ़ में अजय चौटाला मुलाकात कर सकते हैं। इस बीच, पार्टी के विधायकों ने भी अजय और अभय चौटाला के बीच सुलह कराने की कोशिश तेज कर दी है।
चौधरी देवीलाल का परिवार बचाने उतरे बादल, विधायक भी सुलह के प्रयास में जुटे
बादल ने पूरे मामले में दीपावली से अगले दिन परिवार के सभी सदस्यों के फोन पर बात की थी। चौटाला परिवार में बादल की हैसियत ऐसी है कि वह अजय चौटाला व अभय चौटाला को तलब कर सकते हैं। वह पूरी कोशिश में हैं कि उनके पुराने दोस्त चौधरी देवीलाल के परिवार में बिखराव न हो।
उन्होंने दीपावली के अगले दिन अजय चौटाला, अभय चौटाला, दुष्यंत चौटाला व परिवार के अन्य सभी सदस्यों से फोन पर बातचीत की थी। परिवार के रिश्तेदार तो पहले से प्रयास में जुटे हुए थे। पार्टी के कुछ वरिष्ठ विधायकों ने भी सुलह कराने का मोर्चा संभाल लिया है।
इस बीच, दिल्ली के छतरपुर असोला स्थित फार्म हाउस पर इनेलो महासचिव अजय चौटाला और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला एक-दूसरे मिले। करीब 45 मिनट तक चली दोनों भाइयों की मुलाकात बेनतीजा रही। सूत्र बता रहे हैं कि अभय चुनाव से पहले दुष्यंत चौटाला को मुख्यमंत्री का चेहरा मानने को तैयार नहीं हुए हैं।
समझौते का यह हो सकता है फार्मूला
बताया जा रहा है कि अजय और अभय चौटाला के बीच समझौते के लिए वही पुराना फार्मूला तय किया गया है। इसमें पहले भी कहा गया था कि विधानसभा चुनाव में दोनों भाइयों को 45-45 सीटें दी जाएं तथा पार्टी के संसदीय बोर्ड में भी दोनों के बराबर समर्थक हों। यह बाकायदा लिखित हो, जिसकी सूचना चुनाव आयोग को भी दी जाए।
सूत्र बताते हैं कि अभय चौटाला ने एक माह पहले यह फार्मूला सिरे से खारिज कर दिया था, मगर अब जबकि उनके खेमे से विधायक टूट रहे हैं तो वह नरम रुख अपना रहे हैं। अगर बात बनी तो बराबर सीटों में से बसपा को भी दोनों गुट ही उतनी सीट देंगे, जितनी पर बसपा से समझौता होगा। समझौता कराने वाले परिजन चाहते हैं कि यह समझौता 17 नवंबर से पहले हो जाए। मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर यह समझौता भी हो सकता है कि जो गुट ज्यादा सीट जीतेगा मुख्यमंत्री उसी का होगा।
देवीलाल ने किया था बादल की बेटी का कन्यादान
हरियाणा व पंजाब की राजनीति में चौटाला व बादल परिवार के रिश्ते हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं। दोनों नेता पार्टी लाइन से हटकर चुनाव के दौरान एक-दूसरे की न केवल मदद करते हैं बल्कि संकट की स्थिति में दोनों परिवार एक-दूसरे के साथ खड़े दिखाई दिए हैं। यह परिवारिक संबंध ताऊ देवीलाल के समय में स्थापित हुए थे।
एक बार बादल ने अपनी बेटी की शादी तय की थी, लेकिन उन्हें जेल जाना पड़ गया था। उनकी अनुपस्थिति में बेटी का कन्यादान चौधरी देवीलाल ने किया। इसके बाद दोनों पगड़ी बदल भाई बन गए थे। प्रकाश सिंह बादल सत्ता में रहते हुए विदेश दौरे पर गए थे तो उन्होंने संत हरचंद सिंह लोंगोवाल की बरसी के कार्यक्रमों के आयोजन की जिम्मेदारी ओमप्रकाश चौटाला को सौंप दी थी।