सालाना खर्चों की मंजूरी के लिए एचईआरसी के दरवाजे पहुंचीं हरियाणा की बिजली कंपनियां
हरियाणा की बिजली कंपनियोंं ने अपने सालाना खर्च के लिए राज्य विद्युत विनियामक आयोग का दरवाजा खटखटाया है। इसके लिए राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने वार्षिक राजस्व जरूरत को मंजूरी देने से पहले जन सुनवाई की तारीख तय की है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा की बिजली कंपनियों ने अपनी वार्षिक राजस्व की जरूरत के लिए राज्य विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) का दरवाजा खटखटाया है। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2003 के तहत बिना आयोग की मंजूरी के बिजली निगमों की वार्षिक राजस्व जरूरत (एआरआर) तय नहीं हो सकती। बिजली कंपनियों की याचिकाओं पर फैसला करने से पहले हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग ने जन सुनवाई करने का फैसला किया है।
वार्षिक राजस्व जरूरत (एआरआर) को मंजूरी देने से पहले आयोग ने तय की सुनवाई की तारीख
आयोग द्वारा बिजली उत्पादन, प्रसारण व वितरण को लेकर सालाना बजट तय किया जाता है। इसके लिए हरियाणा बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड, हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम तथा दक्षिण व उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगमों द्वारा एचईआरसी के पास अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं। दक्षिण व उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम ने प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर भी आयोग में दस्तक दी हुई है। निगमों की स्मार्ट मीटर योजना पर आयोग बड़े सवाल खड़े कर चुका है।
जनसुनवाई के दौरान आम लोगों से मांगे गए सुझाव व आपत्तियां, 25 तक दर्ज करा सकेंगे आपत्ति
इतना ही नहीं, आयोग ने दोनों निगमों को नोटिस जारी कर स्मार्ट मीटर लगाने में हुई देरी पर कड़ी फटकार भी लगाई है। 31 मार्च 2021 तक 10 लाख स्मार्ट मीटर लगने थे, लेकिन अभी तक महज ढाई लाख के करीब ही मीटर लग पाए हैं।
अगले डेढ़ से दो साल के बीतर बाकी आठ लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बिजली निगमों की ओर से कोरोना महामारी का हवाला देते हुए कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से इस काम में देरी हुई। अब होने वाली सुनवाई में आयोग स्मार्ट मीटर पर भी स्टेटस रिपोर्ट तलब करेगा।
आयोग ने एचवीपीएन की पीटिशन पर 21 जनवरी को सुबह साढ़े 11 बजे, एचपीजीसीएल की याचिका पर इसी दिन दोपहर बाद 3 बजे वर्चुअल पब्लिक हियरिंग करने का फैसला लिया है। इसी तरह से यूएचबीवीएन की पीटिशन पर 28 जनवरी को सुबह साढ़े 11 बजे तथा डीएचबीवीएन की याचिका पर इसी दिन तीन बजे वर्चुअल पब्लिक हियरिंग होगी। चारों बिजली कंपनियों को आगामी वित्त वर्ष की एआरआर के लिए हर वर्ष 30 नवंबर से पहले अपना पूरा लेखा-जोखा एक पीटिशन की शक्ल में एचईआरसी में दाखिल करना होता है।
इसके बाद इन पीटिशन पर पब्लिक से सुझाव और आपत्तियां मांगी जाती हैं। इसके लिए एचईआरसी ने एचवीपीएन तथा एचपीजीसीएल के लिए 18 जनवरी तक अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज करने के लिए कहा है तथा यूएचबीवीएन व डीएचबीवीएन के लिए 25 जनवरी तक अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज करने के लिए कहा गया है। इन चारों कंपनियों की पीटिशन इन कंपनियों की वेबसाइट के साथ एचईआरसी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है, जहां से पूरी जानकारी हासिल की जा सकती है।