हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में भारी हंगामा की संभावना, स्पीकर के समक्ष होगी यह चुनौती
हरियाणा विधानसभा के साेमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र में भारी हंगामा होने की संभावना है। सत्र में कई मुद्दों पर सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच टकराव होने के आसार है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र सोमवार दोपहर बाद शुरू होगा। बजट सत्र में इस बार काफी हंगामा होने की संभावना है और ऐसे में अब सदन को कंट्रोल करने में माहिर रहे स्पीकर कंवरपाल गुर्जर के समक्ष बड़ी चुनौती पैदा होगी। पिछले सत्रों की अपेक्षा इस बार विधानसभा में दाेनों पक्षों को नियंत्रण में रखना काफी मुश्किल होगा। विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला और कांग्रेस विधायक करण सिंह दलाल के बीच निकले जूतों और राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी व इनेलो विधायक केहर सिंह रावत के बीच हाथापाई की नौबत ऐसे उदाहरण हैं, जिनसे इस बार सबक लेने की जरूरत है।
कई विपरीत परिस्थितियों को मौके पर संभाल चुके स्पीकर कंवरपाल गुर्जर
स्पीकर कंवरपाल गुर्जर जितने नरम हैं, उतने कड़क भी दिखते रहे हैं। विधानसभा की पिछली कार्यवाही के दौरान कई बार ऐसे अवसर आए, जब उन्होंने अपनी सूझबूझ से विपरीत परिस्थितियों को काबू कर लिया। विपक्ष की गैर वाजिब टिप्पणियों को नजरअंदाज करना और मौके की नजाकत के हिसाब से सरकार की ढाल बनना उनके राजनीतिक कौशल की तरफ इशारा करता है।
सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों में तालमेल बनाकर चलना बड़ी खूबी
भाजपा सरकार बनने के बाद शुरू में दो साल विपक्षी विधायकों ने स्पीकर की दिल खोलकर तारीफ की। इसके बाद विपक्ष के हमले शुरू हो गए, लेकिन स्पीकर ने कभी संयम नहीं खोया। उन्होंने सत्ता पक्ष से कहीं अधिक बोलने का समय विपक्ष के विधायकों को दिया। इस बार का बजट सत्र पांच मार्च तक चलेगा। स्पीकर के सामने सदन की मर्यादा बनाए रखने की फिर वही पुरानी चुनौती होगी।
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स्पीकर कंवरपाल गुर्जर के अनुसार, सदन की मर्यादा में विधायकों का सहयोग बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को बोलने का पूरा मौका मिलेगा, लेकिन उन्हें अनावश्यक टिप्पणियों तथा गैरवाजिब मुद्दों पर टकराने की बजाय जनहित के मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में गैर मर्यादित आचरण स्वीकार नहीं किया जा सकता।
विपक्ष का नेता बदलने पर इनेलो के खिलाफ नहीं होगा स्पीकर का रुख
विधानसभा में कांग्रेस और इनेलो विधायकों की संख्या 17-17 है। ऐसे में विपक्ष के नेता को बदलने का मुद्दा उठ सकता है। फिलहाल अभय सिंह चौटाला विपक्ष के नेता हैं। कांग्रेस यह पद अपनी पार्टी को देने का मुद्दा उठा सकती है, लेकिन स्पीकर का रुख इस मामले में इनेलो के हक में दिखाई दे सकता है। यानी स्पीकर विपक्ष के नेता को बदलने का प्रस्ताव किसी भी तरह टाल सकते हैं।
इसके पीछे दलील यह है कि यह बजट सत्र वर्तमान विधानसभा का आखिरी है। लिहाजा सरकार के स्तर पर कुछ भी ऐसा नहीं किया जाएगा, जिसे लेकर विवाद की स्थिति बने। बातों ही बातों में स्पीकर भी कुछ ऐसा ही संकेत दे चुके हैं। ऐसे में अभय चौटाला की नेता विपक्ष की कुर्सी बचे रहने की संभावना है।