इनेलो और बसपा की दोस्ती पर गरमाई हरियाणा की सियासत
इनेलाे और बसपा के गठबंधन से हरियाणा की राजनीति गर्मा गई है। कांग्रेस और भाजपा ने इस नए गठबंधन पर निशाना साधा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में इनेलो और बसपा के गठजोड़ पर सियासत गरमा गई है। सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस ने इस गठबंधन को अनैतिक व बेमेल शादी की संज्ञा दी है, वहीं इनेलो ने दोनों दलों पर पलटवार किए हैैं। इनेलो ने कहा है कि गठबंधन से कांग्रेस और भाजपा को अपनी राजनीति खत्म होती दिखाई दे रही है। इसलिए उन्हें इस पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करने को मजबूर होना पड़ा है।
इनेलो व बसपा के गठबंधन पर अभी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कुछ नहीं कहा है, लेकिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा. अशोक तंवर ने इसे अवसरवादी राजनीति का उदाहरण बताया है। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर ने भी गठबंधन को विरोधी विचारधारा की पार्टियों का मिलन करार दिया है। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने कहा कि दलित, पिछड़े और किसान वर्ग के एकजुट होने से अब कांग्रेस व भाजपा को मुंह छिपाने की जगह नहीं मिल रही है।
'सत्ता से दूर नेताओं की लालसा से जन्मा गठबंधन'
'' इनेलो व बसपा का गठबंधन बेमेल है। दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के संस्कार व विचारधारा विरोधाभासी है। यह गठबंधन राजनीति के गणित के फार्मूले का वह प्रयोग है कि जमा करते जाओ और नतीजा जीरो ही रहेगा। यह गठबंधन लंबे समय से सत्ता से दूर रहे नेताओं की सत्ता की लालसा मात्र है।
- कैप्टन अभिमन्यु, वित्त मंत्री, हरियाणा।
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'नीला कपड़ा ओढ़कर वजूद बचाना चाह रहा इनेलो'
'' इनेलो ने नीला कपड़ा ओढ़ कर अपने राजनीतिक वजूद को जिंदा रखने की कोशिश की है। दलित आज विपक्ष के साथ नहीं, भाजपा के साथ है। इनेलो और कांग्रेस ने दलितों के लिए कभी कुछ नहीं किया। अब दलित वर्ग भाजपा के अलावा किसी पार्टी पर भरोसा नहीं करता।
- मनीष ग्राेवर, सहकारिता राज्य मंत्री, हरियाणा।
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'दो हताश व्यक्ति एक दूसरे को दे रहे दिलासा'
'' गठबंधन अवसरवादी चाल है। ये लोग चले हुए कारतूस हैं। इनमें कोई दम नहीं है। इनेलो खोई हुई साख को बहाल करने की कोशिश में है। उत्तर प्रदेश में खारिज हो चुकी बसपा को बैसाखियों की जरूरत थी। लोग दोनों पार्टियों की हकीकत जानते हैैं। दो हताश व्यक्ति एक दूसरे को दिलासा दे रहे हैैं।
- अशोक तंवर, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस।
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'खाली हाथ आने वालों को अटैची भरकर नहीं जाने देंगे'
'' इनेलो और बसपा का गठबंधन होते ही बाकी सभी दलों ने अपनी हार स्वीकार कर ली। यह दलितों, पिछड़ों और किसानों की एक मंच पर आकर लुटेरे वर्ग के खिलाफ लड़ाई है। अब कमेरा वर्ग फैसला करेगा। भाजपा व कांग्रेस को कमेरे वर्ग के सत्ता में लौटने से पीड़ा है। पिछले दिनों सीएम ने हमारी पार्टी को सड़कछाप बोला था, लेकिन वह भूल गए कि खाली झोला लेकर आने वाले सीएम को यह गठबंधन अब अटैची भरकर नहीं ले जाने देगा। कमेरा वर्ग पाई-पाई का हिसाब लेगा।
- अशोक अरोड़ा, अध्यक्ष, इनेलो हरियाणा।