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स्वामित्व योजना से हरियाणा के गांवों की बदलेगी तस्वीर, कई हजार करोड़ की प्रापर्टी होगी लीगल

स्वामित्व योजना के तहत हरियाणा में अभी तक 1511 गांवों में लाल डोरे के दायरे में आने वाली प्रापर्टी की डीड बन चुकी है और 72 हजार 445 लोगों में इसका आवंटन हो चुका है। इस योजना से बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित होंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 11:03 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 09:47 AM (IST)
स्वामित्व योजना से हरियाणा के गांवों की बदलेगी तस्वीर, कई हजार करोड़ की प्रापर्टी होगी लीगल
स्वामित्व योजना से बदलेगी हरियाणा की तस्वीर। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। देश के तमाम राज्यों के लिए माडल बन चुके हरियाणा ने स्वामित्व योजना में अनुकरणीय उदाहरण पेश किए हैं। गांवों के लाल डोरा में आने वाली संपत्ति का मालिकाना हक दिलाने वाली इस योजना की शुरुआत सबसे पहले हरियाणा ने की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वामित्व योजना अच्छी लगी तो उन्होंने पिछले साल इसे देश के बाकी राज्यों में भी लागू कर दिया। अगले दो माह के भीतर हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है, जो इस योजना के दायरे में आने वाले सभी पात्र लोगों को स्वामित्व योजना का लाभ दे सकेगा। अभी तक 1511 गांवों में लाल डोरे के दायरे में आने वाली प्रापर्टी की डीड बन चुकी है और 72 हजार 445 लोगों में इसका आवंटन हो चुका है।

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हरियाणा में स्वामित्व योजना का लाभ हासिल करने वाले लोगों की अनुमानित संख्या तीन लाख से पार होने की संभावना है। गांवों में लाल डोरे के दायरे में आने वाले लोगों को डीड रजिस्ट्रेशन के जरिये प्रापर्टी की मलकीयत देने के बाद प्रदेश सरकार शहरी लोगों को भी इस योजना का लाभ देने का इरादा रखती है। पिछले पांच सालों के भीतर हरियाणा के शहरों की परिधि में सैकड़ों गांव शामिल हुए हैं। इससे शहरी निकायों का दायरा काफी व्यापक हुआ, लेकिन उन लोगों के सामने संकट बरकरार रहा, जो गांवों में रहते हैं और उनकी प्रापर्टी लाल डोरे में आती है। प्रदेश सरकार ऐसे शहरी लोगों को भी उनकी प्रापर्टी पर मालिकाना हक प्रदान करेगी। स्वामित्व योजना के लागू होने से गांवों में कई हजार करोड़ रुपये की प्रापर्टी लीगल हो जाएगी।

हरियाणा सरकार को स्वामित्व योजना शहरों में लागू करने के लिए संशोधित कानून बनाना होगा। शहरी स्थानीय निकाय विभाग और पंचायत विभाग को दो अलग-अलग संशोधित कानून लेकर आने होंगे। इस संशोधित कानून का ड्राफ्ट वित्तायुक्त एवं राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल की देखरेख में तैयार होगा। कौशल की गिनती प्रदेश के बेहद सुलझे हुए अधिकारियों में होती है। वह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव और वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव भी रह चुके हैं। देश में हरियाणा के अलावा कोई दूसरा ऐसा राज्य नहीं है, जो शहरों में आने वाले गांवों के लोगों को उनकी प्रापर्टी का मालिकाना हक देने के बारे में योजना बना रहा है।

हरियाणा में करीब 6700 गांव हैं। इन सभी गांवों में स्वामित्व योजना का लाभ 15 सितंबर तक देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल चाहते हैं कि पंचायत चुनाव से पहले लोगों को उनकी प्रापर्टी का मालिकाना हक मिल जाना चाहिए। संजीव कौशल इस दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। उनकी इस बारे में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से भी चर्चा हुई है। लाल डोरे में आने वाली संपत्ति का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि ऐसी प्रापर्टी की बिना दस्तावेज मुजबानी होने वाली खरीद-फरोख्त बंद हो जाएगी। सभी प्रापर्टी के दस्तावेज बनेंगे। इन दस्तावेज के आधार पर प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त हो सकेगी। गांवों में जमीन के लिए होने वाले झगड़ों पर अंकुश लगेगा तथा प्रापर्टी पर बैंक से ऋण भी लिया जा सकेगा।

अब पंचायतों को नहीं होगा नक्शे पास करने का अधिकार

वित्तायुक्त एवं राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल के अनुसार स्वामित्व योजना हरियाणा सरकार की बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है। इसे सबसे पहले हरियाणा ने ही शुरू किया और सबसे पहले हरियाणा ही इस योजना पर काम पूरा करेगा। राज्य में ड्रोन फ्लाइंग का काम लगभग पूरा हो चुका है। स्वामित्व योजना में अब नक्शे बनाने का काम जारी है। सभी जिला उपायुक्तों से आग्रह किया गया है कि वे 15 सितंबर तक अपने-अपने जिलों में स्वामित्व योजना को लागू कर सभी को प्रापर्टी डीड का वितरण सुनिश्चित कर दें।

कौशल के अनुसार हरियाणा में 6350 गांव लाल डोरे वाले चिन्हित हुए हैं, जिनमें आबादी है। अब तक 72 हजार से ज्यादा प्रापर्टी डीड बांटी जा चुकी हैं। स्वामित्व योजना में गांव के साथ-साथ शहर का काम भी पूरा करने को कहा गया है। शहरों के विस्तार में गांव का रकबा शामिल होने से उनमें भी लाल डोरा आ चुका है। पहले पंचायतों को यह अधिकार था कि वह लाल डोरे का नक्शा पास कर सकती थीं। अब सरकार ने ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया है, ताकि झगड़ों की कोई गुंजाइश न रहे। परियोजना के पूरी होने पर लोगों को कई हजार करोड़ रुपये की प्रापर्टी का बूस्ट (उछाल) मिलेगा।


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