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कल से फिर होगी जनता की आफत, घर से निकलने से पहले रखें इस बात का ध्‍यान

हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी 16 और 17 अक्‍टूबर काे हड़ताल करेंगे। इससे राज्‍य के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 15 Oct 2018 02:11 PM (IST)Updated: Mon, 15 Oct 2018 08:42 PM (IST)
कल से फिर होगी जनता की आफत, घर से निकलने से पहले रखें इस बात का ध्‍यान
कल से फिर होगी जनता की आफत, घर से निकलने से पहले रखें इस बात का ध्‍यान

जेएनएन, चंडीगढ़। अगले दो दिन हरियाणा के लोगों की आफत अाने वाली है। यदि आपको कहीं जाना है या आप बसों के दैनिक यात्री हैं तो सावधान हो जाएं और सोच समझकर यात्रा पर निकलें। हरियाणा के रोडवेज कर्मचारी अगले दो दिन बसों का चक्‍का जाम करेंगे। रोडवेज कर्मचारी यू‍नियनों ने 16 अौर 17 अक्‍टूबर को हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। इस हड़ताल को सर्व कर्मचारी संघ समेत कई कर्मचारी संगठनों ने भी समर्थन दिया है। दूसरी ओर, सरकार ने हड़ताल से निपटने के लिए प्रबंध करने में जुट गई है। राज्‍य में अभी रोडवेज कर्मच‍ारियों के हड़लात करने पर छह माह की रोक लगा रखी है और राज्‍य में एस्‍मा लगा रखा है। इसे इसी साल 30 अगस्‍ता को लागू‍किया गया था।

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हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों की हड़ताल को किसी भी सूरत में सफल नहीं होने देने के लिए कमर कस ली है। बार-बार हड़ताल पर उतारू कर्मचारियों को सरकार पहले चेतावनी देगी। फिर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उधर, सर्व कर्मचारी संघ समेत कई कर्मचारी संगठनों ने सरकार को चेताया है कि अगर हड़ताल को विफल बनाने के लिए बल प्रयोग किया गया तो इसका करारा जवाब दिया जाएगा।

रोडवेज कर्मियों की हड़ताल के समर्थन में उतरे आधा दर्जन संगठन

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान धर्मबीर फौगाट व महासचिव सुभाष लांबा, नगरपालिका कर्मचारी संघ के प्रधान नरेश कुमार शास्त्री, आल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्कर यूनियन के प्रधान सुरेश राठी, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रधान सीएन भारती, मैकेनिकल वर्कर यूनियन के अध्यक्ष बीरेंद्र सिंह डंगवाल, हरियाणा मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन के प्रधान महेंद्र प्रताप गुलियां और हेमसा के प्रधान संदीप सांगवान ने रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन किया है।

 

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान धर्मबीर फौगाट के अनुसार रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल वेतन या भत्ते बढ़वाने के लिए नहीं बल्कि रोडवेज के निजीकरण के विरोध में हो रही है। रोडवेज में घाटे का दुष्प्रचार किया जा रहा है। सरकार यदि एक दर्जन से अधिक श्रेणियों को दी जा रही सब्सिडी विभाग में जमा करा दे तो रोडवेज मुनाफे में आ जाएगा। रोडवेज के बेड़े में दस हजार नई बसें चाहिए, लेकिन सरकार किराये पर बसें लेकर विभाग का निजीकरण करने पर तुली है।

कर्मचारी नेता बोले, किलोमीटर स्कीम में किया जा रहा बड़ा घोटाला

आल हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के प्रधान व तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य हरिनारायण शर्मा व महासचिव बलवान सिंह दोदवा ने कहा कि सरकार झूठे बयान देकर लोगों को गुमराह कर रही है। अगर विभाग में 15 हजार सरकारी बसें आती हैं तो एक लाख नए लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने बताया कि पंजाब, हिमाचल, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में केवल 20 से 22 रुपये प्रति किलोमीटर के रेट पर बसें किराये पर ली जा रही हैं जबकि हरियाणा में 36 से 42 रुपये प्रति किलोमीटर के डबल रेट दिए जा रहे हैैं। किलोमीटर स्किम के नाम पर बड़ा घोटाला किया जा रहा है।

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सीएम बोले, रोडवेजकर्मियों की एक मांग छोड़ बाकी पर बातचीत को सरकार तैयार

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि रोडवेज की हड़ताल पर सरकार एक मांग को छोड़कर बाकी पर बातचीत करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट बस नहीं चलाने की मांग को छोड़कर वह बाकी मांगों पर बातचीत करने को तैयार हैं। आम जनता को परेशानी न हो इसे लेकर ही एस्मा लगाया हुआ है। हाई कोर्ट भी ऐसी गतिविधियों को खुद देख रहा है। यदि कर्मचारी चाहे तो मांगों पर बातचीत कर सकते हैं।

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डेढ़ माह पहले सरकार ने हड़ताल पर राेक के लिए लगाया था एस्‍मा

हरियाणा सरकार ने राज्‍य में रोडवेज कर्मियों की हड़़ताल पर रोक लगा रखी है। राज्‍य सरकार ने 30 अगस्‍त को इस पर एस्‍मा (आवश्‍यक सेवा अधिनियम) लागू कर दिया था। इससे रोडवेज कर्मचारी छह माह तक कोई हड़ताल नहीं कर सकते हैं। हालां‍कि एस्‍मा लगाए जाने के बावजूद कर्मचारियों ने 5 सितंबर कोे हड़ताल की थी, ले‍किन सरकार की सख्‍ती के कारण यह फ्लाप हो गई थी।

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रोडवेज को लेकर कुछ तथ्‍य

-4083 बसें हैं हरियाणा रोडवेज के बेड़े में।
-900 बसें सहकारी समितियों की दौड़ रही सड़कों पर।
-30 लाख यात्री हर दिन करते सफर।
-16 लाख सवारियों के लिए अवैध मैक्सी कैब में बैठना मजबूरी।
-12.50 लाख यात्री रोडवेज बसों पर निर्भर।
- 1.50 लाख लोगों को गंतव्य तक पहुंचाती सहकारी बसें।
-3 साल में छह बार हड़ताल कर चुके कर्मचारी।
-16 दिन चढ़े हड़ताल की भेंट, रोडवेज को 50 करोड़ का फटका।
-164 रोडवेज कर्मचारी गिरफ्तार कर निलंबित किए गए थे 5 सितंबर को।

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रोडवेज का पांच सालों में घाटा

साल    घाटा (करोड़ रुपये)
2014-15     482.48
2015-16     486.76
2016-17     597.79
2017-18     676.36
2018-19(जुलाई तक)    275.24

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