आवास की समस्या होगी खत्म; मकान में चार मंजिल तक बना सकेंगे, बसेंगे 47 नए सेक्टर
हरियाणा में आवास की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। अब राज्य में लोग अपने मकान में चार मंजिल तक बना सकेंगे। इसके साथ ही राज्य में 47 नए आवासीय सेक्टर बनाए जाएंगे।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में जल्द ही आवास की समस्या का काफी हद तक समाधान हो जाएगा। हरियाणा सरकार ने राज्य के लोगों को बड़ी राहत देते हुए मकान बनाने की नियमों में छूट दी है। लोग अब जहां चार मंजिल तक मकान बना सकेंगे, वहीं मकान के भीतर किसी भी तरह के बदलाव के लिए वे स्वतंत्र होंगे। राज्य सरकार ने आवास की समस्या को खत्म करने के लिए प्रदेश में 47 नए सेक्टर काटने का निर्णय लिया है। इन सेक्टरों में 30,470 प्लाट काटे जाएंगे।
प्रत्येक मंजिल की अलग-अलग रजिस्ट्री मकान के अंदर भी कर सकेंगे बदलाव
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भवन निर्माण के नियमों में छूट दिए जाने के फैसले की जानकारी दी। मुख्यमंत्री के पास नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग भी है। मुख्यमंत्री पहली बार नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के मंत्री के नाते मीडिया से रू-ब-रू हुए।
कृषि भूमि पर बिना एनओसी बन सकेंगे स्कूल
मुख्यमंत्री ने बताया कि 15 मीटर की ऊंचाई तक अब मकानों की चार मंजिल बनाई जा सकेंगी। पहले सिर्फ तीन मंजिल तक प्रावधान था। वहीं प्रत्येक मंजिल की अलग-अलग रजिस्ट्री भी करवाई जा सकेगी। सरकार ने चार मंजिला मकानों में बेसमेंट बनाने और उसे रिहायश के लिए इस्तेमाल करने की छूट भी दी है। साथ ही इन मकानों में पार्किंग के लिए 12.5 फीट जगह अनिवार्य कर दी है।
नए सेक्टरों में काटे जाएंगे 30 हजार 470 प्लाट, वाहनों के लिए 12.5 फीट की पार्किंग जरूरी
प्रदेश सरकार ने शिक्षा संस्थानों का फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) 100 से बढ़ाकर 150 करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि अब शिक्षा संस्थान खेती योग्य जमीन पर भी खोले जा सकेंगे। इसके लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने की भी जरूरत नहीं है। कृषि योग्य जमीन के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए सीएलयू देने की पावर डायरेक्टर के पास होगी।
कंपनियों को मिलेंगे पेट्रोल और सीएनजी पंप
हरियाणा सरकार राज्य में पेट्रोल पंप और सीएनजी पंप लगाने की अनुमति सीधे कंपनियों को देगी। कंपनियों को सरकार से यह अनुमति बोली के आधार पर हासिल करनी होगी। कंपनी अगर चाहे तो आगे किसी को भी यह पंप लीज या किराये पर दे सकती है। यानी कि अब व्यक्तिगत स्तर पर पेट्रोल और सीएनजी पंप आवंटित नहीं किए जाएंगे। सरकार को इस प्रक्रिया से अधिक आमदनी होने की उम्मीद है।
छह शहरों के नौ सेक्टर इसी साल, सरकार के पास 9500 एकड़ जमीन
हरियाणा सरकार द्वारा काटे जाने वाले 47 नए सेक्टरों से आवास की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी। महेंद्रगढ़, भिवानी, यमुनानगर, डबवाली, पिंजौर और तावड़ू में नौ सेक्टर इसी साल काटने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। बाकी सेक्टर अगले साल तक काटने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश सरकार के पास 9500 एकड़ जमीन है जिसकी अनुमानित कीमत 18 हजार करोड़ रुपये आंकी जा रही है।
पुराने जिलों का हिस्सा होंगे केएमपी के पांच शहर
कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) के किनारे बनाए जाने वाले पांच शहर पहले से स्थापित जिलों (गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, सोनीपत व झज्जर) का हिस्सा होंगे। इन शहरों के विकास के लिए पंचग्राम विकास अथॉरिटी बनाई जा सकती है।
वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी का लाइसेंस रिन्यू नहीं
वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील का विवाद गहरा जाने के बाद हरियाणा सरकार ने वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी का लाइसेंस नवीनीकरण नहीं किया है। इससे कंपनी के समस्त प्रोजेक्ट रूकने के आसार बन गए हैं।
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अवैध कालोनियों पर नकेल को छोटे बिल्डरों को मिलेंगे लाइसेंस
दूसरी ओर, हरियाणा में अवैध कालोनियां पनपने से रोकने को सरकार ने छोटे बिल्डरों को कालोनियां काटने के लाइसेंस देने का निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार अब पांच से 15 एकड़ में कालोनियां काटने के लाइसेंस देगी। इन कालोनियों में 50 से 150 वर्ग मीटर के प्लाट होंगे, जिनका फायदा गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दावा किया कि दीनदयाल उपाध्याय जन आवास योजना के लागू होने से अनधिकृत कालोनियों पर रोक लगेगी। लोग सस्ती जमीन के चक्कर में इन कालोनियों में प्लाट खरीद लेते हैैं। मुख्यमंत्री के अनुसार इस योजना के तहत लाइसेंस हासिल करने के लिए 120 बिल्डरों के आवेदन आए हैैं, जिनमें से 107 को लाइसेंस दिए जा चुके हैैं। राज्य सरकार करीब डेढ़ लाख लोगों को इस योजना के तहत मकान मुहैया कराने का लक्ष्य लेकर चल रही है। कुल 250 लाइसेंस दिए जाने की योजना है।
बिल्डरों से वसूला जाएगा 7000 करोड़ बाहरी विकास शुल्क
हरियाणा सरकार बिल्डरों से बाहरी विकास शुल्क (ईडीसी) की राशि वसूल करने को लेकर गंभीर हो गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बिल्डरों पर 13,881 करोड़ रुपये बकाया थे, जिसमें से 6,512 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं। बिल्डरों की आपत्ति और सुझाव पर प्रदेश सरकार ने बाकी 7000 करोड़ की वसूली के लिए रि-शेड्यूल पॉलिसी बनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत किस्तों में राशि वसूल की जा सकती है।
86 सेक्टर निकायों को ट्रांसफर करने की तैयारी
मुख्यमंत्री के अनुसार नियमों में स्पष्ट है कि सेक्टर विकसित होने के पांच वर्ष बाद उन्हें संबंधित निकायों नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिका के हवाले किया जाएगा। 1977 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के गठन से 2014 तक 297 सेक्टर विकसित हुए, लेकिन केवल 44 सेक्टर ही निकायों को ट्रांसफर किए गए। उनकी सरकार अभी तक 169 सेक्टर निकायों के हवाले कर चुकी है और बाकी के 86 सेक्टर भी जल्द ट्रांसफर किए जाएंगे। सैनिकों व पूर्व सैनिकों के लिए सरकार अलग से डिफेंस सेक्टर विकसित करेगी।
निकायों के अधीन लाई जाएंगी विकसित कालोनियां
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि वर्ष 1975 से लेकर 2014 तक बिल्डरों एवं कालोनाइजरों को 1534 लाइसेंस दिए गए। कुल 33,200 एकड़ में कालोनियां विकसित हुई। नियमों के अनुसार ये प्राइवेट कालोनियां भी निकायों के अधीन होनी चाहिए। पिछली हुड्डा सरकार के समय तक केवल दो कालोनियां ही निकायों को ट्रांसफर की गई। अब चार वर्षों में आठ कालोनी ट्रांसफर हो चुकी है। बिल्डरों से स्पष्ट कहा गया है कि वे जल्द काम पूरा करें ताकि सभी कालोनियों को निकायों के अधीन लाया जा सके।