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नई शिक्षा नीति में हरियाणा में पंचायतेें होंगी भागीदार, शिक्षा विभाग जुटाएगा फीडबैक

हरियाणा में नई शिक्षा नीति पर सरकार पंचायतों का फीडबैक लेगी। 25 सितंबर तक शिक्षक पर्व चलेगा।इसमें पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ही अभिभावकों से भी चर्चा होगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 11:43 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 12:10 PM (IST)
नई शिक्षा नीति में हरियाणा में पंचायतेें होंगी भागीदार, शिक्षा विभाग जुटाएगा फीडबैक
नई शिक्षा नीति में हरियाणा में पंचायतेें होंगी भागीदार, शिक्षा विभाग जुटाएगा फीडबैक

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में नई शिक्षा नीति को लागू करने से पहले प्रदेश सरकार पंचायतों से फीडबैक जुटाएगी। 'शिक्षक पर्व' अभियान के तहत शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि ग्राम पंचायतों तक पहुंचेंगे और राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पंचायत सदस्यों के सुझाव लेंगे। अच्छे सुझावों को नीति में शामिल भी किया जाएगा।

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25 सितंबर तक चलने वाली मुहिम के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इस दौरान शिक्षक 6500 ग्राम पंचायतों में दस्तक देंगे। पंचायत प्रतिनिधियों से मिले फीडबैक के आधार पर शिक्षा विभाग सरकार को अपनी रिपोर्ट देगा। आवश्यक बदलाव के बाद ही नई शिक्षा नीति को विधिवत रूप से लागू किया जाएगा।

शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक ने सभी जिला शिक्षा व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में लिखित आदेश जारी किए हैं। साथ ही जिला परियोजना समन्वयकों को भी इस बारे में हिदायतें दी गई हैं। 'शिक्षक पर्व' के तहत पंचायत प्रतिनिधियों के अलावा अभिभावकों से भी बातचीत होगी।

शिक्षा विभाग ने तय किया है कि ग्राम पंचायतों व स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में विस्तृत से जानकारी दी जाएगी। सभी जिलों के एडीसी इस काम के लिए पंचायती राज संस्थाओं के अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे। हर जिले से कम से कम 30 विशेषज्ञों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये भी बातचीत होगी।

18 को अवार्डी शिक्षकों संग बैठक करेंगे अतिरिक्त मुख्य सचिव

शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. महावीर सिंह 18 सितंबर को अवार्डी शिक्षकों से रूबरू होंगे। शिक्षा नीति को लेकर उनकी राय ली जाएगी। पंचायतों व स्कूल प्रबंधन समिति के साथ मुख्य रूप से उन मुद्दों पर चर्चा होगी, जिनका संबंध सीधे तौर पर उनसे है। प्ले स्कूलों को लेकर भी मंथन होगा। सरकार ने पंचायतों के माध्यम से स्कूलों में 100 प्रतिशत दाखिला सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है।

ड्रॉपआउट रेट को शून्य करने तथा स्कूल से बाहर रह रहे विद्यार्थियों का नामांकन करवाने का भी लक्ष्य है। इसी तरह स्कूलों में ढांचागत सुविधाओं को लेकर भी अभिभावकों व पंचायत प्रतिनिधियों से चर्चा होगी। विद्याॢथयों खासकर छात्राओं की स्कूलों में सुरक्षा सुनिश्चित करना भी इन बैठकों का एक बड़ा उद्देश्य है।     


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