पंचकूला में फिर शुरू होगी पेड पार्किग
पार्किग का ठेका लेने वाली एजेंसी अब ठेके का रेट कम करने पर अड़ गई है।
राजेश मलकानियां, पंचकूला : पंचकूला में पेड पार्किग का ठेका लेने वाली एजेंसी अब ठेके का रेट कम करने पर अड़ गई है। ठेकेदार ने जिला बाल कल्याण परिषद को पत्र लिखकर मांग की है कि कोरोना कहर में काम बहुत कम होने वाला है क्योंकि उसके पास जिन पार्किग का काम है, वहां पर अब पहले के मुकाबले काम आधा भी नहीं है। होटल साइट्स, शोरूमों एवं अन्य दुकानों पर ग्राहक नाममात्र रह गए हैं और पार्किग का समय भी कम हो गया। अब दुकानें 10 बजे खुलती हैं और सात बजे बंद हो जाती है। दरअसल पेड पार्किग का काम मार्च माह से शुरू हुआ था। रेडक्रॉस व जिला बाल कल्याण परिषद की ओर से पार्किग का काम निजी एजेंसी को दे दिया था। इन्हीं दोनों विभागों की सुपरविजन में ठेकेदार पार्किग का काम करना शुरू कर दिया था। 26 फरवरी को रेडक्रॉस व जिला बाल कल्याण परिषद की ओर से 1.47 करोड़ में पार्किग का टेंडर अलॉट किया गया था। खास बात यह है कि पेड पार्किग का काम सही से हो रहा है या नहीं, इसके सुपरविजन के लिए डीसी ने मॉनीटरिग कमेटी बनाई थी। कमेटी में कुल पांच सदस्यों को रखा गया
डीसी इसके चेयरमैन और पंचकूला के एसडीएम को कमेटी के नोडल ऑफिसर बनाए गए थे। कमेटी में कुल पांच सदस्यों को रखा गया था जोकि सरप्राइज चेकिग कर डीसी को रिपोर्ट सौंपनी थी लेकिन एजेंसी का एक माह भी पूरा नहीं हुआ था और देश में लॉकडाउन हो गया। ठेके के मुताबिक चार पहिया वाहन मालिक अब 20 रुपये की पर्ची लेकर पूरे दिन पार्किग में आ-जा सकते हैं। 200 रुपये का बनवा सकते हैं पास
इसके अलावा महीने का 200 रुपये का पास बनवा सकते हैं और उसमें पार्किंग में जाने-आने पर कोई पाबंदी नहीं होगी। दोपहिया वाहन के लिए रोजाना सिगल टाइम पर्ची पांच रुपये की होगी और पास 100 रुपये का होगा। सुरक्षा के लिहाज से तीनों पेड पार्किग में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने थे। नोडल ऑफिसर की ओर से ठेकेदार को 10 दिन के भीतर सभी पेड पार्किग के एग्जिट व एंट्रेंस पर कैमरे लगाने को कहा था। साथ ही इलेक्ट्रोनिक ई-टिकटिग मशीन से पार्किग की पर्ची काटी जा रही थी। अप्रैल-मई का पैसा माफ किया जाए
ठेकेदार लालचंद ने सोमवार को जिला बाल कल्याण परिषद अधिकारी व नोडल ऑफिसर भगत सिंह से मुलाकात करके अप्रैल और मई का पैसा माफ करने के साथ दोबारा से रिव्यू करने की मांग की है। उसे जिन साइटों का ठेका मिला है, वहां पर बहुत कम वाहन आते हैं। साथ ही होटल साइट्स बिल्कुल बंद है। व्यापार भी आधा हो गया है क्योंकि कोरोना के डर से लोग घर से नहीं निकल रहे हैं, ऐसे में जिस दर पर उसे ठेका मिला था, वह नहीं चला पाएगा, इसलिए इन दरों को कम किया जाए। केदार की ओर से पत्र मिला है। हम चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा जिस प्रकार ठेकेदार से समझौता किया जा रहा है, उसे रिव्यू करेंगे। उसके बाद प्रपोजल को डीसी के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। अप्रैल और मई में तो काम नहीं चला, इसलिए पैसे मांगने का कोई औचित्य नहीं बनता।
-भगत सिंह, जिला बाल कल्याण परिषद अधिकारी