रिया चक्रवर्ती के आरोपों पर जीजा ओपी सिंह चुप, जुटे हैं सुशांत की मौत की गुत्थी सुलझाने में
सुशांत सिंह राजपूत के जीजा ओपी सिंह अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के आरोपों पर चुप हैं और सुशांत की मौत की गुत्थी सुलझाने में लगे हैं। ओपी सिंह फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर हैं।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। बाॅलीवुड के उभरते सितारे सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में बिहार पुलिस की जांच के बाद नया मोड़ आता दिखाई दे रहा है। सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती पर घेरा कसा ताे उन्होंने हरियाणा के फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर व सुशांत के जीजा ओपी सिंह पर कई आरोप लगा दिए। वह सुशांत के बहनोई हरियाणा के एडीजीपी ओपी सिंह पर जांच को प्रभावित करने के खुले आरोप लगा रही हैं, लेकिन ओपी सिंह इन आरोपों पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। बताते हैं कि इन सबके बीच ओपी सिंह सुशांत की मौत की मिस्ट्री सुलझाने में लगे हैं।
रिया चक्रवर्ती के आरोपों के बाद सुशांत राजपूत के एडीजीपी जीजा ओपी सिंह ने साधी चुप्पी
सुशांत राजपूत के सुसाइड के तुरंत बाद ओपी सिंह ने कहा था कि इस अपराध में उन्हें कुछ गड़बड़ी का संदेह है। इसलिए घटना की गहन जांच होनी चाहिए। यही मांग अब सुशांत के पिता और बहन के अलावा परिवार के बाकी लोग भी कर रहे हैं, लेकिन रिया चक्रवर्ती ने जिस तरह से हरियाणा काडर के आइपीएस अधिकारी ओपी सिंह पर आरोप लगाया है वह पूरे मामले को नई दिशा देने की कोशिश मानी जा रही है। इससे पूरा मामला पेचीदा होता जा रहा है।
जीजा ओपी सिंह व बहन के साथ सुशांत सिंह। (फाइल फोटो)
सुशांत राजपूत के सुसाइड के तुरंत बाद ओपी सिंह ने कहा था कि इस अपराध में उन्हें कुछ गड़बड़ी का संदेह है। इसलिए घटना की गहन जांच होनी चाहिए। यही मांग अब सुशांत के पिता और बहन के अलावा परिवार के बाकी लोग भी कर रहे हैं, लेकिन रिया चक्रवर्ती ने जिस तरह से सुई हरियाणा काडर के आइपीएस अधिकारी ओपी सिंह की तरफ मोड़कर पूरे मामले को नई दिशा देने की कोशिश की है, उससे पूरा मामला पेचीदा होता जा रहा है।
परिवार के सदस्यों को कानून की बारीकियों के बारे में दे रही जानकारी और आवश्यक दिशा निर्देश
सुशांत राजपूत के जीजा ओपी सिंह फिलहाल फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त हैं। सुशांत के साथ जब यह हादसा हुआ था, उस समय ओपी सिंह मुख्यमंत्री कार्यालय में स्पेशल ऑफिसर के रूप में तैनात थे। ओपी सिंह के पास पूरे प्रदेश में राहगीरी कराने व मैराथन दौड़ के आयोजन की जिम्मेदारी थी। उन्होंने दो किताबें भी लिखी हैं। ओपी सिंह और उनकी पत्नी पहले पंचकूला में रहते थे, जो अब चंडीगढ़ में रहते हैं। सुशांत सिंह राजपूत केस में जब से रिया चक्रवर्ती के खिलाफ केस दर्ज हुआ है, जांच में नया मोड़ आ गया है।
बिहार पुलिस मुंबई में इस केस से जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही है। वहीं, रिया ने अपने खिलाफ बिहार में दर्ज एफआइआर की जांच को मुंबई ट्रांसफर करने की सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डाली है। याचिका में रिया ने सुशांत के परिवार के लगाए आरोपों को गलत बताया है।
इसके साथ ही रिया चक्रवर्ती ने कहा है कि सुशांत के जीजा एडीजीपी ओपी सिंह इस मामले में जांच को लगातार प्रभावित कर रहे हैं। रिया के आरोपों पर ओपी सिंह ने कुछ जवाब नहीं दिया है और न ही इस मामले में कोई बात कर रहे हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वह इस मौत की गुत्थी सुलझाने में पूरे परिवार की मदद करते हुए उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश और सलाह प्रदान कर रहे हैं। एडीजीपी ओपी सिंह से रिया चक्रवर्ती के आरोप, सुशांत राजपूत केस की सीबीआइ जांच और परिवार के स्टैंड को लेकर कई बार बात करने की कोशिश की गई, लेकिन वह इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
बहन की शादी में किया था 'तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त' गाने पर डांस
ओपी सिंह 1992 बैच के आइपीएस अफसर हैं। ओपी सिंह की जब 1995 शादी हुई थी तो सुशांत 10 साल थे। इस पर ओपी सिंह ने कहा कि अपनी शादी के मौके पर सुशांत से पहली मुलाकात 24 मई 1995 को हुई थी। डार्क शेड्स गोगल पहने हुए और गले में रुमाल डाले हुए, सुशांत 'तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त' गाने पर मंच पर जबरदस्त डांस कर रहे थे। तब सुशांत महज 10 साल के थे। मैंने नोटिस किया कि सुशांत के अंदर एक छिपा हुआ कलाकार था और फैमिली गेट-टू गैदर में वे सबका मनोरंजन कर वाहवाही लूट लेते थे। सुशांत को उर्दू के दोहे काफी पसंद थे।
बहन की शादी के समय सुशांत सिंह राजपूत। (फाइल फोटो)
ट्रेन में चोरी हो गए थे जूते और सामान, नंगे पैर पहुंचे जीजा के घर
ओपी सिंह के मुताबिक, सुशांत तेज-तर्रार दिमाग वाले छात्र थे। वह पहली बार मेरे घर पर साल 1999 में आए थे। सफर के दौरान उनके साथ एक पुलिस कमांडो भी था जो कि ट्रेन यात्रा के दौरान सुशांत की सुरक्षा में तैनात था, लेकिन दोनों बीच सफर में सो गए थे और जिसके बाद चोर ने उनके जूतों और सामान पर हाथ साफ कर दिया था। इसके बाद वे मेरे घर नंगे पैर और खाली हाथ एक मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ पहुंचे थे।
ऊंचाइयों तक पहुंचने का रोडमैप हमेशा जेब में रखते थे सुशांत
सुशांत के जीजा ओपी सिंह के अनुसार उन्हें कारें काफी पसंद थीं। एक दिन सुबह सुशांत मेरी कार चुपचाप गैरेज से ले गए। मुझे इस बारे में तब पता चला जब किसी ने मुझे बताया कि उनकी कार गोल चक्कर पर टकरा गई। मैं अपने बड़े से सरकारी बंगले में आगे-पीछे चलता हुआ उन्हें इस घटना पर डांटने की तैयारी कर रहा था। वह एक बार फिर अपने चेहरे पर बड़ी-सी मुस्कुराहट लिए पैदल घर पहुंचे। हमारी नजरें मिलीं और मेरा दिल पिघल गया। उनके चेहरे की मासूमियत देखते हुए मुझे उन्हें डांटने का मन नहीं किया। उस उम्र में सुशांत एक आम लड़के की तरह एक अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते थे, लेकिन वह अन्य लोगों की तरह नहीं थे। वो अपनी जेब में एक चार्ट रखते थे। वह चार्ट सुशांत को ऊंचाइयों तक ले जाने का रोडमैप था।
मां को गर्व का अहसास कराना चाहते थे सुशांत राजपूत
ओपी सिंह का सुशांत के बारे में कहना है कि 2002 में उन्होंने अपनी मां को खो दिया। वह अपनी मां से बहुत प्यार करते थे और उनके जाने से पूरी तरह से टूट गए थे। सुशांत अपनी मां का अंतिम संस्कार करने के समय विचलित हुए, लेकिन उन्होंने जल्दी ही खुद को संभाल लिया और अपनी मां का अंतिम संस्कार किया। इस घटना के बाद उन्होंने काफी समय तक शायरी नहीं की। उनके जीवन का एक मुख्य लक्ष्य था कि वो अपनी मां को एक दिन गर्व महसूस कराएंगे। ये लक्ष्य देखते ही देखते उनकी आंखों से ओझल हो गया।
जीजा ओपी सिंह ने दी थी सुशांत को आगे बढ़ने की प्रेरणा
ओपी सिंह कहते हैं कि दु:ख को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका होता है कि अपने आपको एक बड़े सपने में खो देना। सुशांत को सामान्य जिंदगी में वापस लाने के लिए मैंने उन्हें शहर में घुमाया। बड़े पोस्टरों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वह भी एक दिन बहुत बड़े फिल्म स्टार बनेंगे और एक दिन उनके पोस्टर सभी जगह लगे होंगे। यह तरीका काम कर गया और उनकी मुस्कुराहट और आंखों में चमक लौट आई।
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