एेसे में शिक्षा क्या होगा हाल, जब एक प्रिंसिपल के पास चार-चार कालेजों का प्रभार
हरियाणा में कॉलेज शिक्षा का बुरा हाल है। राज्य में एक प्रिंसिपल को दो से चार कॉलेजों का प्रभार दिया जा रहा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा मेंं कॉलेजों में शिक्षा का क्या हाल है इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में एक प्रिंसिपल के पास चार-चार कॉलेजों का कार्यभार है। प्रदेश में एक चौथाई सरकारी कालेजों में प्रिंसिपल के पद खाली पड़े हुए हैं। उच्चतर शिक्षा विभाग ने अब एक प्रिंसिपल को दो से चार कालेजों का अतिरिक्त कार्यभार सौंपना शुरू कर दिया।
प्रिंसिपल की कमी से बने ऐसे हालात, रिटायर्ड संयुक्त निदेशक ने जताई आपत्ति
राज्य में 2जुलाई को सत्र आरंभ हो चुका है, लेकिन सभी कालेजों में प्रिंसिपल नहीं हैैं। सिरसा के नेशनल महाविद्यालय के प्रिंसिपल के पास सिरसा जिले के चार सरकारी कालेजों का कार्यभार है। पंचकूला के बरवाला गवर्नमेंट कालेज में कार्यरत वरिष्ठ एसोसिएट प्रोफेसर (संस्कृत) को बरवाला तथा रायपुररानी के गवर्नमेंट कालेजों के अलावा जिला अंबाला के गवर्नमेंट महिला महाविद्यालय शाहजदपुर का भी कार्यकारी प्रिंसिपल बना दिया गया है।
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हरियाणा के किसी भी गवर्नमेंट कालेज में प्रिंसिपल के पास उच्चतर शिक्षा विभाग का कोई वाहन नहीं है, जिस कारण उन्हें दूसरे कालेजों में जाने में दिक्कत होती है। हरियाणा के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के रिटायर्ड संयुक्त निदेशक एडवोकेट अरुण जौहर ने आरोप लगाया कि उनकी 56 वर्षीय पत्नी इला जौहर को भी इसी तरह से प्रताडि़त किया जा रहा है।
अरुण जौहर के अनुसार उनकी पत्नी का तबादला राजकीय महाविद्यालय सेक्टर एक पंचकूला से पिछले साल राजकीय महिला महाविद्यालय सेक्टर 14 पंचकूला में किया गया था। उसके एक माह बाद ही इला जौहर को राजकीय महाविद्यालय बरवाला (पंचकूला) में ट्रांसफर कर दिया गया। उनके दोनों घुटनों को बदले जाने के लिए उनका इलाज पंचकूला के मदर टेरेसा आर्थोपेडिक अस्पताल में चल रहा है। उन्होंने तमाम कागजात पेश करते हुए कहा कि उच्चतर शिक्षा विभाग न तो मंत्री और न ही हाईकोर्ट के आदेश की परवाह कर रहा है।
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