हरियाणा में एक लाख करोड़ का निवेश और पांच लाख रोजगार की तैयारी, सरकार ने बनाई खाास रणनीति
Haryana Budget हरियाणा में भाजपा-जजपा सरकार की एक लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य है। इसके साथ ही राज्य में पांच लाख रोजगार देने की तैयारी भी है। यह निजी क्षेत्र में हरियाणा के युवाओं को 50 हजार नौकरियों दिलाने से अलग है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार ने प्रदेश की उद्यम एवं रोजगार नीति 2020 को पहले से अधिक कारगर बनाने तथा अधिक से अधिक औद्योगिक निवेश राज्य में आमंत्रित करने की रणनीति तैयार की है। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के मंत्री डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2021-22 के बजट में जो विजन पेश किया है, उसके आधार पर इस साल एक लाख करोड़ का औद्योगिक निवेश प्रदेश में लाया जाएगा तथा पांच लाख रोजगार सृजित होंगे। यह राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली प्राइवेट सेक्टर की 50 हजार नौकरियों से अलग है।
हरियाणा की उद्यम एवं रोजगार नीति को कारगर बनाएगी प्रदेश सरकार
वर्ष 2021-22 के बजट में उद्योग एवं व्यापार के लिए हरियाणा सरकार ने 330 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। एमएसएमई की क्षमताओं एवं योग्यताओं को बढ़ाने के लिए सरकार पांच प्रमुख फोकस क्षेत्रों यानी एयरोस्पेस एवं रक्षा, खिलौना उद्योग, सेवा क्षेत्र, निर्माण एवं औद्योगिक पार्क में बेहतर काम करने का इरादा रखती है। इसके चलते हरियाणा केंद्र सरकार की 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' पहल में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में अग्रणी राज्य बन सकेगा।
हरियाणा में एमएसएमई को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 'हरियाणा एमएसएमई पुनरोद्धार ब्याज लाभ योजना' शुरू की गई है, ताकि ऐसे उद्योग अपनी मजदूरी/वेतन देने और अन्य संबंधित खर्चों को पूरा कर सकें। मैसर्स एटीएल द्वारा आइएमटी सोहना में 7083 करोड़ रुपये के निवेश और 7000 रोजगार सृजित करने की क्षमता वाला एक मेगा प्रोजेक्ट स्थापित होगा, जिसके लिए एचएसआइआइडीसी ने 178 एकड़ भूमि आवंटित की है। कंपनी की स्मार्ट फोनस, दो एवं तिपहिया ई-वाहनों सहित उद्योगों के लिए बैटरियों की आपूर्ति करने के लिए 7000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना है।
हरियाणा 'स्टार्ट अप इंडिया' कार्यक्रम में अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। राज्य में 4119 स्टार्ट अप पंजीकृत हुए हैं, जो पड़ोसी राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में पंजीकृत 'स्टार्ट अप' की तुलना में काफी अधिक हैं। प्राकृतिक संसाधनों की कमी और बंदरगाहों से दूर स्थित होने के बावजूद निर्यात क्षेत्र में राज्य का प्रदर्शन सराहनीय है। वर्ष 2019-20 के दौरान लगभग 91701 करोड़ रुपये के निर्यात के साथ भारत के कुल निर्यात में हरियाणा का लगभग 3.79 प्रतिशत योगदान रहा।
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