Move to Jagran APP

हरियाणा ने बढ़ाया PU में हिस्सेदारी का दबाव, राष्ट्रपति से मिले विधानसभा अध्यक्ष

हरियाणा और पंजाब के बीच चल रहे अंतरराज्यीय मसलों के बीच हरियाणा ने पंजाब यूनिवर्सिटी (Punjab University) चंडीगढ़ में अपनी हिस्सेदारी मांगी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 10:43 AM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 08:52 AM (IST)
हरियाणा ने बढ़ाया PU में हिस्सेदारी का दबाव, राष्ट्रपति से मिले विधानसभा अध्यक्ष
हरियाणा ने बढ़ाया PU में हिस्सेदारी का दबाव, राष्ट्रपति से मिले विधानसभा अध्यक्ष

जेेेेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा और पंजाब के बीच चल रहे अंतरराज्यीय मसलों के बीच हरियाणा ने पंजाब यूनिवर्सिटी (Punjab University) चंडीगढ़ में अपनी हिस्सेदारी मांगी है। हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू से शिष्टाचार मुलाकात के दौरान यह मुद्दा उठाया। पंचकूला के विधायक के नाते ज्ञान गुप्ता गुप्ता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व गृह मंत्री राजनाथ सिंह के सामने भी यह मुद्दा उठा चुके हैं।

loksabha election banner

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जब चंडीगढ़ में उत्तरी क्षेत्र के राज्यों की कॉन्फ्रेंस में शामिल होने आए थे, तब भी ज्ञानचंद गुप्ता ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के माध्यम से उनके सामने प्रतिवेदन पेश किया था। हालांकि उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को यह नागवार गुजरा था, लेकिन Punjab University में अपनी हिस्सेदारी को लेकर हरियाणा खासा सजग है।

हरियाणा विधानसभा के नव निर्वाचित स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मुलाकात करने गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से भी उनकी मुलाकात होनी है। राष्ट्रपति व उप राष्ट्रपति के सामने ज्ञानचंद गुप्ता ने Punjab University चंडीगढ़ में हरियाणा की पुरानी हिस्सेदारी को बहाल करने का मुद्दा एक बार फिर उठाया, जिस पर उन्होंने सकारात्मक रुख जाहिर किया है। वेंकैया नायडू पंजाब यूनवर्सिटी के चांसलर भी हैं।

स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने एक प्रतिवेदन के माध्यम से कहा कि वर्ष 1996 में बंसीलाल सरकार के दौरान तक Punjab University में 92 फीसद हिस्सा केंद्र सरकार का, जबकि चार फीसद हरियाणा और चार फीसद पंजाब का हिस्सा था। बंसीलाल सरकार ने एक विवाद के बाद अपना हिस्सा हटा दिया था। हिस्सेदारी न होने से महत्वपूर्ण फैसले लेने वाली सीनेट की सदस्यता भी हरियाणा के पास नहीं है। यदि हिस्सेदारी मिले तो हरियाणा के दो से तीन विधायकों व मुख्यमंत्री को सीनेट में सदस्यता मिल सकती है।

ज्ञानचंद गुप्ता के अनुसार अब Punjab University से चंडीगढ़ के आसपास के जिलों पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर के कालेजों की कोई संबद्धता नहीं है। Punjab University में हिस्सेदारी होने पर उसे फंड देना होता है। बंसीलाल सरकार ने फंड देने से मना करते हुए हिस्सेदारी खत्म की थी। हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में एफिडेविट दिया है कि वह 20 करोड़ रुपये देने को तैयार है, इसलिए फंड को लेकर कहीं किसी तरह के विवाद की स्थिति नहीं है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का रुख भी बेहद सकारात्मक है।

85 फीसद कोटा है चंडीगढ़ में पढ़ने वाले बच्चों का

यूनिवर्सिटी में 85 फीसद सीटें चंडीगढ़ में पढ़े रहे विद्यार्थियों के लिए आरक्षित है। 15 फीसद सीट दूसरे प्रदेशों के लिए है। ऐसे में चंडीगढ़ में नजदीक लगते पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर जैसे जिलों के बच्चों को यहां एडमिशन मिलने में परेशानी आ रही है। आल इंडिया से यहां बच्चे दाखिला लेते हैं, इसलिए मेरिट 92 फीसद तक पहुंच जाती है और चंडीगढ़ में पढ़ने वालों की मेरिट 78 तक रहती है।

उम्मीद है हरियाणा के हक में जल्द फैसला आएगा

विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता का कहना है, ''मैं लंबे समय से पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में हरियाणा की हिस्सेदारी बहाल करने की लड़ाई लड़ रहा हूं। मैंने पिछले दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को प्रतिवेदन भी दिया था। उससे पहले भी कई बार केंद्र सरकार के साथ पत्राचार हो चुके हैं। दो दिन पहले ही मैंने राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के समक्ष भी यह मामला उठाया। मुझे लगता है कि हरियाणा के हक में जल्द फैसला आएगा।''

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.