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तिहाड़ जेल से बाहर आए ओमप्रकाश चौटाला, अब गरमाएगी इनेलाे और जेजेपी की राजनीति

इनेलो सुप्रीमो पूर्व मुख्‍यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला 21 दिन के फरलो पर तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं। इससे इनेलो और जेजेपी की राजनीति गर्माने की संभावना है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 09:48 AM (IST)Updated: Sat, 09 Feb 2019 09:48 AM (IST)
तिहाड़ जेल से बाहर आए ओमप्रकाश चौटाला, अब गरमाएगी इनेलाे और जेजेपी की राजनीति
तिहाड़ जेल से बाहर आए ओमप्रकाश चौटाला, अब गरमाएगी इनेलाे और जेजेपी की राजनीति

नई दिल्ली, जेएनएन।  हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला 21 दिन की फरलो पर तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं। जींद उपचुनाव से पहले ओमप्रकाश चौटाला की फरलो रद कर दी गई थी और उन्हें दिल्ली के अस्पताल से वापस तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। चौटाला के बाहर अाने के बाद इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के बीच राजनीति गर्माने की संभावना है।

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जींद उपचुुनाव के दौरान अपना फरलो रद होने के बाद ओमप्रकाश चौटाला बेहद नाराज हो गए थे और उन्‍होंने इसके लिए अपने पोतों दुष्‍यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को जिम्‍मेदर ठहराया था। उन्होंने पोतों दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को गद्दार तक करार दे दिया था। इनेलो की सियासी लड़ाई तो पहले ही जग जाहिर हो चुकी थी, लेकिन ये लड़ाई इतना गंभीर रूप लेगी ये किसी ने नहीं सोचा था। सारी लड़ाई इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला की फरलो रद होने के बाद ही शुरू हुई थी।

हरियाणा विधानसभा में नेता विपक्ष अभय चौटाला और इनेलो प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने भी उस समय कहा था कि दिग्विजय और दुष्यंत की वजह से ओपी चौटाला आहत हुए हैं। जेजेपी और आप की मिलीभगत से उनकी फरलो रद हुई है। अब ओपी चौटाला के बाहर आने के बाद एक बार फिर से हरियाणा की सियासत गरमाने की संभावना है। ओपी चौटाला अपने विरोधियों पर क्या रुख अपनाएंगे ये देखने होगा। इसके साथ ही पिछले दिनों अभय चौटाला द्वारा अपने बड़े भाइ्र अजय चाैटाला पर लगाए गए अारोपों को लेकर भी माहौल एक बार फिर गर्माने की संभावना है।

समाज से संबंध जोड़ने के लिए दिया जाता है फरलो

फरलो सजायाफ्ता कैदियों के मानसिक संतुलन बनाए रखने और समाज से संबंध जोड़ने के लिए दिया जाता है। जिस सजायाफ्ता मुजरिम को पांच साल या उससे अधिक की सजा हुई हो और वह तीन साल की सजा काट चुका हो, तो उसे एक साल में सात सप्ताह का फरलो दिया जा सकता है। इसके लिए शर्त है कि उसका आचरण जेल में सही हो। वह आदतन अपराधी न हो, भारत का नागरिक हो और गंभीर अपराध में दोषी न हो। फरलो के लिए आवेदन डीजी (जेल) के पास भेजा जाता है और वहां से आवेदन गृह मंत्रालय को भेजा जाता है। 12 सप्ताह के अंदर इस पर फैसला हो जाता है।


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