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हरियाणा में अब दो महिला आइएएस अनुराधा और शशिबाला छोड़ेंगी नौकरी

हरियाणा में आइएएस अफसरों का नौकरी छोड़ने का सिलसिला जारी है। दो सीनियर महिला आइएएस अधिकारी अनुराधा गुप्ता और शशिबाला गुलाटी ने वीआरएस लेंगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 16 Sep 2016 10:53 AM (IST)Updated: Fri, 16 Sep 2016 07:44 PM (IST)
हरियाणा में अब दो महिला आइएएस अनुराधा और शशिबाला छोड़ेंगी नौकरी

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में आइएएस अफसरों के नौकरी छोड़ने का क्रम जारी है। अब दो सीनियर महिला आइएएस अधिकारियों ने समय से पहले नौकरी छोड़ने का मन बना लिया है। इनमें आइएएस अधिकारी अनुराधा गुप्ता और शशिबाला गुलाटी ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए राज्य सरकार के पास आवेदन किया है। इससे पहले वरिष्ठ आइएएस विवेक अत्रे ने नौकरी छोड़ी थी।

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राज्य में पहले से ही आइएएस और एचसीएस अफसरों की कमी से है। ऐसे में सरकार की इस संबंध में समस्या बढ़ सकती है। अब 1981 बैच की आइएएस अधिकारी अनुराधा गुप्ता और 1986 बैच की आइएएस शशिबाला गुलाटी ने वीआरएस के लिए अर्जी लगाई है। वीआरएस लेने के नियमों का अनुपालन करते हुए इन दोनों अफसरों ने सरकार को तीन माह का नोटिस दिया है। इन दोनों महिला अफसरों से पहले 2005 के आइएएस अधिकारी विवेक अत्रेय वीआरएस के लिए आवेदन कर चुके हैैं।

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अनुराधा गुप्ता के पति पीके गुप्ता 1981 बैच के आइएएस थे और मुख्य सचिव पद से 31 दिसंबर 2014 को रिटायर हो चुके हैैं। उनके परिवार के सदस्य विदेश में सैटल बताए जाते हैैं अौर बताया जाता है कि अनुराधा गुप्ता ने इसी कारण वीआरएस के लिए अावेदन दिया है। उनकी करीब सवा दो साल की सर्विस बची हुई थी।

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अनुराधा गुप्ता स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव थी। फिलहाल डब्ल्यूएचओ से जुड़ी संस्था जीनेवा ग्लोबल अलाइंस के लिए डिप्टी चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर के पद पर डेपुटेशन पर काम कर रही हैैं। वहीं शशिबाला गुलाटी महिला एवं बाल विकास विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव हैैं। उनकी बहन उर्वशी गुलाटी मुख्य सचिव रह चुकी हैैं। उनकी रिटायरमेंट में अभी साढ़े तीन साल बाकी हैैं।

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प्रदेश में लगातार कम होते जा रहे अफसर

प्रदेश में सीनियर अफसरों की कमी के कारण जहां मौजूदा अधिकारियों पर कामकाज का बोझ बढ़ रहा है, वहीं सरकार को अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन में भी तमाम दिक्कतें आ रही हैं। अधिकारियों की कमी का नतीजा यह हो रहा कि एक-एक अधिकारी के पास कई-कई विभागों का प्रभार है। इन विभागों के दफ्तर भी एक जगह नहीं हैैं, जिस कारण अफसर एक जगह टिककर काम नहीं कर पा रहे हैैं।

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प्रदेश में 61 आइएएस और 60 एचसीएस की कमी

प्रदेश में 205 आइएएस अफसरों का काडर है, लेकिन विवेक अत्रेय, अनुराधा गुप्ता और शशिबाला गुलाटी के वीआरएस लेने के बाद 61 आइएएस अफसरों की कमी हो जाएगी। एचसीएस अफसरों का काडर 257 का है, लेकिन राज्य में 197 एचसीएस काम कर रहे हैैं। 60 एचसीएस की कमी के कारण निचले स्तर पर कामकाज प्रभावित हो रहा है। हालांकि राज्य सरकार ने हाल ही में 29 एचसीएस की नियुक्ति की है, लेकिन अभी उन्हें पोस्टिंग नहीं मिली है।

49 अफसरों का नहीं मिल रहा फायदा

आइएएस और एचसीएस अफसरों के काडर से अलग 49 अधिकारी ऐसे हैैं, जो सेवाएं तो दे रहे हैं, लेकिन हरियाणा सरकार को उनका कोई फायदा नहीं मिल रहा है। इन अफसरों की गिनती सिर्फ संख्या बढ़ाने के लिए है। राज्य के 16 आइएएस केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में डेपुटेशन (प्रतिनियुक्ति) पर अपनी सेवाएं दे रहे हैैं। कुछ अफसर खुद ही वापस लौटने को तैयार नहीं हैैं।

इस तरह से बिखरे हैं अफसर

प्रदेश के एक आइएएस और चार एचसीएस अवकाश पर चल रहे हैैं, जबकि दो आइएएस और चार एचसीएस चंडीगढ़ यूटी प्रशासन में तैनात हैैं। तीन एचसीएस अधिकारियों को चंडीगढ़ में प्रतिनियुक्ति पर भेजा जा चुका है। राज्य के दो आइएएस और चार एचसीएस अधिकारी निलंबित चल रहे हैं।

एक आइएएस अधिकारी इस साल के अंत तक रिटायर हो जाएंगे, जबकि 13 एचसीएस अधिकारी ऐसे हैैं, जो अगले साल तक रिटायर होने वाले हैैं। राज्य के दो आइएएस अफसरों ने अपना काडर चेंज करा रखा है। एक अफसर उत्तर प्रदेश तो दूसरा दिल्ली में अपनी सेवाएं दे रहा है।


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