हरियाणा में अब स्टांप ड्यूटी व वैट सहित जीएसटी और खनन के विवाद होंगे हल, योजना जल्द
हरियाणा में अब स्टांप ड्यूटी वैट जीएसटी खनन और परिवहन से जुड़े विवाद समाप्त होंगे। इसके लिए हरियाणा सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य सरकार इन विवादों के हल के लिए खास योजना शुरू करने की तैयारी में है।
चंडीगढ,जेएनएन। हरियाणा की तहसीलों में स्टांप ड्यूटी से जुड़े बकाया राशि के झगड़े खत्म होंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ने योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसी तरह मूल्य संवर्धित कर (वैट), वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े विवादों के समाधान के लिए भी जल्द ही योजना लांच होगी। इसके अलावा खनन और परिवहन महकमे से जुड़े बकाया राशि के विवादों को निपटाने के लिए भी योजना पर तेजी से काम चल रहा है।
स्टांप ड्यूटी से जुड़े 25, 910 केस, 16,520 मामलों में विवादित राशि एक लाख रुपये से कम
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी), हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआइआइडीसी) और हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (मार्केटिंग बोर्ड) के अलाटियों से जुड़े हजारों करोड़ रुपये के बकाया राशि के भुगतान का विवाद सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल 31 मार्च को अलग-अलग योजनाएं लांच कर चुके हैं। अब दूसरे महकमों से जुड़े मसले हल करने की तैयारी है।
वैट और जीएसटी की बकाया वसूली के लिए एकमुश्त निपटान योजना का ड्राफ्ट लगभग तैयार
तहसीलों में दस्तावेजों के पंजीकरण के समय सब रजिस्ट्रार स्टांप ड्यूटी में कमी को लेकर अकसर नोटिस थमाते रहे हैं। प्रदेश में स्टांप ड्यूटी से जुड़े विवादों के ऐसे 25 हजार 910 मामले चल रहे हैं। इनमें से 16 हजार 520 मामले ऐसे हैं, जिनमें विवादित राशि एक-एक लाख रुपये से भी कम है । ऐसे मामलों में लोगों को राहत देने और मुकदमेबाजी के खर्चे से बचाने के लिए स्टांप ड्यूटी बकाया को भी विवादों का समाधान योजना के तहत लाया जाएगा। इसमें ब्याज सहित कुछ दूसरी छूट देकर लोगों को बकाया भुगतान के लिए प्रेरित किया जाएगा।
खनन और परिवहन विभाग के लंबित मामलों की जुटाई जा रही जानकारी
वैट और जीएसटी की वसूली को लेकर पूर्व में लागू कराधान कानूनों और वैट के तहत बकाया राशि के निपटान के लिए एकमुश्त निपटान योजना का ड्राफ्ट लगभग तैयार है। खनन और परिवहन विभाग के लंबित मामलों की जानकारी जुटाई जा रही है। पूरा डाटा मिलने के बाद विवादों का समाधान योजना लागू की जाएगी।
गौरतलब है कि इससे पहले हरको बैंक की फसली ऋणों की बकाया राशियों, भूमि रेहन बकाया, पशुधन विकास बोर्ड द्वारा लगाए गए दूध उपकर, शहरी स्थानीय निकायों की संपत्ति कर के बकाया और पानी व सीवरेज शुल्क की बकाया राशियों के निपटान के लिए योजनाएं शुरू की गईं थी, जो काफी कारगर रहीं।
विवादों के समाधान योजना को मिल रहा बेहतर रिस्पांस : सीएम
'' एचएसवीपी, एचएसआइआइडीसी और मार्केटिंग बोर्ड से जुड़े हजारों करोड़ रुपये के बकाया राशि के विवाद को सुलझाने के लिए हमने जुर्माना और ब्याज माफी सहित कई दूसरी राहत दी हैं। इसके काफी अच्छे नतीजे आए हैं और बड़ी संख्या में अलाटी अपना हिसाब चुकता कर रहे हैं। अब हम स्टांप ड्यूटी, वैट, जीएसटी, खनन और परिवहन से जुड़े बकाया राशि के मसलों को सुलझाने पर काम कर रहे हैं। जल्द ही बकायादारों को राहत देते हुए योजना शुरू की जाएगी। इससे उन पर आर्थिक बोझ कम होगा और वह आसानी से बकाया राशि का भुगतान कर सकेंगे। मुझे दूसरे क्षेत्रों के लिए भी सुझाव प्राप्त करने में खुशी होगी, जहां विवादों को निपटाने की जरूरत है और लोगों पर बकाया राशि का बोझ है।
- मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।
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