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Land Registry in Haryana: अब सरकारी खजाने में पहुंचेगा तहसीलदारों की जेब में जाने वाला धन

Land Registry in Haryana सरकार ने रजिस्‍ट्री घोटाला में बड़ा कदम उठाया है। अब तक रजिस्‍ट्री के दौरान तहासीलदारों की जेब में जानेवाला पैसा सरकारी खजाने में जमा होगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 11:28 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 11:28 AM (IST)
Land Registry in Haryana: अब सरकारी खजाने में पहुंचेगा तहसीलदारों की जेब में जाने वाला धन
Land Registry in Haryana: अब सरकारी खजाने में पहुंचेगा तहसीलदारों की जेब में जाने वाला धन

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के विभिन्न जिलों में हुए रजिस्ट्री घोटाले की जांच के पीछे सरकार का मकसद न केवल लोगों को राहत पहुंचाने का है, बल्कि तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, रजिस्ट्रेशन क्लर्क और डीआरओ की जेब में जाने वाले राजस्व को सरकारी खजाने तक पहुंचाने का है। लॉकडाउन में तहसीलदारों ने उच्च अधिकारियों व प्रापर्टी डीलरों की मदद से मिलकर जमीनों की रजिस्ट्री में मोटा खेल खेला है। प्रदेश सरकार तक इसकी सूचनाएं पहुंची तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सिस्टम को पारदर्शी बनाने की दिशा में कारगर रणनीति तैयार की। इसके तहत तहसीलों से दलालों को बाहर किया जाएगा।

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रजिस्ट्रियों में बरसों से चले आ रहे खेल को जड़ से खत्म करना चाह रही सरकार

हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार ऐसा साफ्टवेयर तैयार कर रही है, जो गलत या अधूरे दस्तावेज होने की स्थिति में रजिस्ट्री को अप्रूव ही नहीं करेगा। साथ ही पहले जिले में ही रजिस्ट्री कराने की व्यवस्था थी, लेकिन अब गुरुग्राम का आनलाइन आवेदन करते हुए करनाल में भी अपनी प्रापर्टी की रजिस्ट्री करा सकता है। आवेदन करने से लेकर रजिस्ट्री प्राप्त होने तक तमाम सूचनाएं लोगों को मोबाइल पर अपडेट होती रहेंगी।

छह जिलों के तहसीलदार और डीआरओ गठबंधन सरकार के निशाने पर

हरियाणा के तीन दर्जन कंट्रोल एरिया में हजारों ऐसी रजिस्ट्रियां हुई हैं, जिन पर सवाल उठ रहे हैं। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयवर्धन द्वारा रजिस्ट्रियों पर रोक लगाने संबंधी जो परिपत्र जारी किया गया है, उसमें कुछ शब्द ऐसे हैं, जो रजिस्ट्री घोटाले की तरफ इशारा करते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला स्पष्ट कर चुके कि सरकार लोगों के हित में तथा सरकार का राजस्व बढ़ाने की दिशा में कदम उठा रही है, लेकिन यह तय है कि तहसीलों में बरसों से नियमों के विपरीत रजिस्ट्रियां करते हुए मोटा खेल खेला जा रहा था, जो अब पकड़ में आ चुका है।

नहीं चलेगी तहसीलदारों की मनमानी, गलत रजिस्ट्री को अप्रूव नहीं करेगा नया साफ्टवेयर

राजस्व मंत्री के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के अनुसार हो सकता है कि बरसों से सिस्टम में खामियां हों, लेकिन अब मामला पकड़ में आ गया तो सिस्टम में सुधार सरकार का दायित्व है। उन्होंने इस बात से इन्कार किया कि रजिस्ट्रियां करने में कोई घोटाला हुआ है। उनके अनुसार यह अनियमितताएं थी, जिन्हेंं दूर करने की कार्य योजना बनाई गई है।

दुष्यंत के अनुसार जमीनों की रजिस्ट्री व इंतकाल के रिकार्ड की जानकारी आमजन तक पहुंचाने के लिए राजस्व विभाग अपनी वेबसाइट पर ई-जमाबंदी तथा नमूने के तौर पर रजिस्ट्री-डीड की एक कॉपी अपलोड करेगा, ताकि खरीददार व विक्रेता जमीन का सौदा करने से पहले उसका अच्छी तरह अध्ययन कर लें। इससे दलालों से छुटकारा मिलेगा।

दुष्‍यंत चौटाला के अनुसार, तहसीलों में लोगों का (मैन्युअली) हस्तक्षेप कम से कम हो, इस दिशा में राज्य सरकार ई-रजिस्ट्री के बाद केंद्रीयकृत (सेंट्रलाइज्ड) रजिस्ट्री की अवधारणा को शुरू करने जा रही है। इससे कोई भी व्यक्ति अपने दस्तावेज जमा करने के बाद प्रदेश में किसी भी तहसील से रजिस्ट्री करवा सकेगा।

जिला उपायुक्तों को एक पखवाड़े में देनी होगी रिपोर्ट : दुष्यंत

उपमुख्यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला के अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा रजिस्ट्रियां बंद करने का निर्णय भी इसी के मद्देनजर लिया गया है। कोविड-19 के दौरान शहरों में नगर निगम सीमा के भीतर स्थित ऐसी भूमि, जो कि हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन अधिनियम 1975 के तहत नियंत्रित क्षेत्र घोषित है, वहां की गई रजिस्ट्रियों की जांच के आदेश उपायुक्तों को दिए गए हैं। सभी उपायुक्तों को 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है।

उन्‍होंने बताया कि अब सरकार ने निर्णय लिया है कि इन क्षेत्रों में रजिस्ट्रियां 22 जुलाई से पांच अगस्त तक नहीं की जाएंगी। उन्होंने बताया कि जहां जमाबंदी वर्तमान में ऑफलाइन हैं और वेब-हैलरिस पर उपलब्ध नहीं हैं, वहां पर रजिस्ट्रियां  22 जुलाई से 15 अगस्त, 2020 तक प्रतिबंधित रहेंगी। इसके अलावा, जिन मामलों में ई-स्टैंप जारी किए जा चुके हैं और रजिस्ट्री करवाने का समय उक्त अवधि में आवंटित किया जा चुका है उन मामलों में ऐसे चालानों की वैद्यता 30 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है।

हम खामियों को दूसरे दलों की तरह दबाने की कोशिश नहीं करते : मनोहर

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रजिस्ट्रियों में अनियमितताओं को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतें मिली थी। यह काम बहुत पुराने समय से चला आ रहा था। अब पकड़ में आया है तो इसमें सुधार हमारा दायित्व है। मनोहर लाल ने कहा कि यदि सिस्टम की कोई खामी हमारी जानकारी में आती है तो बिना किसी राजनीतिक नफे-नुकसान के हमारा प्रयास उसमें सुधार का रहता है।

उन्‍होंने कहा, हम उसे दूसरे दलों की तरह दबाने की कोशिश नहीं करते। मनोहर लाल ने बताया कि सभी ई-अपॉइंटमेंट तुरंत प्रभाव से रद कर दी गई हैं और इस संबंध में नई तारीखें प्राथमिकता के आधार पर दी जाएंगी। नई केंद्रीयकृत रजिस्ट्री प्रणाली के तहत रजिस्ट्रियों की जानकारी ई-मेल के माध्यम से संबंधित व्यक्ति को मिलेंगी। पासपोर्ट की तरह रजिस्टर्ड डाक द्वारा रजिस्ट्री अब खरीदार के घर पर पहुंच जाएगी।

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