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चाैटाला परिवार की कलह: अब देवर और भाभी में टकराव, पुत्रों के लिए मां ने संभाला मोर्चा

चाैटाला परिवार की कलह में अब चाचा-भतीजा का विवाद देवर और भाभी के टकराव में बदलता दिख रहा है। दुष्‍यंत और दिग्विजिय चौटाला के समर्थन में उनकी मां नैना चौटाला ने मोर्चा संभाला है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 05:39 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 05:39 PM (IST)
चाैटाला परिवार की कलह: अब देवर और भाभी में टकराव, पुत्रों के लिए मां ने संभाला मोर्चा
चाैटाला परिवार की कलह: अब देवर और भाभी में टकराव, पुत्रों के लिए मां ने संभाला मोर्चा

जेएनएन, चंडीगढ़। चाैटाला परिवार की कलह में अब चाचा-भतीजा का विवाद देवर और भाभी के टकराव में बदलता दिख रहा है। हरियाणा के प्रमुख विपक्षी दल इनेलो में चल रहे 'राजनीतिक संग्राम' के बीच विधायक नैना चौटाला ने अपने दोनों बेटों दुष्यंत चौटाला व दिग्विजय चौटाला के लिए मोर्चा संभाल लिया है। ऐसे में पूर्व सांसद डाॅ. अजय सिंह चौटाला के जेल से बाहर आते ही चौटाला परिवार की यह राजनीतिक लड़ाई रोचक और निर्णायक दौर में पहुंच जाएगी। 'हरी चुनरी चौपाल' के जरिये नैना चौटाला महिलाओं को लामबंद कर रही। अजय चौटाला 5 नवंबर को तिहाड़ जेल से पेराेल पर अाएंगे। पिता के जेल से बाहर आने के बाद दुष्यंत और दिग्विजय की राजनीतिक ताकत बढ़ने के पूरे आसार हैैं।

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दुष्यंत और दिग्जिवय के लिए सियासी ग्राउंड तैयार करने में जुटी मां नैना

आज के दौर में इनेलो में हालांकि राजनीतिक वर्चस्व की जंग चरम पर है, लेकिन नैना चौटाला 'स्टार प्रचारक' के रूप में उभरकर सामने आई हैैं। इसका फायदा इनेलो को कम और दुष्यंत व दिग्विजय को अधिक मिल रहा है। प्रदेश की राजनीति में अजय सिंह चौटाला का पहला परिवार है, जिसके सभी सदस्य सक्रिय राजनीति में आ गए। हरियाणा में आमतौर पर पुरुष प्रधान राजनीति हावी रही है।

5 नवंबर को अजय चौटाला के बाहर आते ही दुष्यंत समर्थकों को मिलेगी ताकत

प्रदेश में महिलाओं के नाम पर राजनीति तो होती रही, लेकिन उन्हें आगे आने का मौका कम ही मिला। बेशक विपरीत हालात में ही नैना चौटाला ने अपने पति की गैर मौजूदगी में राजनीति में कदम रखा, लेकिन अब वे खुलकर मोर्चा संभाले हुए हैैं। नैना की तरफ से यह भी संकेत दिया जा रहा कि परिवार के संकट की घड़ी में महिला भी राजनीतिक जिम्मेदारी निभा सकती है।

'हरी चुनरी चौपाल' के माध्यम से महिलाओं का भरोसा जीत रही नैना चौटाला के निशाने पर उनके देवर और विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला पूरी तरह से हैैं। अपने ससुर और इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला को सम्मान देने का कोई मौका नैना चौटाला अपने हाथ से नहीं जाने दे रहीं। दुष्यंत और दिग्विजय को दिए गए नोटिस के पीछे वह अपने परिवार के खिलाफ राजनीतिक साजिश मान रही हैैं।

राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा है कि नैना चौटाला के उग्र तेवरों के पीछे कहीं न कहीं उनके पति अजय सिंह चौटाला की  सहमति है। दीपावली से पहले 5 नवंबर को अजय चौटाला तिहाड़ जेल से बाहर आएंगे। ऐसे में चौटाला परिवार में चल रही राजनीतिक कलह में आर-पार का फैसला हो सकता है। बहरहाल, नैना चौटाला अपने दोनों बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं।

हरियाणा की राजनीति में चौटाला परिवार की भूमिका को अहम माना जाता है। राजनीति के जानकारों का भी यह मानना है कि चौटाला परिवार में यह लड़ाई किसी मुद्दे या वैचारिक मतभेद को लेकर नहीं बल्कि सत्ता की शीर्ष कुर्सी को लेकर घमासान मचा हुआ है।

राजनीतिक दलों का महिला राजनीति पर फोकस

हरियाणा के इतिहास में 'हरी चुनरी चौपाल' एकदम नया कार्यक्रम है। महिलाओं के नाम पर सम्मेलन तो अधिकतर राजनीतिक दल करते रहे हैं, लेकिन इनमें भी पुरुषों की भूमिका देखने को मिलती रही है। जिस तरह से नैना की चौपाल में हरे रंग की चुनरी ओढ़कर महिलाएं पहुंच रही हैं, उससे लगता है कि आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति में महिला उम्मीदवारों की संख्या बढ़ सकती है। दस वर्षों तक सत्ता में रह चुकी कांग्रेस की महिला इकाई भी इन दिनों राजनीति में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने के लिए लड़ाई लड़ रही है।


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