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अतिथि अध्‍यापकों को पक्का करना आसान नहीं, विधानसभा में लाना होगा बिल

हरियाणा की तमाम पार्टियां अतिथि अध्‍यापकों को अरसे से नियमित करने का भरोसा दिला रही हैं, लेकिन यहआसान नहीं है। विधि विशेषज्ञों के अनुसार, इसके लिए विधानसभा में बिल लाना होगा

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 14 Feb 2018 01:37 PM (IST)Updated: Wed, 14 Feb 2018 01:37 PM (IST)
अतिथि अध्‍यापकों को पक्का करना आसान नहीं, विधानसभा में लाना होगा बिल
अतिथि अध्‍यापकों को पक्का करना आसान नहीं, विधानसभा में लाना होगा बिल

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। पिछले कई साल से पक्का होने की बाट जोह रहे प्रदेश के करीब 15 हजार अतिथि अध्यापकों को नियमित करना आसान नहीं है। राजनीतिक दल उन्हें काफी समय से आश्वासन देते आ रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि इसके लिए अलग से विधानसभा में विधेयक पारति करना पड़ेगा। राज्य के अधिकतर अतिथि अध्यापक वेकेंट पोस्ट (खाली पदों) पर विज्ञापन निकालकर भर्ती नहीं किए गए हैं।

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हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में बिल आया तो इनेलो व कांग्रेस कर सकते हैं समर्थन

राज्य के आंदोलनरत अतिथि अध्यापकों को नियमित करने के लिए सरकार को विधानसभा में बिल लाकर न केवल नई भर्ती की घोषणा करनी पड़ेगी, बल्कि अतिथि शिक्षकों को इन पदों पर एडजेस्ट करने के लिए उन्हें भर्ती नियमों में छूट का लाभ भी देना पड़ेगा। हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 12 मार्च के आसपास शुरू होने की संभावना है।

इससे पहले अतिथि अध्यापकों की 17 फरवरी को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ बातचीत होनी है। अतिथि अध्यापक चाहते हैं कि उन्हें पक्का किया जाए। इसके लिए वे काफी समय से आंदोलन कर सरकार पर दबाव बना रहे हैं। पिछली हुड्डा सरकार में भर्ती हुए इन अतिथियों ने कांग्रेस के कार्यकाल में भी आंदोलन किए थे, तब भाजपा ने उनको पहली कलम से पक्का करने का भरोसा दिलाया था। अब अतिथि अध्यापक भाजपा नेताओं को उस वादे की बार-बार याद दिला रहे हैं।

सीएम सिटी करनाल में तीन दिन पहले शहीद की दिव्यांग विधवा और बेटे के मुंडन ने पूरी व्यवस्था को हिलाकर रख दिया है। यह ऐसा दृश्य था, जब आंदोलनरत अतिथियों के साथ-साथ राह चलते लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। बहरहाल, मुख्यमंत्री के ओएसडी अमरेंद्र सिंह ने उनकी मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग तय कराई है। अतिथि अध्यापकों की इस बैठक पर बड़ी आस टिकी है, लेकिन कानून के जानकार कहते हैं कि अतिथियों को पक्का करना आसान नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट हिदायतें हैं कि किसी भी ऐसे व्यक्ति को पक्का नहीं किया जा सकता, जो गैर विज्ञापित पदों पर लगा हुआ है। अगर सरकार ऐसे लोगों को लाभ देना चाहती है तो विधानसभा में बिल ला सकती है। इस बिल में ही यह प्रावधान करना होगा कि नए पदों पर होने वाली भर्ती में पहले से कार्यरत अतिथियों को अंकों में 10 से 25 फीसद तक की छूट देनी होगी। भाजपा सरकार यदि विधानसभा में यह बिल लेकर आती है तो इनेलो और कांग्रेस उसका विरोध करेंगे, इसकी कतई भी संभावना नहीं है।

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'' अतिथि अध्यापकों को पहले कांग्रेस ने छला और फिर भाजपा ने शोषण किया। भाजपा को अतिथि अध्यापकों से किया वादा पूरा करना चाहिए। मुझे लगता है कि विधानसभा में बिल लाए बिना यह काम संभव नहीं है। यदि सरकार ऐसी कोई पहल करती है तो हमारी पार्टी उसका समर्थन करेगी।

                                            - अशोक अरोड़ा, पूर्व स्पीकर, हरियाणा विधानसभा एवं प्रदेश इनेलो अध्यक्ष।

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'' मुख्यमंत्री मनोहर लाल 17 फरवरी को अतिथि अध्यापकों के साथ वार्ता करेंगे। तभी सब मुद्दों और पहलुओं पर चर्चा होगी। पिछली सरकार ने भर्तियों में जो झोल पैदा किए हैं, उन्हीं की वजह से दिक्कतें आ रही हैं। वार्ता का इंतजार करें।

                                                                                   - जवाहर यादव, पूर्व ओएसडी, सीएम हरियाणा।


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