नौकरियों और दाखिलों में अब आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं
सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में अब आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं मिलेगा। हरियाणा सरकार ने इसे रद कर दिया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में अब आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं मिलेगा। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर मनोहर सरकार ने पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार का फैसला पलटते हुए सभी प्रशासनिक सचिवों को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं।
प्रदेश में पूर्व हुड्डा सरकार ने 27 सितंबर 2013 को अधिसूचना जारी कर पंजाबी, ब्राह्मण, वैश्य, राजपूत और अन्य सामान्य जातियों के गरीब लोगों को आर्थिक आधार पर दस फीसद आरक्षण दिया था। बाद में इस फैसले को कालिंदी वशिष्ठ व अन्य ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। अदालत ने विगत 7 दिसंबर को ही आर्थिक आधार पर आरक्षण बंद करने का फैसला सुना दिया था।
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मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्ष, आयुक्त, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशक, हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार, उपायुक्त, एसडीएम और विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को लिखित पत्र भेजकर आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था तुरंत प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिए। शिक्षण संस्थाओं के साथ ही नौकरियों के मामले में भी यह आदेश लागू होगा।
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इस कदम से सामान्य वर्ग के युवाओं को झटका लगा है। इस वर्ग के गरीब लोगों को अब अार्थिक आधार पर आरक्षण का फायदा नहीं मिलेगा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरक्षण पर विवाद के बाद 2013 में अपने शासनकाल में यह व्यवस्था की थी।