सरकार का ब्राह्मणाें को धौली की जमीन पर ऐलान, दान की गई पंचायती Land की नहीं होगी रजिस्ट्री
Haryana Assembly Budget Session में बुधवार को हरियाणा सरकार ने ब्राह्मणों को दान दह जमीन के मामले में बड़ी घोषणा की। सरकार ने कहा कि दान दी पंचायती जमीन की रजिस्ट्री नहीं होगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। Haryana Assembly Budget Session में बुधवार को हरियाणा सरकार ने ब्राह्मणों को धौली (दान की गई) जमीन के बारे में बड़ी घोषणा की। हरियाणा सरकार ने कहा कि ब्राह्मणों को दान में दी गई पंचायती भूमि का मालिकाना हक सरकार नहीं देगी। ऐसी जमीन की रजिस्ट्री नहीं होगी।
कहा- जिन लोगों ने निजी जमीनें दान की, उनकी हर हाल में होगी रजिस्ट्री
बता दें कि जागरण ने पहले ही ऐसी खबर प्रकाशित की थी। विधानसभा में बुधवार को यह मुद्दा उठा। पिछली भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार द्वारा इसके लिए बनाए गए कानून को राज्य की मनोहर सरकार ने अपने पहले ही कार्यकाल में बदल दिया था। इस पूरे मामले को लेकर बने विवाद पर बुधवार को सरकार ने विधानसभा में स्थिति साफ की।
भाजपा-जजपा सरकार ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया। बादली से कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स और नारनौंद से जननायक जनता पार्टी (JJP) विधायक रामकुमार गौतम ने धौली की जमीनों की रजिस्ट्री नहीं होने का मुद्दा उठाया। वत्स ने आरोप लगाया कि भाजपा-जजपा सरकार ब्राह्मणों सहित कई जातियों को दान में दी गई जमीन का मालिकाना हक छीन रही है।
इससे पहले जजपा विधायक रामकुमार गौतम ने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश में भ्रम की स्थिति है और सरकार को पूरे मामले में स्पष्टीकरण देना चाहिए। सरकार की ओर से डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला ने इस मामले में जवाब दिया। दुष्यंत चौटाला ने स्पष्ट किया कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने 2010-11 के दौरान इस संबंध में कानून बनाया था।
दुष्यंत ने कहा कि तत्कालीन भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार द्वारा कानून में ही त्रुटियां की गईं। कानून में पंचायती जमीन भी दान में देने का प्रावधान कर दिया गया। कोई भी व्यक्ति अपनी खुद की जमीन तो किसी को दान में दे सकता है लेकिन किसी भी सरपंच या व्यक्ति को पंचायती जमीन किसी को दान में देने का कोई अधिकार नहीं है।
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बता दें कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पास ही है। इसी वजह से दुष्यंत ने पूरे मामले में स्पष्टीकरण दिया। दुष्यंत ने कहा कि मनोहरलाल सरकार ने पिछले कार्यकाल के दौरान ही इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए थे। उन्होंने कहा कि निजी जमीन अगर किसी व्यक्ति को दान में दी गई है तो उसका मालिकाना हक दिया जाएगा, लेकिन पंचायती जमीन का मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता।
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