हरियाणा में बनेंगे नए राजनीतिक समीकरण, सभी दलों को नए सिरे से बनानी होगी रणनीति
दुष्यंत चौटाला की नई पार्टी जननायक जनता पार्टी के अस्तित्व में आने से प्रदेश में नए राजनीतिक समीकरण बनेंगे।
जेएनएन, नई दिल्ली। सांसद दुष्यंत चौटाला की नई पार्टी जननायक जनता पार्टी के अस्तित्व में आने से प्रदेश में नए राजनीतिक समीकरण बनेंगे। पहले लोकसभा और फिर विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ दल भाजपा सहित मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस व इनेलो को भी नए सिरे से रणनीति बनानी होगी।
राजनीति के पंडित मान रहे हैं कि दुष्यंत चौटाला ग्रामीण पृष्ठभूमि के अपने समर्थक मतदाताओं के साथ आम आदमी पार्टी के समर्थक शहरी मतदाताओं का सहयोग भी ले सकते हैं। इससे बदले चुनावी परिदृश्य में भाजपा, कांग्रेस, इनेलो-बसपा गठबंधन के सामने ये दोनों पार्टियां मुकाबला चतुष्कोणीय बनाएंगी।
आसान नहीं है नई पार्टी की डगर
जानकार मान रहे हैं कि दुष्यंत की नई पार्टी का सफर आसान नहीं है। प्रदेश में राव वीरेंद्र सिंह, देवीलाल, बंसीलाल सहित भजनलाल ने भी अपनी अलग क्षेत्रीय पार्टी बनाई। भजनलाल को छोड़कर इन सभी ने एक सहयोगी पार्टी के दम पर राज्य में सत्ता भी पाई। बाद में इनेलो को छोड़कर किसी अन्य दल का कोई वजूद नहीं बचा। अब देखना होगा कि दुष्यंत की पार्टी में युवा जोश और आकर्षण कब तक बरकरार रहता है।
जननायक जनता पार्टी को फायदे में मान रही हैं भाजपा और कांग्रेस
माना जा रहा है कि जननायक जनता पार्टी हिसार, सिरसा, जींद, भिवानी, फतेहाबाद, पलवल से लेकर अन्य कई जिलों में मुकाबला चतुष्कोणीय बनाएगी। स्थापित पार्टियों खासतौर पर इनेलो-बसपा गठबंधन से लेकर भाजपा-कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ देगी। मगर, भाजपा और कांग्रेस के नेता कहते हैं कि इस नई पार्टी से उनकी पार्टी को सीधा फायदा मिलेगा।
हरियाणा में अभी तक पूर्व मुख्यमंत्रियों ने ही बनाईं पार्टियां
हरियाणा में राजनीतिक दल बनते रहे हैं। हालांकि उनका हश्र भी किसी से छिपा नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह ने विशाल हरियाणा पार्टी व पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल ने हरियाणा विकास पार्टी और पूर्व सीएम भजन लाल ने हरियाणा जनहित कांग्रेस की नींव रखी थी। दुष्यंत ऐसे पहले युवा हैं जिन्होंने सांसद बनने के बाद इनेलो से निष्कासित होने पर नई पार्टी बनाने का साहस जुटाया।