सियासी समीकरण, आप और जेजेपी के बीच सुलहनामे की नई सिरे से कोशिशें
हरियाणा में आम आदमी पार्टी और जननायक जनता पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर नए सिरे से कोशिशें शुरू हो गई हैं। इससे पहले दोनों के बीच सीटों के बंटबारे पर गतिरोध आ गया था।
चंडीगढ़, जेजेपी। आम आदमी पार्टी और जननायक जनता पार्टी के बीच एक बार फिर नए सिरे से गठबंधन की कोशिशें शुरू हो गई हैं। एक दिन पहले ही दोनों दलों में लोकसभा और विधानसभा की सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई थी। इस कारण गठबंधन के रास्ते बंद हो चुके थे। अब जननायक जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के नेताओं को यह समझ आ रहा है कि भाजपा को रोकने के लिए जाट और गैर जाट का गठजोड़ जरूरी है। इसमें आप और जेजेपी सक्षम हैं।
दिल्ली में बैठे दोनों दलों के कुछ नेताओं ने शुरू किए मध्यस्थता के प्रयास
जींद उपचुनाव में आप और जेजेपी ने मिलकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी। जेजेपी प्रत्याशी दिग्विजय सिंह चौटाला जींद चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे थे। जेजेपी और आप ने मिलकर यह चुनाव पूरी मजबूती के साथ लड़ा था। इसके बाद उम्मीद की जाने लगी थी कि मौजूदा लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में भी केजरीवाल और दुष्यंत की पार्टियों के बीच गठबंधन हो सकता है। इसके लिए आप की हरियाणा इकाई अध्यक्ष नवीन जयहिंद ने माहौल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
जाट और गैर जाट की राजनीति के जरिये भाजपा को मात देने की रणनीति
दोनों दलों के प्रमुख नेताओं के बीच गठबंधन के पहलुओं पर चर्चा के लिए आधा दर्जन बार बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन सीटों के बंटवारे पर पेंच फंस गया। आप की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष नवीन जयहिंद ने पार्टी कार्यकर्ताओं से इस पर रायशुमारी की। कार्यकर्ता चाहते हैैं कि आधी-आधी सीटों पर चुनाव लडऩे के फार्मूले से कम पर बात नहीं बनेगी। अरविंद केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं की इस राय को अहमियत दी है।
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जेजेपी नेता जब इस फार्मूले को मानने को तैयार नहीं हुए तो नवीन जयहिंद ने अपने पार्टी नेतृत्व को भरोसे में लेकर शनिवार रात दोनों दलों के बीच गठबंधन के रास्ते बंद हो जाने का एलान कर दिया। रविवार को राजनीतिक गलियारों में दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं होने की खबर छाई रही। दोपहर में राजनीतिक परिस्थितयां बदली हुई नजर आईं।
सूत्रों के अनुसार जेजेपी और आप नेता यह मान रहे कि हरियाणा में जाट और गैर जाट संतुलन ही भाजपा को चुनौती दे सकता है। ऐसे में जेजेपी अब आम आदमी पार्टी के पांच-पांच लोकसभा सीटें और 45-45 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के फार्मूले पर राजी होने को तैयार नजर आ रही है। दोनों दलों के कुछ नेता चाहते हैं कि कांग्रेस तथा भाजपा को मात देने के लिए उनका हाथ मिलना बेहद जरूरी है।
ऐसे में दिल्ली में बैठे दोनों दलों के नेताओं ने एक बार फिर अरविंद केजरीवाल, दुष्यंत चौटाला और नवीन जयहिंद को एक टेबल पर बैठाने की पेशकश की है। तमाम असमंजस दूर करते हुए दोनों दल सीटों के नए बंटवारे पर सहमत हो सकते हैं। ऐसे में उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में दोनों दलों की तरफ से कोई नई खबर आ सकती है।
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