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हरियाणा में नई शिक्षा नीति लांच, जानें इसके खास पहलू, बदलेगा आंगनबाड़ी से लेकर उच्चतर शिक्षा का स्वरूप

New Education Policy in Haryana हरियाणा में नई शिक्षा नीति लांच कर दी गई है। राज्‍य के मुख्‍यमंंत्री मनाेहरलाल ने इसे आज पंचकूला में लांच किया। यह 2025 तक हरियाणा में पूरी तरह लागू हो जाएगा। इससे आंगनबाड़ी से लेकर उच्‍चतर शिक्षा तक का स्‍वरूप बदल जाएगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 07:07 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 07:05 AM (IST)
हरियाणा में नई शिक्षा नीति लांच, जानें इसके खास पहलू, बदलेगा आंगनबाड़ी से लेकर उच्चतर शिक्षा का  स्वरूप
हरियाणा में नई शिक्षा नीति में लांच कर दी गई है और इससे शिक्षा का स्‍वरूप बदलेगा। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़ ,राज्‍य ब्‍यूरो। हरियाणा में अगले चार साल शिक्षा क्षेत्र में आमूल-चूल बदलाव होने वाला है। आंगनबाड़ी से लेकर माध्यमिक और उच्चतर शिक्षा का स्वरूप बदलेगा। रोजगार के बदलते परिवेश में बच्चों को दक्ष बनाने के लिए छठी कक्षा से व्यावसायिक शिक्षा शुरू की जाएगी। वर्ष 2025 तक ड्राप आउट रेट को शून्य पर लाने का लक्ष्य है। परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के जरिये हर बच्चे की ट्रैकिंग कर उन्हें स्कूल में लाया जाएगा।

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हरियाणा में चार साल में पूरी तरह होगी लागू, अब छठी कक्षा से व्‍यवसायिक शिक्षा मिलेगी

नई शिक्षा नीति को अमलीजामा पहनाने में जुटे महकमों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनाेहर लाल के सामने पूरी कार्ययोजना की रिपोर्ट रखी कि किस तरह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को चार साल में पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। पंचकूला में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में औपचारिक रूप से नई शिक्षा नीति लांच करते हुए इसे शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम बताया।

पंचकूला में नई राष्‍ट्रीय शिक्षा न‍ीति को ह‍रियाणा में लांच करते सीएम मनोहरलाल। (स्रोत हरियाणा डीपीआर)

इस दौरान हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर बीके कुठियाला, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव महावीर सिंह, उच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के आयुक्त राकेश गुप्ता ने अपने-अपने महकमों से जुड़ी तैयारियों की रिपोर्ट सबके सामने रखी।

 2025 तक ड्राप आउट रेट को शून्य पर लाने का लक्ष्य, पीपीपी से हर बच्चे की ट्रैकिंग

कार्यक्रम में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा और भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल कानितकर के साथ अधिकतर विश्वविद्यालयों के कुलपति और शिक्षाविद प्रत्यक्ष रूप से साक्षी बने। इसके साथ ही यू-ट्यूब और फेसबुक के जरिये सीधे प्रसारण के जरिये सरकारी और निजी स्कूलों में छात्रों, शिक्षकाें व एमएमसी सदस्यों ने नई शिक्षा नीति की बारीकियां समझी।

नई शिक्षा नीति को अमलीजामा पहनाने में जुटे महकमों ने मुख्यमंत्री के सामने रखी तैयारी की रिपोर्ट

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नीति में शिक्षा एवं रोजगार के साथ-साथ विद्यार्थियों को संस्कारवान और स्वाबलंबी बनाना है ताकि विद्यार्थी दुनिया में भारत को पुन: विश्व गुरु बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। आजादी के समय लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति 'तीन आर': राइटिंग, रीडिंग और अरिथमेटिक पर केंद्रित थी। इसमें नागरिक का संपूर्ण विकास नहीं हो सकता था।

उन्‍होंने कहा कि अब ऐसी शिक्षा नीति की आवश्यकता है जिससे युवा पीढ़ी शिक्षित तो बने ही, उसमें राष्ट्रीयता की भावना भी पैदा हो। इसी उद्देश्य से केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 बनाई है। प्रदेश में नई शिक्षा नीति को पूर्ण रूप से लागू करने के लिए पर्याप्त स्कूल, कालेज व अन्य शिक्षण संस्थान उपलब्ध हैं। फिर भी कहीं कोई कमी महसूस हुई तो तुरंत उसे पूरा किया जाएगा।

हर साल 29 जुलाई को मनाया जाएगा नई शिक्षा नीति दिवस

मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने हर वर्ष 29 जुलाई को नई शिक्षा नीति दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। इस दिन शिक्षा नीति के लक्ष्य व उद्देश्यों की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। सीएम ने कहा कि नई शिक्षा नीति की सिफारिशों पर हरियाणा में पहले से कार्य हो रहा है। यहां तक कि हरियाणा द्वारा की गई सिफारिशों को भी एनईपी में शामिल किया गया है।

उन्‍होंने कहा कि हरियाणा में अभी उच्चतर शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी 32 फीसद है जिसे जल्द ही 50 फीसद तक लाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ने महिला कालेज खोले हैं और लड़कियों को कालेज तक पहुंचने के लिए परिवहन सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। प्रदेश में बहु-विषयक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना पर भी काम किया जा रहा है।


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