नायब सैनी ने एमएमसी के छात्रों में बाटे पुरस्कार
जासं, पंचकूला : एमएमसी कंप्यूटर्स स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग पार्टनर एचएसडीएम ने कौशल मेला और
जासं, पंचकूला :
एमएमसी कंप्यूटर्स स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग पार्टनर एचएसडीएम ने कौशल मेला और प्लेसमेंट पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया। इसमें हरियाणा के श्रम और रोजगार राज्यमंत्री नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि रहे। केंद्र के कुशल छात्र जिन्होंने हाल ही में एमएमसी में प्लेसमेंट प्राप्त की थीं, उन्हें कंपनियों के एचआर प्रबंधकों की ओर से नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। मंत्री सैनी ने इन छात्रों को कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवाओं को लाभ देने के लिए सरकार की ओर से संचालित योजनाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर पर मिल रहे हैं। इस दौरान पंचकूला के विधायक ज्ञान चंद गुप्ता विशेष अतिथि रहे। उन्होंने एनएसडीसी की तरफ से हाल ही में कुशल छात्रों को जारी किए गए कौशल प्रमाण पत्र वितरित किए। हारट्रोन के कौशल केंद्र के छात्रों ने सास्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया और अकेले नृत्य, गिटार, भंगड़ा, गिद्धा, पंजाबी बीट्स, स्किटल ऑन स्किलर्स एंड स्किट ऑन स्किल इंडिया पेश करके प्रतिभा दिखाई। इस दौरान सिमरजीत कौर मिस फ्रेशर, जसप्रीत सिंह मिस्टर फ्रेशर घोषित किए गए। हरियाणा कौशल विभाग मिशन के संयुक्त निदेशक अंबिका पट्याल, हरियाणा को ऑपक्स बैंक लिमिटेड के डीजीएम अनुपमा कोहर, राकेश जैन, अनुपम जैन, डॉ. नरिंदर बंसल भी उपस्थित थे। बच्चों को मौलिक अधिकारों की दी जानकारी
जासं, मोहाली : दी नॉलेज बस ग्लोबल स्कूल में बच्चों को लड़कियों व लड़कों में समानता संबंधी जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार के लिए स्कूल में विशेष तौर पर पहुंचे डॉ. प्रीती सिंह ने बताया कि आज के समय में लड़किया लड़कों के बराबर हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर रही हैं, लेकिन अभी भी देश के कई हिस्सों में लड़कियों को लड़कों से कमतर आंका जाता है, जोकि बिलकुल गलत है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरणा देते हुए कहा कि आज की लड़किया, पढ़ाई, वैज्ञानिक, खेलों, बिजनेस व अन्य विभिन्न क्षेत्रों में लड़कों से भी आगे निकल चुकी है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि लड़कों व लड़कियों की समानता के लिए केवल लड़कियों को ही जागरूक करना जरूरी नहीं, बल्कि लड़कों के भी जागरूक करना पडे़गा। इसके साथ ही विद्यार्थियों को उनके संविधान प्रति मौलिक अधिकारों व नैतिक जिम्मेदारियों से संबंधी भी जानकारी दी गई। प्रिंसीपल अनिशा सहपाठी ने कहा कि इस सेमिनार को करवाने का मुख्य उद्देश्य बच्चों में लैंगिक भेदभाव की भावना खत्म करना था।