Move to Jagran APP

हरियाणा में शहरी निकाय चुनाव में विजेता उम्मीदवारों के नाम के साथ लिखा जाएगा पार्टी का नाम

हरियाणा में शहरी निकाय चुनाव में विजेता उम्मीदवारों के नाम के साथ पार्टी का नाम भी लिखा जाएगा। राज्य में अभी तक ऐसी व्यवस्था नहीं थी लेकिन हिमाचल के बाद हरियाणा ने भी अब नियम में बदलाव कर दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 09:56 AM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 09:56 AM (IST)
हरियाणा में शहरी निकाय चुनाव में विजेता उम्मीदवारों के नाम के साथ लिखा जाएगा पार्टी का नाम
हरियाणा में पार्टियों के चुनाव चिन्ह। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा चुनाव आयोग ने गुरुग्राम और करनाल नगर निगमों के उपचुनाव में निर्वाचित उम्मीदवारों की नोटिफिकेशन में संशोधन किया है। गुरुग्राम के वार्ड नंबर 34 में रमा रानी राठी और करनाल के वार्ड नंबर सात में सरिता कालड़ा ने उपचुनाव जीते थे। पांच अक्टूबर को जारी हुई नोटिफिकेशन में इन दोनों उम्मीदवारों के नाम के आगे उनकी पार्टी का उल्लेख नहीं था। रमा रानी और सरिता कालड़ा दोनों भाजपा की पार्षद हैं।

loksabha election banner

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अधिवक्ता हेमंत कुमार के हस्तक्षेप के बाद चुनाव आयोग ने संशोधित अधिसूचना जारी करते हुए रमा रानी राठी और सरिता कालड़ा के नाम के आगे उनकी पार्टियों के नाम भाजपा का उल्लेख कर दिया है। हेमंत कुमार ने आरटीआइ दायर कर चुनाव आयोग से इस बारे में सूचना मांगी थी। इसी वर्ष मार्च में पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की विधानसभा द्वारा हिमाचल प्रदेश नगर निगम कानून 1994 में राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्हों पर चुनाव करवाने के लिए कानूनी प्रविधान डालने के बाद ही वहां पर मंडी, धर्मशाला, सोलन और पालमपुर नगर निगमों में पार्टी चुनाव चिन्ह पर चुनाव करवाए जा सके थे। अगर मात्र राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश से ही ऐसा करना कानून संभव होता, जैसा हरियाणा में आज तक होता रहा है, तो हिमाचल प्रदेश विधानसभा को उपरोक्त कानूनी संशोधन करने की आवश्यकता नहीं होती।

हेमंत ने चुनाव आयोग को भेजे पत्र में यह भी लिखा था कि जनवरी 2017 में फरीदाबाद नगर निगम, सितंबर 2017 में गुरुग्राम नगर निगम और दिसंबर 2018 में करनाल, पानीपत, हिसार, रोहतक और यमुनानगर नगर निगमों के आम चुनाव हरियाणा चुनाव आयोग द्वारा करवाए गए तो इन सभी की निर्वाचन नोटिफिकेशन में किसी भी विजयी उम्मीदवार के राजनीतिक दल का नाम क्यों नहीं दर्शाया गया था।

29 अक्टूबर की ताजा संशोधित नोटिफिकेशन पर हेमंत का कहना है कि आयोग इस विषय पर दोहरा मापदंड नहीं अपना सकता। अगर नगर निगमों के आम चुनावों की निर्वाचन नोटिफिकेशन में विजयी उम्मीदवारों के राजनीतिक दल का उल्लेख नहीं किया गया तो विगत माह दो वार्डों की उपचुनाव नोटिफिकेशन में ऐसा उल्लेख क्यों किया गया है, यह समझ से बाहर है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.