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नगर निगम चुनावों की घोषणा 3 दिसंबर को संभव, नए साल में मिल जाएगा पंचकूला को नया मेयर

हरियाणा में नगर निगम चुनावों की घोषणा वीरवार को संभव है। अगले वर्ष की शुरुआत में ही नगर निगमों में नए मेयर मिल जाएंगे। पंचकूला में मेयर चुनाव लड़ने के लिए नेताओं ने अपनी गोटियां बैठानी शरू कर दी हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 04:03 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 04:03 PM (IST)
नगर निगम चुनावों की घोषणा 3 दिसंबर को संभव, नए साल में मिल जाएगा पंचकूला को नया मेयर
पंचकूला नगर निगम की सांकेतिक फोटो ।

पंचकूला [राजेश मलकानियां]। हरियाणा निर्वाचन कार्यालय द्वारा वीरवार यानी 3 दिसंबर को पंचकूला सहित तीन नगर निगमों एवं एक नगर परिषद के चुनाव की घोषणा की जा सकती है। नए साल से पहले पंचकूला को नया मेयर मिल जाएगा। पंचकूला के अलावा अंबाला सोनीपत नगर निगम और रेवाड़ी नगर परिषद के चुनाव की घोषणा होगी। यह सारी प्रक्रिया 29 दिसंबर तक पूरी हो जाएगी।

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राज्य निर्वाचन कार्यालय द्वारा वीरवार को एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दिलीप सिंह ने बताया कि नए साल से पहले सभी वार्डों और मेयरों के चुनाव हो जाएंगे। चुनाव कार्यक्रम जारी होने से पहले राजनीतिक दलों में भी हलचल मची हुई है।

नगर निगम चुनावों की आहट तेज होने लगी है। जल्द ही निगम चुनावों की घोषणा होने की संभावना है। भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और आम आदमी पार्टी भले ही उम्मीदवारों के नाम पर मंथन कर रही है, लेकिन शहर की समस्याओं पर नेताओं की याद आने लगी है। प्रमुख पार्टियां नामांकन से तीन या चार दिन पहले उम्मीदवारों के नाम घोषित करेगी, लेकिन कुछ लोगों ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। इस बार चुनावी मुकाबला जबरदस्त होगा। भाजपा-जजपा का प्रदेश में गठबंधन है, लेकिन पंचकूला में जजपा की ओर से मेयर के लिए अपना उम्मीदवार उतारने के लिये आवाज उठाई जा रही है, जबकि भाजपा किसी भी हालत में जजपा को यह सीट देने के लिए तैयार नहीं होगी, क्योंकि यहां पर भाजपा से विधायक और विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता हैं।

वहीं शिरडी साईं सेवा समाज की ओर से अपना प्रतिनिधि भी मैदान में उतारा गया है। कांग्रेस की ओर से भी ऐसे मेयर उम्मीदवार को मैदान में उतारा जाएगा, जो कि अपने साथ-साथ वार्डों में उतरे कांग्रेस प्रतिनिधियों के साथ सामंजस्य बना सके। भाजपा में मेयर के प्रबल दावेदार कुलभूषण गोयल, बीबी सिंगल, शाम लाल बंसल और विशाल सेठ हैं, जबकि कांग्रेस में पूर्व मेयर उपिंद्र कौर आहलुवालिया, प्रदेश प्रवक्ता रंजीता मेहता, पूर्व प्रधान रविंद्र रावल जोर अजमाइश में लगे हैं।

आम आदमी पार्टी सुरेंद्र राठी को मेयर के लिये मैदान में उतार सकती है। संभावना यह है कि आप की ओर से निर्दलीय तौर पर खड़े किसी दमदार उम्मीदवार को भी पार्टी में शामिल करके चुनाव चिन्ह से लड़ाया जा सकता है। इनेलो की ओर से केवल एक प्रमुख नाम पूर्व नगर परिषद प्रधान सीमा चौधरी का है।

शिरडी साईं सेवा समाज से अनिल थापर ने काफी दिन पहले ही मेयर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। घोषणा के बाद वह लोगों से मिलने और बैठकों का दौर भी शुरू कर चुके हैं। थापर अपने सामाजिक कार्यों को भी साथ-साथ आगे बढ़ा रहे हैं। थापर ने एक बात साफ कही है कि वह राजनीति और समाजसेवा को बिल्कुल अलग रखेंगे। चुनाव में जीत या हार से सामाजिक काम बंद नहीं होंगे, बल्कि तेजी से वह आगे बढ़ेंगे। थापर का दावा है कि शिरडी साईं सेवा समाज के सैंकड़ों परिवार उन्हें समर्थन दे चुके हैं। अनिल थापर पिछले 30 सालों से लंगर सेवा, दिव्यांगों की मदद, लड़कियों की शादी सहित अन्य कामों में लगे हैं।

जननायक जनता पार्टी की ओर से ओपी सिहाग को टिकट देने के लिए हाईकमान पर दबाव बनाया जा रहा है। जजपा नेताओं ने प्रस्ताव पास करके हाईकमान के पास भेजा और कहा कि सिहाग ही पंचकूला नगर निगम के मेयर के पद के लिये कोई योग्य उम्मीदवार है। जजपा के ग्रामीण जिला अध्यक्ष भाग सिंह दमदमा, वरिष्ठ जजपा नेता रणधीर सैनी, अजय गौतम सहित अन्य ने हाईकमान से कहा है कि सिहाग को हर तपके व समाज के लोग जानते हैं। उनमें काम करने का वही जोश व जज्बा कायम है। बतौर ईओ वह पंचकूला नगर निगम व नगर परिषद में कार्यप्रणाली बेहतर ढंग से चला पाएंगे।

कालोनियों के प्रतिनिधि के तौर पर पूर्व पार्षद हरेंद्र सिंह सैनी के बेटे वसंत कुमार सैनी ने मेयर चुनाव में उतरने का फैसला किया है। वसंत ने कहा कि आज तक कालोनियों में रहने वाले लोगों का शोषण होता रहा और वोट लेने के बाद सभी नेता अपने घर पर बैठ जाते हैं। जब कालोनियों के लोग इन नेताओं के पास काम के लिए जाते हैं, तो नेताओं के घरों के दरवाजे भी नहीं खुलते। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों ने शहर की कालोनियों में रहने वाले लोगों से धोखा किया है। पिछले लगभग 30 सालों से कांग्रेस द्वारा राजीव, इंदिरा, खडक़ मंगौली, मद्रासी कालोनी के पुनर्वास के लिये कोई प्रबंध नहीं किया गया।


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