हरियाणा में दो शिफ्ट में चलेंगे माडल संस्कृति स्कूल, सीबीएसई से मांगी अनुमति
हरियाणा में कोरोना काल में 137 माडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में बच्चों की संख्या में 28 फीसद बच्चों की वृद्धि हो गई है। अब सरकार की योजना इन स्कूलों में दो शिफ्ट में पढ़ाने की है। स्कूल पहली दिसंबर से पूरी क्षमता के साथ खुलेंगे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिए शुरू किए गए अत्याधुनिक सुविधाओं वाले माडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को अब दो पालियों (शिफ्ट) में चलाने की तैयारी है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से मंजूरी मांगी है। साथ ही फीस माफ करने का भी अनुरोध किया है।
कोरोना काल के दौरान सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या में खासी बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश में 137 सरकारी माडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल और 1418 माडल संस्कृति प्राथमिक स्कूल चल रहे हैं। सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में बच्चों की संख्या 27.90 फीसद और प्राथमिक स्कूलों में 16.73 फीसद बढ़ी है। कई माडल संस्कृति स्कूल ऐसे हैं जिनमें मौजूद शिक्षा सत्र में डेढ़ गुणा बच्चों ने दाखिला लिया है।
चूंकि कोरोना संक्रमण में कमी के चलते प्रदेश सरकार पहली दिसंबर से स्कूलों को पूरी क्षमता के साथ शुरू करने की तैयारी में है, ऐसे में अत्यधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों में कक्षाएं संचालित करना मुश्किल होगा। इस परेशानी से निपटने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सरकार को अधिक छात्र संख्या वाले माडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को दो पालियों में संचालित करने का अनुरोध किया था जिसे स्वीकार कर लिया गया है। सीबीएसई की मंजूरी के बाद इन स्कूलों में दो शिफ्टों में कक्षाएं शुरू हो जाएंगी जिससे पढ़ाई का स्तर और सुधरेगा।
अति गरीब परिवारों के बच्चों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा
माडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में परिवार पहचान पत्र के अंतर्गत सत्यापित अति गरीब परिवारों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिलेगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वरिष्ठ अधिकारियों को स्कूलों का नियमित दौरा और हर माह समीक्षा करने का निर्देश भी दिया है। एसडीएम, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारियों तथा तहसीलदारों को एक-एक माडल संस्कृति स्कूल को गोद लेने के लिए कहा गया है। नई शिक्षा नीति के अनुसार माडल संस्कृति स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम के साथ-साथ हिंदी माध्यम में भी शिक्षा ग्रहण करने का विकल्प विद्यार्थियों को मिलेगा।