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Haryana Budget: पीएम मोदी के चार मूलमंत्रों पर आधारित रहा मनोहरलाल का बजट

Haryana Budget 2021 हरियाणा के सीएम मनोहरलाल द्वारा शुक्रवार को पेश किए गए राज्‍य के साल 2021-22 का बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चार मूलमंत्रों पर आधारित है। मनोहरलाल ने प्रधानमंत्री के इन मूलमंत्रों को बजट में समाहित किया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 13 Mar 2021 11:18 AM (IST)Updated: Sat, 13 Mar 2021 11:18 AM (IST)
Haryana Budget: पीएम मोदी के चार मूलमंत्रों पर आधारित रहा मनोहरलाल का बजट
हरियाणा विधानसभा में बजट पेश करते हुए सीएम मनोहरलाल। (जागरण)

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। Haryana Budget: 'इस मोड़ पर घबरा के न थम जाएं आप, जो बात नई है उसे अपनाएं आप, डरते हैं नई राह पे क्यूं चलने से, हम आगे-आगे चलते हैं आ जाइये आप'। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को जो बजट पेश किया, उसमें कुछ इसी तरह का हौसला दिखाई दे रहा है। कोरोना की वजह से इस साल राज्य के हर व्यक्ति की औसत आठ हजार रुपये सालाना आय कम हो गई है। अर्थव्यवस्था के पटरी से उतरने का खतरा सरकार के सिर पर मंडरा रहा था। आय कम हुई तो खर्चे भी कम रहे। साल के आखिरी दिनों में राजस्व में थोड़ी बहुत बढ़ोतरी देखने को मिली। डगमगाती अर्थव्यवस्था के बीच वित्त मंत्री के नाते मुख्यमंत्री और उनके एक दर्जन अधिकारियों की टीम ने ऐसा वित्त प्रबंधन संभाला कि विपक्ष भी सोचने को मजबूर हो गया। वस्‍तुत: उनका बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चार मूलमंत्रों पर आधारित है।

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मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री के वी शेप फार्मूले को बनाया बजट का आधार

हरियाणा सरकार ने एक लाख 55 हजार करोड़ रुपये के बजट में इस बार उधार के पैसे से अर्थव्यवस्था चलाने पर कम ही ध्यान दिया। शहरी निकायों से आय बढ़ाने का प्रयास हो या फिर अपनी खुद की बीमा कंपनी बनाकर इस क्षेत्र में हाथ आजमाने की कोशिश, सरकार के वार्षिक बजट में बिना किसी भय के इस साल का वित्तीय सफर सुरक्षित तय हो जाने की मंजिल दिखाई दे रही है। मनोहर लाल ने खुद विधानसभा में स्पष्ट किया कि यह सुदृढ़ और उदीयमान हरियाणा के निर्माण का बजट है।

प्रधानमंत्री का मूलमंत्र - असाधारण परिस्थितियों में असाधारण नीतियों की जरूरत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मूलमंत्र है कि असाधारण परिस्थितियों में असाधारण नीतियों की आवश्यकता होती है। इसी मूलमंत्र से मनोहर के टैब से हरियाणा का बजट निकला है, जिसके चार स्तंभ बिगड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का बड़ा आधार बनेंगे। मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार इन चारों स्तंभों का जिक्र करते हुए बजट की भूमिका पेश की। यह स्तंभ हैं, प्रमुख क्षेत्रों की प्राथमिकताएं निर्धारित करना, मध्यम अवधि परिव्यय फ्रेमवर्क रिजर्व फंड, परिणाम आधारित विकास और कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करना।

कृषि और किसान सबसे आगे

मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने प्रदेश के विकास के लिए कृषि और किसान को सबसे आगे रखा है। उनका मानना है कि आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करने के लिए किसानों की सहायता जारी रखने की आवश्यकता है। यह बजट किसान की आय बढ़ाने, फसल विविधिकरण और जल संरक्षण की योजनाओं पर बल देने का प्रयास है। इसके अलावा रेल और सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर लाजिस्टिक्स प्रदान करने के लिए इस बजट का कोई तोड़ नहीं है। राज्य की अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निवेश करना बेहद जरूरी है।

तीन से 10 साल की मजबूत योजना

मुख्यमंत्री ने इस बजट से नई सोच का परिचय दिया है। विभिन्न विकास परियोजनाओं की एक साल की अवधि में परिपक्वता से आगे बढ़कर उन्होंने माना कि बुनियादी ढांचा मजबूतीकरण से जुड़ी योजनाओं के लिए तीन से 10 वर्ष की अवधि की अनुमति दी जानी चाहिए।

उन्होंने ऐसी परियोजनाओं के लिए मध्यम अवधि परिव्यय फ्रेमवर्क रिजर्व फंड का प्रावधान कर नई रणनीति प्रस्तुत की है। हालांकि नियमित आवंटन करते समय परंपरागत वार्षिक समय-सीमा का पालन किया जाएगा। इसमें वर्ष भर आवंटन करने की सुविधा रहेगी। एमटीईएफ रिजर्व फंड हर वार्षिक बजट में किए गए आवंटन को औचित्य के साथ प्रस्तुत करेगा और इसका विधानसभा में अनुमोदन किया जाएगा।

योजनाओं के परिणाम पर फोकस

मोदी के तीसरे मूलमंत्र पर आगे बढ़ते हुए मनोहर लाल ने अपने बजट में योजनाओं के परिणाम हासिल करने पर बल दिया है ताकि सार्वजनिक धनराशि का आवंटन और व्यय फलदायी तरीके से सुनिश्चित किया जा सके। जैसे कि देश का पहला कौशल विश्वविद्यालय, सक्षम युवा कार्यक्रम और अनूठा रोजगार पोर्टल, जो नौकरी के इच्छुक युवाओं के कौशल की मैपिंग करता है।

समाज के आखिरी व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान

परिवार पहचान पत्र योजना हरियाणा सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना है। इसका उदाहरण मुख्यमंत्री ने सदन में बार-बार दिया है। लोगों के ईज ऑफ लीविंग को बेहतर बनाने में यह योजना दूरगामी साबित होगी। इसके क्रियान्वयन में सरकार की रणनीति अंत्योदय-अंतिम व्यक्ति तक पहले सेवा पहुंचाना और उत्थान करना है। यही पूरे बजट का मूल सार भी है।

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