पीएलपीए में संशोधन कर विपक्ष के निशाने पर मनोहरलाल सरकार, उठाए सवाल
हरियाणा की मनोहरलाल सरकार पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट में संशोधन काे लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है। विपक्षी दलों ने सरकार के इस कदम पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट (पीएलपीए) में संशोधन विधेयक-2019 को लेकर हरियाणा की मनोहर सरकार विपक्ष के निशाने पर है। शुरू से विरोध कर रही कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाने के बाद सरकार पर हमला और तेज कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैये के बाद कांग्रेस ने तेज किया हमला
मालूम हो कि 27 फरवरी को विधानसभा में संशोधन विधेयक का कांग्रेस और इनेलो के विधायकों ने जोरदार विरोध किया था। विपक्ष ने विधेयक पर चर्चा के लिए सर्वदलीय समिति बनाने का भी प्रस्ताव विधानसभा में रखा था मगर सरकार ने इस मांग को सिरे से खारिज कर संशोधन विधेयक को पारित कर दिया था।
1 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर की जीवनदायिनी अरावली के संरक्षण के लिए संशोधन विधेयक पर रोक लगा दी। कांग्रेस ने शनिवार को साफ कर दिया है कि राज्य में उनकी पार्टी की सरकार बनते ही इस संशोधन विधेयक को निरस्त कर दिया जाएगा। कांग्रेस ने मनोहर सरकार पर तीखे हमले किए हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि यह संशोधन विधेयक विधानसभा में अरावली की 60 हजार एकड़ भूमि पर 50 हजार करोड़ रुपये का घोटाला करने के लिए पारित किया गया। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के बाद बिल्डर माफिया के वह नाम भी उजागर हो जाएंगे जिनकी जमीन अरावली के प्रतिबंधित वन क्षेत्र में आ रही है।
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कांत एन्क्लेव की आड़ में सरकार कर रही है बड़ा घोटाला
कांग्रेस विधायक करण दलाल ने कहा कि सरकार पीएलपीए में बदलाव फरीदाबाद के कांत एन्क्लेव की आड़ में कर रही है। सरकार ने अधिनियम में बताया है कि 10945 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र प्रतिबंधित वन क्षेत्र में आता है, जबकि इतने बड़े हिस्से से एक भी आवेदन सरकार के पास ऐसा नहीं था कि कृषि योग्य भूमि को इस एक्ट से निकाला जाए। यदि सरकार के पास ऐसा कोई आवेदन होता उसे विधानसभा में रखा जाता। कांग्रेस विधायक इस संशोधन विधेयक के खिलाफ राज्यपाल से भी मिलेंगे।
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फरीदाबाद के चार रिहायशी सेक्टरों में भू-माफिया हुआ सक्रिय
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के फरीदाबाद में चार सेक्टर-21 सी पार्ट तीन, 44, 45 और 47 प्रतिबंधित वनक्षेत्र में आते थे। इन सेक्टरों के आवंटियों में से 60 फीसद को प्राधिकरण ने वैकल्पिक प्लॉट पिछले दस साल में दूसरे सेक्टरों में आवंटित कर दिए हैं। बकाया 40 फीसद प्लाट के आवंटियों से यहां भू-माफिया इस संशोधन विधेयक से पहले ही प्लाट खरीदने के लिए सक्रिय हो गया था।