यमुना का आंचल मैला कर रहे दिल्ली के लोग, मनोहर ने लिखा केजरीवाल को पत्र
हरियाणा में बहने वाली यमुना नदी का आंचल दिल्ली के लोग मैला कर रहे हैैं। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में बहने वाली यमुना नदी का आंचल दिल्ली के लोग मैला कर रहे हैैं। यमुना नदी में दिल्ली में 60 से अधिक गंदे नालों का पानी गिरता है, जो वापस हरियाणा पहुंच रहा है। हरियाणा ने दिल्ली के इस कारनामे पर कड़ी आपत्ति जताई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर यमुना को प्रदूषित होने से बचाने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यमुना नदी के साथ-साथ गुरुग्राम नहर में दिल्ली के लोगों द्वारा प्रदूषित पानी डाले जाने पर चिंता जताई है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा है कि वे व्यक्तिगत रूप से दखल देकर यमुना नदी व गुरुग्र्राम नहर को प्रदूषित होने से बचाएं। मनोहर लाल ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि यमुना नदी व गुरुग्राम नहर में दूषित पानी अथवा कचरा न छोड़ा जाए।
यमुना नदी सोनीपत के पल्ला गांव से दिल्ली में और फरीदाबाद जिले के गांव बसंतपुर में ओखला हेड के निकट हरियाणा में फिर प्रवेश करती है। यह दिल्ली के क्षेत्र में 52 किलोमीटर की दूरी तय करती है। इस दौरान 60 से अधिक नाले इसमें गिरते हैं, जिनमें उद्योगों अथवा बस्तियों का गंदा पानी अथवा कचरा होता है। ऐसा होने पर यमुना नदी हरियाणा में पुन प्रवेश करने से पहले अत्यंत प्रदूषित हो जाती है।
दस से पंद्रह गुणा तक बढ़ गया नदियों में प्रदूषण का स्तर
यमुना नदी व गुरुग्राम नहर का प्रदूषण स्तर बहुत अधिक बढ़ गया है। जुलाई से दिसंबर 2018 के दौरान गांव बसंतपुर में यमुना के पानी की बॉयो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड 45-46 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच गई, जबकि पानी में इसकी सीमा तीन मिलीग्राम प्रतिलीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। गुरुग्राम नहर, जो कि मेवात क्षेत्र में सिंचाई का मुख्य साधन है, उसमें बॉयो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड इसी अवधि में 32 से 45 मिलीग्राम प्रतिलीटर तक पहुंच गई।
एनसीआर के चार जिलों की सेहत और खेती हो रही प्रभावित
सीएम मनोहर लाल का कहना है कि यमुना नदी व गुरुग्राम नहर का प्रदूषित होना गहरी चिंता का विषय है, क्योंकि इनका अत्यधिक दूषित पानी गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और नूंह जिलों के लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। इससे इन जिलों में कृषि पैदावार भी बुरी तरह प्रभावित हो रही। दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करे कि केवल उपचारित पानी ही यमुना नदी में डाला जाए। इस बारे में मैैंने दिल्ली के सीएम को पत्र लिखा है।