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मनोहर लाल व दुष्यंत चौटाला बोले- कृषि विधेयक किसान हितैषी, लोगों को गुमराह कर रहे कांग्रेसी

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कृषि विधेयकों के मुद्दे पर कांग्रेस किसानों को गुमराह कर रही है। यह बिल किसान हितैषी हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 09:53 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 09:53 AM (IST)
मनोहर लाल व दुष्यंत चौटाला बोले- कृषि विधेयक किसान हितैषी, लोगों को गुमराह कर रहे कांग्रेसी

जेएनएन, चंडीगढ़। केंद्र सरकार के तीनों कृषि विधेयकों (Agricultural Bills) को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने किसान हितैषी करार दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस इन विधेयकों पर किसानों व आढ़तियों के साथ-साथ आम लोगों को गुमराह कर रही है। उसके पास कोई मुद्दा नहीं है।

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मनोहर ने कहा कि इन विधेयकों से न केवल मंडी व्यवस्था लागू रहेगी, बल्कि किसानों को हर हाल में उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता रहेगा। यदि किसी किसान को मंडी से बाहर अपनी फसल के अधिक दाम मिलेंगे तो वह बेचने के लिए स्वतंत्र होगा, अन्यथा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर तो सरकार उनकी फसल हर हाल में खरीदेगी ही।

हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कृषि विधेयकों में कहीं भी फसलों के MSP को समाप्त करने की बात नहीं कही गई है। किसानों की फसल अनाज मंडियों में बिना किसी रूकावट के निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर ही खरीदी जाएगी और ज्यादा कीमत का अवसर मिलने पर किसान चाहेंगे तो ओपन मार्केट में भी अपनी फसल बेच सकेंगे। जिस दिन अन्नदाताओं को उनकी फसल का MSP देने की व्यवस्था पर कोई आंच आएगी, उसी दिन वह अपना पद छोड़ देंगे।

मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए MSP का अधिकार बरकरार रहेगा और इस विषय पर आम लोग किसी के बहकावे में न आएं। उन्होंने कहा कि हुड्डा अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए भोले किसानों को गुमराह करने में लगे हुए हैं। नए विधेयकों का विरोध करने वाले हुड्डा ने मुख्यमंत्री रहते हुए न केवल ओपन मार्केट की वकालत की थी, बल्कि केंद्र की तात्कालीन मनमोहन सिंह सरकार द्वारा गठित समिति के चेयरमैन के तौर पर इन सिफारिशों पर दस्तख़त भी किए थे। दुष्यंत ने हुड्डा से सवाल किया कि वे किसानों को बताएं कि उनके इस दोगली नीति को अपनाने के पीछे क्या मजबूरी है और कांग्रेस प्रदेश के किसानों को क्यों गुमराह कर रही है।

मनोहर लाल ने कहा कि यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में भी कांग्रेस पार्टी के विजन डॉक्यूमेंट में कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग की वकालत की गई थी, लेकिन राजनीति से विवश कांग्रेसी आज व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं, जबकि यह किसानों के लिए खुशहाली के नए रास्ते खोलने वाला कदम है। उन्होंने किसानों की शंकाओं को दूर करते हुए कहा कि बाजरा, धान के अलावा पहली बार मक्के की फसल की भी सरकार MSP पर खरीद करेगी। सरकार द्वारा की गई खरीफ की फसल खरीद का भुगतान एक सप्ताह के भीतर-भीतर किसानों के खाते में कर दिया जाएगा। 


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