Move to Jagran APP

हुड्डा सरकार में बने 22 गोदामों का थर्ड पार्टी निरीक्षण करा रही मनोहर सरकार

हुड्डा सरकार के समय 2012-13 में बने गोदामों में भारी वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई हैं। मनोहर सरकार इसका थर्ड पार्टी निरीक्षण करा रही है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 01 May 2017 11:22 AM (IST)Updated: Mon, 01 May 2017 11:23 AM (IST)
हुड्डा सरकार में बने 22 गोदामों का थर्ड पार्टी निरीक्षण करा रही मनोहर सरकार
हुड्डा सरकार में बने 22 गोदामों का थर्ड पार्टी निरीक्षण करा रही मनोहर सरकार

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा की पिछली हुड्डा सरकार के कार्यकाल 2012-13 में निर्मित हैफेड के 22 गोदामों के थर्ड पार्टी निरीक्षण की रिपोर्ट 10 दिन के अंदर तलब की गई है। इन गोदामों का निर्माण करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से हुआ था, लेकिन वित्तीय अनियमितताओं, निर्माण में घटिया सामग्र्री का इस्तेमाल और गेलवैल्यूम शीट का इस्तेमाल नहीं होने के कारण हैफेड के चेयरमैन हरविंद्र कल्याण ने इन खामियों को गंभीरता से लिया है।

loksabha election banner

गोदाम बनाने में अनियमितताएं सामने आने के बाद हैफेड के कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तय है। गेलवैल्यूम शीट के टेंडर और खरीद के काम को हरियाणा सरकार की हाई पावर पर्चेज कमेटी ने अनुमति प्रदान कर दी है। हैफेड के चेयरमैन हरविंद्र कल्याण के अनुसार गोदाम निर्माण में बरती गई लापरवाही और लीपापोती बर्दाश्त नहीं होगी। हैफेड के वित्तीय महाप्रबंधक एसके गुप्ता को अनिमितताओं के चलते पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

चेयरमैन के अनुसार सभी 22 गोदामों के थर्ड पार्टी निरीक्षण व समीक्षा रिपोर्ट तलब करने के साथ ही कहा गया है कि सिविल वक्र्स में मिली खामियों की पूरी रिपोर्ट अलग से तैयार की जाए। हैफेड की एमडी सुकृति लिखी का कहना है कि 2014 में हैफेड के यह गोदाम बन कर तैयार हो जाने चाहिए थे। 2012-13 में गोदामों का सिविल वर्क पूरा हो चुका था। इन गोदामों पर 2013-14 से गेलवैल्यूम शीट लगाने के लिए कई बार टेंडर की प्रक्रिया अपनाने के प्रयास हुए, लेकिन चेयरमैन ने अब यह टेंडर हाई पावर पर्चेज कमेटी के माध्यम से कराने के निर्देश दिए।

सुकृति लिखी के अनुसार सिविल निर्माण कार्यों की समीक्षा के बाद सामने आया कि कई खामियां बरकरार हैैं, जिस कारण निर्माण कार्यों की थर्ड पार्टी जांच के आदेश दिए गए। हैफेड के जिन 22 गोदामों का निर्माण किया गया, उनमें कालांवाली (सिरसा), टोहाना, जाखल, रतिया (फतेहाबाद), पिपली (कुरुक्षेत्र), सांपला (रोहतक), तरावड़ी (करनाल), डिंग (सिरसा), फतेहाबाद रोड रतिया), रतिया, सहनल रोड रतिया, मुस्तफाबाद (यमुनानगर), लाडवा, भानी (कुरुक्षेत्र), बफर (करनाल), शख्ताखेड़ा (सिरसा), शुगर मिल असंध (करनाल), हांसी (हिसार), मंजूरी (करनाल), खरखौदा (सोनीपत), भोर सैयदा (कुरुक्षेत्र), कोल्हावास(चरखी दादरी), नसीरपुर(अंबाला) शामिल हैैं।

यह भी पढ़ें: सांसद निधि से देश का पहला फ्री वाई-फाई युक्त गांव बना जुगलान


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.