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लॉकडाउन भी प्रेमियों का प्यार नहीं कर पा रहा लॉक, कोर्ट में पहुंच रहे 20 फीसद से अधिक केस

लॉकडाउन में भी प्रेमी जोड़े सुरक्षा की मांग को लेकर हाई कोर्ट का रुख कर रहे हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अभी भी ऐसे कई मामले पहुंच रहे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 02:31 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 02:31 PM (IST)
लॉकडाउन भी प्रेमियों का प्यार नहीं कर पा रहा लॉक, कोर्ट में पहुंच रहे 20 फीसद से अधिक केस
लॉकडाउन भी प्रेमियों का प्यार नहीं कर पा रहा लॉक, कोर्ट में पहुंच रहे 20 फीसद से अधिक केस

चंडीगढ़ [दयानंद शर्मा]। भले ही COVID19 महामारी की वजह से पिछले दो महीने से विवाह शादियों के सभी कार्यक्रम बंद हैं। मैरिज पैलेस, वेडिंग प्लानर या संबंधित व्यवसाय ठप पड़े हैं, लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अभी भी रोजाना लगभग दो दर्जन से अधिक प्रेमी जोड़े सुरक्षा की मांंग को लेकर पहुंच रहे हैं।

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लॉकडाउन के कारण हाई कोर्ट सीमित संख्या में वीडियो कांफ्रेंसिंग से केस की सुनवाई कर रहा है। रोजाना 100 से 120 के बीच हाई कोर्ट में नए केस आ रहे हैंं, जिसमें से करीब एक चौथाई प्रेमी जोड़ों के केस आ रहे हैंं जो अपने परिजनों से जान को खतरा बताकर हाई कोर्ट से सुरक्षा की मांग करते हैंं। हाई कोर्ट ऐसे मामलों में संबधित जिला पुलिस प्रमुख या एसएचओ को निर्देश जारी कर रहा हैैै

एक तरह से हाई कोर्ट भगोड़ा जोड़ों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना है। इस समय हाई कोर्ट में मामलों की सुनवाई अत्यधिक प्रतिबंधात्मक है और केवल 100 मामलों (कभी-कभी अधिक) की प्रतिदिन बेंच द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की जा रही है। सामान्य दिनों में भी हाई कोर्ट में जब रोजाना एक हजार से अधिक नए केस सुनवाई लिए आते हैंं तो उसमें से करीब दस प्रतिशत मामले प्रेमी जोड़ों से जुड़े होते हैंं।

हाई कोर्ट के सामने आने वाले अधिकतर प्रेमी जोड़े पंजाब और हरियाणा से हैंं, चंडीगढ़ से कम ही प्रेमी जोड़े आते हैंं।

हरियाणा, पंजाब से आने वाले प्रेमी जोड़े चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली पहुंचते हैं और स्थानीय गुरुद्वारों या मंदिरों में शादी करने के बाद परिजनों से खतरा बताते हुए हाई कोर्ट के समक्ष सुरक्षा की गुहार लगाते है।

भगोड़े दंपतियों के मामलों को अक्टूबर 2002 के बाद पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सुनना शुरू किया था। जुलाई 2012 में हाई कोर्ट ने डिप्टी कमिश्नरों, पुलिस अधीक्षकों और जिला और सत्र न्यायाधीशों को इन जोड़ों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करने का अधिकार दिया था।

कोर्ट ने प्रेमी जोड़ों की काफी संख्या में याचिका हाई कोर्ट में आने और केस का बोझ को कम करने के लिए यह निर्णय लिया था, लेकिन अधिकतर प्रेमी जोड़े जिलास्तर पर कम हाई कोर्ट में ज्यादा सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैंं। वर्तमान हालात में जब केवल चुनिंदा केस फाइल हो रहे फिर भी इतनी अधिक संख्या में प्रेमी जोड़ों का हाई कोर्ट पहुंचना साफ संकेत देता है कि लॉकडाउन में भी प्रेम लॉक नहींं किया जा सकता।


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