हरियाणा में माननीयों की शर्मनाक हरकत, विस में निकले जूते; सदन की मर्यादा हुई तार-तार
हरियाणा विधानसभा के मॉनसून सत्र के अंतिम दिन सदन में भारी हंगामा हुआ और मर्यादाएं टूट गईं। करण दलाल व अभय चौटाला पर जूते निकाल लिये। दलाल काे सदन से एक साल के लिए निलंबित किया।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हालत पैदा हो गई। सदन में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक करण सिंह दलाल और इनेलो विधायक व नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला के बीच भिड़ंत हो गई। शब्दों की सीमाएं लांधने के संग-संग सदन की मर्यादा भी इस दौरान ताक पर रख दी गई। आपे से बाहर हुए कांग्रेस विधायक दलाल और चौटाला ने एक-दूसरे पर जूते निकाल लिये। करण दलाल को इस व्यवहार के लिए विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया। दूसरी आेर, करण दलाल ने अपने निलंबन को अदालत में चुनौती देने की बात कही। वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने दलाल और चौटाला के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया।
करन दलाल और अभय चौटाला ने एक-दूसरे पर जूते निकाले, हुई गाली गलौज
मंगलवार को विधानसभा के अंतिम दिन दोपहर बाद कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल और इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला में नोकझोंक हो गई। दाेनों की कहासुनी बढ़ती चली गई और इस दौरान शब्दों की मर्यादा टूट गई। इसके बाद दोनों आमने-सामने हो गए अौर उनके बीच भिड़ंत की नौबत आ गई। इस दौरान आपे से बाहर आए करण सिंह दलाल और अभय चौटाला ने अपने जूते निकाल लिये।
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विवाद उस समय शुरू हुआ जब विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा प्रदेश को कलंकित कहे जाने के मुद्दे पर करण सिंह दलाल के खिलाफ़ भाजपा विधायकों द्वारा प्रस्ताव लाए जाने पर समर्थन करने की कही। इस पर करण सिंह दलाल भड़क गए आैर चौटाला पर बिफर पड़े। दोनों के बीच गाली गलौच होने लगी।
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इसके बाद माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अन्य सदस्यों ने बीच बचाव किया और दोनों सदस्यों को अलग किया। हालत यह हो गई कि मार्शलों को बीच बचाव करना पड़ा। शोर-शराबे और तनाव के कारण सदन की कार्यवाही थोड़ी देर के लिए स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद अभय सिंह चौटाला ने कहा कि करण सिंह दलाल से बाहर मत निकलना मैं तेरा इलाज करता हूं।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने करण सिंह दलाल को एक साल के लिए सदन से निलंबित करने का प्रस्ताव रखा। इस पर चर्चा चल के बाद प्रस्ताव को मंजूर कर लिया। प्रस्ताव पर चर्चा केे दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दलाल के पक्ष में दलील रखने की कोशिश की, लेकिन यह पारित हो गया और करण सिंह दलाल को सदन की कार्यवाही से एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया।
विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते कांग्रेस विधायक करण सिंह दलाल।
बाद में वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने सदन में गाली गलौज करने और जूता निकालने को लेकर अभय सिंह चौटाला और करण सिंह दलाल के खिलाफ निंदा प्रस्ताव रखा। इस पर सदन में हंगामा हो गया। दोनों विधायकों के आचरण को अशोभनीय मानते हुए सदन ने निंदा प्रस्ताव को पारित कर दिया। इस प्रकरण को लेकर सदन दो बार स्थगित हुआ।
दलाल ने प्रदेश के ढाई करोड़ लोगों का अपमान किया : अभिमन्यु
करण दलाल के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने रखा। कैप्टन ने कहा कि चूंकि दलाल ने हरियाणा को कलंकित प्रदेश कहा है और यह प्रदेश के 2.5 करोड़ लोगों का अपमान है। इसलिए उन्हें इसकी सजा मिलनी चाहिए। सदन की गरिमा को बनाए रखने के लिए यह आवश्यक था। हम सबको भाषाई मर्यादा को बनाए रखना चाहिए।
दलाल ने मेरे पिता और दादा को अपशब्द कहे
अभय चौटाला ने कहा कि करण दलाल ने पहले उन्हें अपशब्द कहे, फिर उनके पिता चौधरी ओमप्रकाश चौटाला और दादा चौधरी देवीलाल के बारे में अपशब्द कहे। इसलिए उन्हें गुस्सा आ गया। हालांकि सदन में जब चौटाला यह बयान दे रहे थे तो अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर ने कहा कहा कि दलाल के मुंह से उन्हें चौधरी देवीलाल संबंधी कोई बात नहीं सुनी।
हुड्डा ने दलाल की तरफ से मांगी माफी
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडडा,विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रघुबीर कादियान,कुलदीप शर्मा व अन्य कांग्रेस विधायकों सहित निर्दलीय विधायक जयप्रकाश ने दलाल को एक साल के लिए निलंबित करने को विधानसभा के नियमों के विरुद्ध बताया और निलंबन का निर्णय वापस लेने की मांग की। हुड्डा ने तो दलाल की तरफ से माफी भी मांगी, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर ने सदन के निर्णय को पलटने से इन्कार कर दिया।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि दलाल की बात को सदन में गलत तरीके से लिया गया। इसके बावजूद मैंने सदन में खड़े होकर जब दलाल की तरफ से माफी मांग ली तो फिर यह मामला खत्म हो जाना चाहिए था। दलाल का एक वर्ष की अवधि के लिए निलंबन सदन के नियमों के खिलाफ है। हमने अध्यक्ष को नियम भी दिखाए।
विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा।
हुड्डा बोले, भाजपा और इनेलो के बीच मिलीभगत
बाद में विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने करण सिंह दलाल के खिलाफ की गई कार्रवाई पर सवाल उठाया। विधानसभा के बाहर आने के बाद हुड्डा ने कहा कि पूरे मामले में भाजपा और इनेलो की मिलीभगत थी। जो व्यक्ति (करण सिंह दलाल) अपनी सफाई देने चाहता था उसे तो बाहर निकाल दिया और जिसने जूता निकाला उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। सारा मिलीभगत दी गई।
'मैं सीबीआइ का गवाह, चौटाला का दर्द समझता हूं'
दलाल ने कहा कि वह अभय चौटाला का दर्द समझ सकते हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामलों में वह अभय के खिलाफ सीबीआइ के गवाह हैं। इसलिए चौटाला गरीबों के राशन कार्ड रद करने के मुद्दे पर सत्तापक्ष का साथ दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभय गलत बयान दे रहे हैं। दलाल ने कहा कि उन्होंने चौधरी देवीलाल के बारे में एक भी शब्द नहीं कहा।
करण सिंह दलाल ने कहा- निलंबन को अदालत में चुनौती दूंगा, गीदड़ भभकी से नहीं डरता
पत्रकारों से बातचीत में करण सिंह दलाल ने पूरे मामले पर अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि विधानसभा में गरीबों की हक की बात की और उनके राशन कार्ड की मामला उठाया। दलाल ने कहा, मैंने कहा कि बीपीएल के हक पर डाका डाला जा रहा है। अपने जवाब में मंत्री जी ने माना भी की 25 हजार लोगों के राशन कार्ड कटे हैं। इस प मैंने कहा कि गरीबों के हक को लूट कर हरियाणा को कलंकित किया जा रहा है। इससे बौखाला कर सारा कुछ किया गया।
दलाल ने कहा, विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला बीच में कूद पड़े। वह बीजेपी से मिले हुए हैं1 मेरे बारे में उनको हमेशा दर्द रहा है। वह पहले भी इस तरह ही गीदड़ भभकियां विधानसभा में देते रहे हैं, लेकिन मैं इन लोगों से नहीं डरता। मैंने पहले भी इनका मुकाबला किया है और आगे भी करने में सक्षम हूं। दलाल ने कहा, मैं विधानसभा में भाजपा या इनेलो की मेहरबानी से नहीं आया है। मुझे मेरे इलाके के 36 बिरादरी के लाेगों ने चुनकर भेजा है। मैं किसी से नहीं डरता अौर ऐसे लोगों को सबक सिखाना मुझे आता है। मैंने चौटाला परिवार का हमेशा मुकाबला किया है और आगे भी करुंगा।
दलाल ने माना कि विधानसभा में उन्होंने भी जूता उतारा। उन्होंने कहा कि आज विधानसभा से अभय सिंह चौटाला को निकालना चाहिए था। वह विपक्ष का नेता है और जूते निकालता है। मैं गरीबों की आवाज उठा रहा था और उनको तो मेरा साथ देना चाहिए था। पत्रकारों के यह पूछने पर कि क्या आपने भी जूता उतारा था तो दलाल ने कहा तो क्या मैं फूलाें की माला पहनाता।
दलाल ने कहा कि चौटाला परिवार के खिलाफ सीबीआइ जांच में मैंने गवाही दी है और इसी कारण ये लोग मुझसे खुन्नन है। मैं इनकी गीदड़ भभकियाें में नहीं आने वाला। जहां तक मुझे एक साल के विधानसभा से निकालने का मामला है जो अदालत के समक्ष इनका आदेश औंधेमु्ंह गिरेगा। इसके खिलाफ अदालत और जनता दाेनों के समक्ष हम लड़ाई लड़ेंगे।
निर्दलीय विधायक जेपी ने कहा- सदन में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ी
वहीं, निर्दलीय विधायक जेपी ने कहा कि सदन में आज लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई गईं। सदन में कांग्रेस विधायक करन सिंह दलाल ने 25 लाख गरीब परिवारों के राशन कार्ड काटने की बात की थी। उन्होंने यह नहीं कहा था कि हरियाणा कलंक है। जेपी ने नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला पर सत्ता पक्ष से मिलीभगत का आरोप लगाया। कहा कि अभय ने ही सत्ता पक्ष के साथ मिलकर दलाल को सदन से निलंबित करवाया है। जेपी ने कहा कि जब सदन में हुड्डा ने माफी मांग ली थी तो फिर ऐसे फैसले की क्या जरूरत थी।
जेपी ने कहा 2001 में सदन में इनेलो विधायक भागी राम ने कैप्टन अजय यादव को जूती दिखाई थी, लेकिन तुरंत तत्कालीन सीएम ओपी चौटाला ने माफी मांग ली। जेपी ने कहा पक्ष और विपक्ष जब मिल गया है। नेता प्रतिपक्ष जूता निकाल रहा और सरकार की मिलीभगत है। इसको लेकर मैंने वॉक आउट किया है। जेपी ने कहा नेता प्रतिपक्ष ही जब सत्तापक्ष से मिल जाए ये जनता के साथ धोखा है। जनता को सोचना चाहिए कि विपक्ष को क्या इसलिए सदन में भेजा था वह सरकार के साथ मिल जाए।